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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2730
आईएसबीएन :0

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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - सरल प्रश्नोत्तर


महत्वपूर्ण तथ्य

घाव ड्रेसिंग एक चिकित्सा उपकरण है जिसका प्रयोग घाव या चोट को ढकने के लिए किया जाता है ताकि घाव में संक्रमण की संभावना को रोका जा सके।

पट्टी (Bandage), टेप या बैण्ड से भिन्न होती है क्योंकि इनका उपयोग किसी अंग को यथास्थान पर रखने के लिए किया जाता है जबकि बैण्डेज या पट्टी का प्रयोग घाव को ढकने के लिए किया जाता है ताकि उसमें संक्रमण न फैल सकें

संक्रमण दूर रखने के लिए घाव की ड्रेसिंग महत्वपूर्ण है।

घाव की ड्रेसिंग करने के पहले उसे धोना आवश्यक है। घाव को भली-भांति साफ करके ही उस पर दवा लगाकर पट्टी बांधना चाहिए।

घाव पर दवा के रूप में एंटीबायोटिक मरहम या क्रीम का उपयोग किया जाता है। यह बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करके घाव को जल्दी भरने में मदद करता है।

डेसिंग करने में प्राथमिक चिकित्सा के दिशा-निर्देशों का पालन करना भी आवश्यक है।

घाव प्रबंधन में पट्टियों तथा ड्रेसिंग, दोनों का उपयोग किया जाता है।

पट्टी एक कपड़े का टुकड़ा होती है जिसका उपयोग शरीर के किसी रोगग्रस्त या घाव या हिस्से को बांधने या लपेटने के लिए किया जाता है।

ड्रेसिंग करने का मुख्य उद्देश्य घाव की रक्षा करना, उपचार को बढ़ावा देना, घाव को नमी प्रदान करना या घाव से नमी को हटाना होता है।

पट्टियों का उपयोग ड्रेसिंग को जगह पर रखने, दर्द को दूर करने तथा आमतौर पर रोगी को आराम देने के लिए किया जाता है।

लोचदार पट्टियां वैरीकान नसो, टूटी पसलियों तथा सूने हुए जोड़ों एवं घावों पर निरन्तर दबाव देने के लिए किया जाता है।

पट्टियां सामान्यतः तीन प्रकार की होती है-
(1) लम्बी या लपेटन पट्टी
(2) चिट्टेदार पट्टी तथा
(3) तिकोनी पट्टी

परन्तु पट्टियों के कई अन्य प्रकार की हो सकते हैं।

पट्टियों को बांधने के भी कई नियम है यथा पट्टी की लम्बाई और चौड़ाई कटे या टूटे हुए अंग के अनुसार ही होनी चाहिए तथा पट्टी को लपेटने का काम पट्टी को बांधने से पहले किया जाना चाहिए।

पट्टी को पूरी तरह से लपेटने के बाद उस पर चिपकाने वाला फीता चिपका देना चाहिए।

तिकोनी पट्टी को घाव पर मोड़कर बांधा जाता है जबकि चिट्टेदार पट्टी कपड़ों को दोनों ओर चीरकर घाव पर बांधी जाती है।

पट्टियां झिल्लीदार कपड़े, मलमल या महीन मारकीन की बनी होती है।

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