बी ए - एम ए >> बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 10
विष से संबंधित प्रथम चिकित्सा
(First Aid Related with Poisoning)
जैव रासायनिक भाषा में जहर, प्राकृतिक या सिंथेटिक रूप में एक ऐसा पदार्थ है जो जीवित ऊतकों को हानि पहुँचाता है तथा शरीर पर हानिकारक प्रभाव डालता है, चाहे वह त्वचा के माध्यम से या अन्तर्ग्रहण, श्वास या अवशोषित या इंजेक्शन के माध्यम से लिया गया हो। इस प्रकार से जहर एक ऐसा पदार्थ है जो उपर्युक्त परिस्थितियों में किसी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न करने में सक्षम है। यहाँ पदार्थ का तात्पर्य प्रायः रासायनिक पदार्थ से है जिसमें दवायें, विटामिन, कीटनाशक, प्रदूषक तथा प्रोटीन भी शामिल है। यद्यपि विकिरण को रासायनिक पदार्थ नहीं माना जाता परन्तु क्योंकि विकिरण रेडियो आइसोटोप्स से उत्पन्न होते हैं जो एक रसायन है, अतः विकिरण भी एक रासायनिक जहर है।
जहर का वर्गीकरण, उसकी उत्पत्ति, भौतिक रूप, रासायनिक प्रकृति, लक्ष्य स्थल या उपयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों से किया गया है।
उत्पत्ति के आधार पर जहर सूक्ष्मजीवी, पौधे, पशु तथा सिंथेटिक मूल के होते हैं। माइक्रोबियल जहर सूक्ष्म जीवों यथा बैक्टीरिया और कवक द्वारा निर्मित होते हैं।
भौतिक रूप के आधार पर जहर एक रासायनिक ठोस, तरल गैस, वाष्प या एरोसोल का भौतिक रूप होता है जो जोखिम तथा अवशोषण क्षमता को प्रभावित करता है। सिन्थेटिक विषाक्त पदार्थों में कीटनाशक, घरेलू क्लीनर, सौन्दर्य प्रसाधन, फर्मास्युटिकल्स और हाइड्रोकार्बन भी इसी श्रेणी में आते हैं।
एक जहर तरल रूप में अन्तर्ग्रहण या सांस द्वारा या त्वचा के माध्यम से अवशोषित किया जा सकता है। कुछ जहर कमरे के तापमान पर गैस होते हैं (यथा कार्बन मोनोआक्साइड) मुख्य रूप से सांस द्वारा अवशोषित होते है, जबकि कुछ वाष्प जो लिपिड्स में अत्यधिक घुलनशील होते हैं, त्वचा के माध्यम से अवशोषित होते हैं।
आमतौर पर जहर में चार तत्व शामिल होते हैं- जहर, जहरीला जीव, कोशिकाओं की चोट तथा लक्षण और संकेत अथवा मृत्यु। यही चारों तत्व विष के कारण, विषय, प्रभाव तथा परिणाम का प्रतिनिधित्व करते हैं। वस्तुतः विषाक्तता शुरू करने के लिए जीव को जहरीले रसायन के सम्पर्क में लाया जाता है। जब लक्ष्य ऊतक या अंग की कोशिकाओं में रसायन का एक विषाक्त स्तर जमा हो जाता है तो कोशिकाओं को परिणामी चोट उनकी सामान्य संरचना या कार्य को बाधित करती है। लक्षण तथा विषाक्त संकेत तब विकसित होते हैं यदि विषाक्तता काफी गंभीर है, तो वह मृत्यु का कारण बन सकती है।
विषों का वर्गीकरण लक्षणों के आधार पर भी संक्षारक उत्तेजक, रुग्ण तंत्रिक, ऐंठन तथा परिणाह चेताकोप के रुप में किया गया है।
विषाक्तता के अनेक लक्षण हो सकते हैं। इसमें मुख्य हैं-
(1) जठरान्त्र उत्तेजन,
(2) गंभीर रूप से उल्टी आना जो लम्बे समय तक नहीं रूकती
(3) होठों का नीला हो जाना
(4) प्रचुर मात्रा में और ढीले मल
(5) त्वचा की ब्लैचिंग
(6) कपकपी आना।
खाद्य विषाक्तता (Food Poisoning)- खाद्य विषाक्तता के लक्षणों में मुख्य लक्षण हैं - गंभीर दस्त, मिचली, पेट में दर्द और नियमित रूप से मरोड़, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द तथा मल के साथ खून आना।
सफेद चीनी को मीठा जहर कहा जाता है। अतः चीनी की जगह गुड़ आदि का प्रयोग करना चाहिए।
बच्चों को जहर के प्रभाव से बचाने के लिए दवाओं, सफाई के डिटरजेंट, मच्छर नाशकों आदि को उनकी पहुँच से बाहर रखना चाहिए।
|