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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2733
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

महत्वपूर्ण तथ्य

• कौटिल्य ने अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र में राजा, मन्त्रियों, एवं सरकारी अफसरों के कर्तव्यों, प्रशासन सम्बन्धी विधियों को विस्तारपूर्वक उल्लेख किया है।

• कौटिल्य के अनुसार धन का अर्थ अत्यन्त विस्तृत था। इसके अन्तर्गत उसने मुद्रा, वस्त्र, प्राप्त किया हुआ धन, सरकारी अथवा निजी सम्पत्ति, बहुमूल्य धातु, संचित धन, उपयोग किया जाने वाला धन, हस्तान्तरित किया जा सकने वाला धन सम्मिलित किये थे।

• कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कृषि को प्रथम स्थान दिया गया है।

• कौटिल्य का राज्य सम्बन्धी विचार औद्योगिक आधारशिला पर आधारित था।

• गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के गाँव कोटलुक में पिता कृष्णराव तथा माता सचलाबाई के परिवार में 9 मई, 1866 को हुआ।

• गोपाल कृष्ण गोखले को राजनीतिक दृष्टिकोण इतना कुशाग्र एवं विस्तृत था कि गाँधी जी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।

• गोपाल कृष्ण गोखले गवर्नर-जनरल की परिषद के सदस्य रहे। बहुत विलक्षण व्यक्ति ही इस पद पर पहुँचते थे।

• गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय जनता पर करों के भारी बोझ के विरोधी थे। उन्होंने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में सरकारी कर नीति की आलोचना की।

• गोपाल कृष्ण गोखले ने बजट के सन्दर्भ में यह विचार दिया कि व्यय के विविध मदों पर पूर्ण रूप से विचार करने के बाद ही उसे पारित किया जाना चाहिए।

• गोपाल कृष्ण गोखले के विचारानुसार भारतीय उद्योगों के लिए संरक्षण व सतर्क व विवेकसंगत नीति अपनाना आवश्यक था।

• डॉ. डी.आर. गाडगिल के अनुसार देश के आर्थिक परिवर्तन में सबसे महत्वपूर्ण घटना रेलवे नीति, पूंजी निवेश नीति तथा भारत की तकनीकी शिक्षा नीति में आए के कारण हस्तशिल्पों का गिरावट थी।
• गाडगिल मौजूदा मजदूरी दर प्रणाली में बड़ी खामियों की ओर इशारा करते हैं-
(i) औद्योगिक श्रमिकों के वेतन का निम्न स्तर, और
(ii) समान कार्य के लिए भुगतान की गई मजदूरी के बीच असमानता। देशभर में लागू वाला श्रम कानून भी लागू है।

• गाडगिल की पुस्तक युद्ध और भारतीय अर्थव्यवस्था में 1939-43 के युद्ध काल में मुद्रा के विनिमय के कारण उत्पन्न मुद्रास्फीति पर प्रकाश डाला है।

• लोहिया के आर्थिक विचार की प्रमुख विशेषता यह थी कि वे नियोजन एवं उत्पादन पर बल देते थे।

• डॉ. लोहिया के आर्थिक विचारों की यह भी एक विशेषता है कि वे सामाजवाद व उपनिवेशवाद का विरोध करते हैं।

• डॉ. लोहिया इस मत के पक्षधर थे कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं व सेवाओं का होना चाहिए। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से विकसित व अल्पविकसित दोनों ही देशों को लाभ होना चाहिए।

• डॉ. लोहिया के विचारों की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि वे आर्थिक क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी मशीनों के अत्यधिक प्रयोग पर बल नहीं देते थे। उनका मानना था कि मशीनों का अत्यधिक प्रयोग मजदूरों को बेरोजगार कर देता है।

• पं. नेहरू को हम आर्थिक नियोजन का संस्थापक कह सकते हैं।

• 1935 में काँग्रेस राष्ट्रीय नियोजन समिति के अध्यक्ष पद से भाषण देते हुए नेहरू जी ने कहा था कि, “देश को विकसित करने के लिए नियोजन की व्यवस्था आवश्यक है।" कि उसे पूर्ण स्वतंत्रता मिले, राज्य अब पर किसी प्रकार का नियंत्रण न रहे।

• पंडित नेहरू ने समाजवाद स्थापना के लिये नेहरू ने देश के महत्वपूर्ण उद्योगों को सरकारीकरण करने की एवं लघु उद्योगों को संरक्षण देने की बात को प्रमुख रूप से रखा।

• उनका भी यह विश्वास था कि जब तक देश में बड़े उद्योग-धन्धों का विकास नहीं किया जायेगा तब तक देश विकसित नहीं कर सकता है।

• डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने सामाजिक व आर्थिक विचारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

• अम्बेडकर ने तर्क दिया कि मार्केटेबल की मात्रा को प्रकृति के परिचय से जोड़ा जाना चाहिए और कहा कि सोने के विनिमय मानक में स्थिरता, मूल्य नहीं है। जो भारत जैसे विकासशील देश के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।

• अम्बेडकर ने कृषि में छोटी जातियों की समस्या पर व्यापक शोध किया। उन्होंने आर्थिक जोत की पारम्परिक परिभाषा की आलोचना की।

• डॉ. अम्बेडकर का मत था कि व्यापक औद्योगीकरण के बिना भारत का तीव्र विकास असम्भव है।

• राधेश्याम दत्त ने भारत में विनिवेश को नियन्त्रित करने के लिए अनेक उपायों के उपयोग पर जोर दिया।

• प्रमुख सुझाव यह था कि अगले लगभग 30 वर्षों से अधिक समय तक विदेशी विनिवेश का विस्तार लगभग 6% से अधिक दर से न लगाया जाये और इससे प्राप्त होने वाली आय को भारत के घरेलू ऋण के लिए उपयोग किया जाये।

• प्रो. अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवम्बर 1933 को शान्तिनिकेतन में हुआ। इन्हें वर्ष 1998 का अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया। प्रो. सेन नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले छठवें व्यक्ति तथा वे प्रथम एशियाई अर्थशास्त्री हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्र विषय में दिया गया है।

• प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने विभिन्न आर्थिक विषयों पर लगभग 20 पुस्तकें लिखी हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :
(i) कलेक्टिव चॉइस एण्ड सोशल वेलफेयर
(ii) पॉवर्टी एण्ड फेमाइन्स
(iii) ऑन इकोनोमिक्स
(iv) इकोन डेवलपमेंट,
(v) ऑन इकोनोमिक इनइक्वैलिटी

• प्रो. अमर्त्य सेन के अनुसार, “क्षमता कल्याण पाने के लिए प्राथमिक वस्तुओं के रूपान्तरण की योग्यता होती है।”

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