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बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2732
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 17  समुद्री यात्रा खाते

(Voyage Accounts)

एक स्थान से दूसरे स्थान को जलयान (Ship) द्वारा माल पहुँचाने के कार्य में जहाजरानी कम्पनियाँ (Shipping Companies) कार्य करती हैं। इनका कार्य एक बन्दरगाह से दूसरे बन्दरगाह को माल पहुँचा कर भाड़ा (Passage Money) प्रात करना होता है। कभी-कभी कुछ यात्री भी इनमें यात्रा करते हैं जिनसे यात्री भाड़ा (Passage Money) प्राप्त किया जाता है। वर्ष का लाभ या हानि ज्ञात करने के लिये ये कम्पनियाँ भी दोहरा लेखा प्रणाली पर अपने खाते तैयार करती हैं परन्तु प्रत्येक यात्रा का अगल-अलग लाभ या हानि जानने के लिए समुद्री यात्रा खाता (Voyage Account) भी तैयार किया जाता है। इसके लिए एक समुद्री यात्रा खाता बही (Voyage Ledge) भी रखा जाता है जिसमें प्रत्येक जहाज की प्रत्येक यात्रा का खाता तैयार किया जाता है जिसके क्रेडिट पक्ष में माल भाड़ा तथा यात्री भाड़ा से प्राप्त आय का लेखा किया जाता है तथा डेबिट पक्ष में व्ययों का लेखा किया जाता है। आय अधिक होने पर लाभ तथा व्यय अधिक होने पर हानि होती है।

पूर्ण समुद्री यात्रा सम्बन्धी खात

जिस बन्दरगाह से जलयान यात्रा प्रारम्भ करता है और जिस बन्दरगाह को माल ले जाता है वहाँ पहुँचने पर यात्रा पूर्ण समझी जाती है। ऐसी दशा में प्राप्त भाड़ा तथा यात्री भाड़ा इस खाते में क्रेडिट किये जाते हैं तथा सभी व्यय इस खाते में डेबिट किये जाते हैं। अन्त में शेष ईंधन व डीजल का स्टॉक भी क्रेडिट करते हैं, अब यदि क्रेडिट पक्ष का योग अधिक हो तो अन्तर की राशि हानि होती है। यदि जलयान वापस भी प्रारम्भिक बन्दरगाह पर आ गया हो तो भी यात्रा पूर्ण मानी जाती है। वापसी यात्रा का भाड़ा भी क्रेडिट कर दिया जाता है तथा वापसी यात्रा के व्यय भी सभी व्ययों में शामिल करके लाभ या हानि ज्ञात की जाती है।

अपूर्ण यात्रा सम्बन्धी खाते

जहाजी कम्पनी अपने वार्षिक खाते बन्द कर रही हो और जलयान दो बन्दरगाहों के बीच कहीं पर स्थित हो अर्थात् समुद्री यात्रा बन्दरगाह के चलकर आरम्भ कर चुका हो किन्तु गन्तव्य स्थान पर न पहुँचा हो तो वार्षिक खातों के लिये समुद्री यात्रा अपूर्ण (Incomplete) मानी जाती है। इसे चालू समुद्री यात्रा (Voyage - in Progress) कहते हैं। इस अपूर्ण यात्रा के सम्बन्ध में लाभ केवल उस यात्रा के उस भाग पर निकालते हैं जो पूर्ण हो चुकी हो।

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