बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 2 लेखांकन : आशय, प्रकृति तथा कार्यक्षेत्र
(Accounting : Meaning, Nature and Scope)
लेखांकन को व्यवसाय की भाषा कहा जाता है। किसी भाषा का भौतिक कार्य संचार के एक माध्यम के रूप में काम करना होता है। लेखांकन भी इस कार्य को भली प्रकार निभाता है। यह एक सूचना प्रणाली है जो लेखांकन सूचनाओं के उपयोगकर्त्ताओं (चाहे आन्तरिक हो या बाहरी) को सम्प्रेषित करता है ताकि वे उचित निर्णय लेने में समर्थ हो सकें।
लेखांकन की परिभाषा के विषय में विद्वानों में सदैव मतभेद रहा है। इसलिए इसकी कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं दी जा सकती। लेकिन सभी प्रचलित परिभाषाओं में अमेरिका के सर्टिफाइड पब्लिक एकाउन्टेंट्स द्वारा दी गई निम्नलिखित परिभाषा सर्वश्रेष्ठ एवं अधिकृत मानी जाती है। "लेखांकन व्यवसाय के लेखों एवं घटनाओं को जो पूर्णरूपेण या आंशिक रूप से वित्तीय होते हैं, मुद्रा के रूप में प्रभावशाली ढंग से लिखने, वर्गीकृत करने तथा सारांश में व्यक्त करने एवं उनके परिणामों की आलोचनात्मक विधि से व्याख्या करने की कला है।" इस प्रकार लेखांकन की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
(1) लेखांकन व्यावसायिक लेनदेनों को लिखने और वर्गीकृत करने की कला है।
(2) ये लेनदेन पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से वित्तीय प्रकृति के होते हैं और प्रायः (लेकिन सदैव नहीं) मृद्रा के व्यक्त किए जाते हैं।
(3) यह सारांश लिखने, विश्लेषण और निर्वचन करने ( analysis and interpretation) की कला है।
(4) विश्लेषण एवं निर्वचन की सूचना उन व्यक्तियों को दी जानी चाहिए, जिन्हें इनके आधार पर परिणाम निकालने हैं, अथवा निर्णय लेने हैं।
लेखांकन की शाखायें - लेखांकन को निम्न तीन शाखाओं में विभाजित किया जा सकता है-
(a) वित्तीय लेखांकन - इसमें विभिन्न व्यावसायिक लेनदेनों का विवरण रखना, जर्नल लेखे करना, खातों में पोस्टिंग करना, तलपट, लाभ-हानि खाता तथा चिट्ठा बनाना सम्मिलित है।
(b) लागत लेखांकन - इसमें उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं की लागत की गणना की जाती है। लागत में शामिल लागत के विभिन्न तत्वों का विस्तृत विवरण रखा जाता है और यह भी ज्ञात किया जाता है कि वस्तु की कुल लागत में लागत के विभिन्न तत्वों का कितना भाग है। लागत लेखांकन का उपयोग लागत नियन्त्रण के लिये भी किया जाता है।
(c) प्रबन्धकीय लेखांकन - इसमें वित्तीय लेखांकन तथा लागत लेखांकन के आँकड़ों का प्रयोग प्रबन्ध द्वारा विभिन्न प्रकार के निर्णय लेने के लिये किया जाता है। प्रबन्धकीय लेखांकन का प्रयोग व्यापार की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने के लिये भी किया जाता है।
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