बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 3
आन्तरिक सज्जा
(Interior Designing)
आन्तरिक सज्जा को ही गृह-सज्जा के नाम से भी जाना जाता है। गृह-सज्जा गृह को सुन्दर, सुविधापूर्ण एवं आकर्षक बनाने वाली सभी कलाओं, वैज्ञानिक तथ्यों तथा सिद्धान्तों का सम्मिश्रण है। वस्तुतः समस्या को पहचानना, हल करने का प्रयास करना तथा घर को सुन्दरतामय बना देंना, देखने वाले को अपनी ओर खींचने का गुण भर देना ही गृह सज्जा है। आन्तरिक सज्जा एक सृजनात्मक कला है जो कि एक साधारण घर धरती की भी कायापलट कर सकती है। यह घर में रहने वालों की मूलभूत एवं सांस्कृतिक आवश्यकताओं तथा घर में उपलब्ध स्थान एवं उपकरणों के मध्य समायोजन करने की कला तथा घर में एक सुन्दर वातावरण बनाने का प्रयास है।
आन्तरिक सज्जा विशेष रूप से मकान की संरचना से प्रभावित होती है। फिर घर तथा आस-पास का सम्पूर्ण वातावरण भी उस पर प्रभाव डालता है। कुछ मुख्य तत्त्व भी गृह सज्जा को प्रभावित करते हैं। यथा— संरचनात्मक तत्व, वातावरण के तत्व, फर्नीचर और कुछ अन्य तत्व पर्दे तथा फर्श के बिछावन गृह-सज्जा को विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। पर्दे सिर्फ घर की सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये अवांछित प्राकृतिक तत्वों पर नियंत्रण भी करते हैं और हमें एकान्तता भी प्रदान करते हैं। ये खिड़कियों के दोष को छिपाकर प्रदूषण नियंत्रण का भी कार्य करते हैं। आजकल पर्दे भी अनेक प्रकार के आ रहे हैं जिनमें से हम अपनी आवश्यकतानुसार चुनाव कर सकते हैं। घर की सुन्दरता बढ़ाने में फर्श की सजावट का भी महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। क्योंकि ये कमरे की सजावट में पृष्ठभूमि का कार्य करते हैं और फर्श की कुरूपता को छिपाने में भी मदद करते हैं। फर्श बिछावन भी अनेक प्रकार के होते हैं जिनमें एस्फाल्ट लिनोलियम, विनाइल सटी और टाइल, रबर टाइल आदि मुख्य हैं। आकार के आधार पर फर्श बिछावन भी कई प्रकार का हो सकता है। यथा-कारपेट, रंग और रनर आदि। तंतु के आधार पर दरी व गलीचे भी कई प्रकार के होते हैं जिनमें से अपनी आवश्यकता के अनुसार हम चयन कर सकते हैं।
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