बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 8
पुष्प सज्जा
(Flower Arrangement)
पुष्प-सज्जा घर को सजाने की एक मनोहारी व्यवस्था है। इसमें गृहे आदि को सजाने के लिए फूलों, पत्तियों, टहनियों आदि का प्रयोग किया जाता है। वास्तव में फूलों, पत्तियों, टहनियों तथा कुछ अन्य वस्तुओं को करीने से सजाकर किसी पात्र में रखना ही पुष्प संयोजन कहलाता है। फूलों से मानव का लगाव आदि काल से रहा हैं। पुष्प व्यवस्थित करने से आनन्द की अनुभूति होती है और पुष्प व्यवस्था के पूर्ण होने पर मानव को संतोष प्राप्त होता है। अतः पुष्प व्यवस्था को पुष्पो, अन्य पौध सामग्रियों तथा फूलदान के अनुरूपता युक्त संगठन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें स्वरूप पोत तथा रंगों के मध्य एकरूपता स्थापित की जाती है। पुष्प सज्जा कोई मनमानी व्यवस्था नहीं है बल्कि इसमें भी अनेक तत्वों का ध्यान रखना पड़ता है। पुष्प सज्जा के लिए एक फूलदान आवश्यक होता है, साथ-ही-साथ इससे संबंधित सामग्री भी आवश्यक होती है और इसकी आकृति एवं अभिव्यक्ति भी महत्त्वपूर्ण होती है। साथ ही स्वरूप, पोत तथा रंगों के मध्य एकरूपता भी आवश्यक होती है।
पुष्प सज्जा का उद्देश्य वातावरण को प्रसन्नता, सौन्दर्य तथा जीवन प्रदान करने के साथ-साथ ताजगी भी प्रदान करना हैं। यह एक उपयोगी कला है। यह न केवल स्वास्थ्य और सौन्दर्य के दृष्टिकोण से बल्कि व्यक्तिगत और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण होती हैं। यह हमें आत्मिक संतुष्टि तो देती ही है, साथ ही साथ आर्थिक दृष्टिकोण से भी हमारे लिए उपयोगी होती है। पुष्प सज्जा की अनेक शैलियाँ होती हैं जिसमें मुख्य हैं- अमेरिकन शैली, फेडरल क्लासिक जापानी शैली तथा आधुनिक शैली । फूलदानों में फूलों एवं टहनियों को स्थिर एवं दृढ़ रखने के लिए भी कुछ वस्तुओं की आवश्यकता होती है। जिसमें स्टेम होल्डर की व्यवस्था महत्त्वपूर्ण है । पुष्पसज्जा हेतु अनेक उपसाधनों के साथ-साथ पात्र के माप के नियम, टहनी लगाने के नियम, स्थान आदि भी महत्त्वपूर्ण होते हैं। पुष्प व्यवस्था अनेक प्रकारों से की जा सकती है जिसमें मुख्य हैं-
(क) रेखीय डिजाइन में पुष्प व्यवस्था,
(ख) समूह शैली में पुष्प व्यवस्था,
(ग) मिली-जुली पुष्प व्यवस्था तथा
(घ) लघु व्यवस्था ।
रेखीय डिजाइन मुख्यतः रेखाओं पर आधारित होती हैं जबकि सामूहिक पुष्प व्यवस्था में रेखाओं की अपेक्षा रंगों को अधिक महत्त्व दिया जाता है और मिली जुली पुष्प व्यवस्था उपरोक्त दोनों व्यवस्थाओं का मिला-जुला रूप होता है।
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