बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 भूगोल बीए सेमेस्टर-4 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 13
विश्व व्यापार संगठन एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
(World Trade Organization
and International Trade)
वर्तमान विश्व एवं जटिल तन्त्र है। विश्व की 207 राष्ट्रीय इकाईयाँ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा परस्पर आबद्ध है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार बहुत हद तक किसी देश की आर्थिक सम्पन्नता एवं विकास स्तर का परिचालक है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रसार-संकुचन, सुविधा व्यवधान के अनुसार राष्ट्रीय अर्थतन्त्र में समृद्धि - विपन्नता तथा उसके आन्तरिक भूवैन्यासिक संगठन में परिवर्तन होते रहते हैं। विश्व का कोई भी राष्ट्र सर्वथा आत्मनिर्भर या पृथक नहीं रह सकता। सम्पूर्ण विश्व में, न्यूनाधिक श्रम विभाजन एवं विशेषीकरण की प्रवृत्ति झलकती है। प्रत्येक राष्ट्र के अर्थतंत्र में उत्पादन में अधिकाधिक विशेषीकरण एवं विविधता तथा उपभोग समानता की प्रवृत्ति बलवती होती जा रही है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार ऐसा माध्यम है जो प्रकृति प्रदत्त संसाधनों में विषमता को पाटकर सम्पूर्ण विश्व में मानव जीवन स्तर में समानता लाने में समर्थ है। वाल्टर को आइजार्ड के शब्दों में अवस्थिति एवं व्यापार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जो शक्तियाँ एक प्रभावित करती हैं वहीं तत्काल दूसरे को भी प्रभावित करती हैं। अतः स्पष्ट है कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार राष्ट्रीय व्यापार एवं राष्ट्रीय अर्थतन्त्र में विभिन्न कार्यकलाप जैसे - कृषि उद्योग, उत्खनन की अवस्थिति को प्रभावित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है तथा इस प्रकार सम्पूर्ण भूवैन्यासिक संगठन के स्वरूप का भी निरूपण करता है। आयात-निर्यात उन्मुख पदार्थों से सम्बन्धित उद्योग प्रायः प्रमुख पत्तनों के आस-पास स्थापित होते हैं।
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