बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 इतिहास बीए सेमेस्टर-4 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 6
औपनिवेशिक भारत में शिक्षा का विकास
(Development of Education
in Colonial India)
अन्य यूरोपीय देशों की भाँति अंग्रेजों का भी ध्यान भारत में शिक्षा - प्रसार की ओर गया और ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने सन् 1664 ई. से ही प्रोटेस्टैण्ट धर्म का प्रचार करने के उद्देश्य से भारतीयों को प्रशिक्षित करना प्रारम्भ कर दिया। 1698 ई. में भारत की अंग्रेज बस्तियों में पाठशालाओं की स्थापना कर भारत में अंग्रेजी शिक्षा का सूत्रपात किया गया। 1715 ई. में कम्पनी ने मद्रास में सेंट मेरी चैरिटी स्कूल की स्थापना की। ईसाई धर्म प्रचारकों ने भी शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया। इस क्षेत्र में वारेन हेस्टिंग्स के कार्य विशेष उल्लेखनीय हैं। उसने कलकत्ता में इस्लाम धर्म के साहित्य के अध्ययन के लिये 1781 ई. में एक मदरसा की स्थापना करवाई। इसके पश्चात् 1791 ई. में बनारस में कम्पनी के रेज़ीडेण्ट जोनाथन डंकन ने एक 'संस्कृत कॉलेज' की स्थापना की। इस कॉलेज का मुख्य उद्देश्य यूरोपीय न्यायाधीशों. की सहायता करने के लिये योग्य जूरियों एवं शासकों को उत्पन्न करना था।
अंग्रेजी शिक्षा पद्धति की स्थापना अंग्रेजों ने क्लर्कों को उत्पन्न करने तथा भारतीयों में गुलामी की मानसिकता को बनाये रखने के उद्देश्य से की थी, परन्तु भारतीय जनता के शिक्षित हो जाने से उनमें जागरूकता बढ़ गयी जिसके फलस्वरूप उन पर मनमाना अत्याचार करना सम्भव न हो सका।
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