बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 8 - उत्पादन फलन
(Production Function)
उत्पादन की क्रिया को पूरा करने के लिए एक उत्पादक श्रम, पूँजी, भूमि, संगठन तथा साहस की मात्रा लगाता है, पर कोई भी उत्पादन क्रिया केवल इन्हीं साधनों के संयोजन से पूरी नहीं की जा सकती है। कुछ अन्य साधनों की भी आवश्यकता पड़ती है। वे सभी साधन जिनके सहयोग से उत्पादन क्रिया पूरी की जाती है, 'आगत' कहलाते हैं तथा इनके सहयोग से जिस वस्तु का उत्पादन किया जाता है उसे 'निर्गत' कहा जाता है। जे.एस. मिल उत्पादन के दो साधनों-भूमि तथा पूँजी की बात की। मार्शल ने चार साधनों भूमि, पूँजी, श्रम तथा संगठन की बात की। जिस प्रकार से कोई विवेकपूर्ण उपभोक्ता अपने सीमित साधनों के बल पर अपनी संतुष्टि को अधिकतम करने का प्रयास करता है उसी प्रकार एक विवेकपूर्ण उत्पादक भी यह प्रयास करता है कि वह आगतों की एक निश्चित मात्रा के द्वारा निश्चित की अधिकतम मात्रा प्राप्त करे अथवा निर्धार्तों की किसी की हुई मात्रा को न्यूनतम लागत पर प्राप्त करे।
इस प्रकार उत्पादक की प्रमुख समस्या साधनों के अनुकूलतम प्रयोग की है जिससे एक उत्पादन न्यूनतम लागत के द्वारा अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर सके। इस प्रकार स्पष्ट है कि आगतों तथा निर्गतों के बीच एक तकनीकी संबंध होता है जो यह स्पष्ट करता है कि उत्पादक आगतों की एक निश्चित मात्रा से अधिकतम कितना उत्पादन प्राप्त कर सकता है। इस तकनीकी संबंध को ही 'उत्पादन फलन' कहते हैं।
यदि श्रम को L, पूँजी को K तथा साहस को E तथा उत्पादन को Q से व्यक्त किया जाय तो हम उत्पादन फलन को इस रूप में व्यक्त कर सकते हैं -
Q = f(L, K, E)
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