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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2730
आईएसबीएन :0

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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 4
हृदय, रक्त तथा परिसंचरण से संबंधित प्राथमिक उपचार

(First Aid related with Heart, Blood and Circulation)

हृदय, रक्त तथा परिसंचरण एक ही जीवन प्रणाली से जुड़े हुए हैं और ये तीनों एक-दूसरे के पूरक हैं। परिसंचरण तंत्र या वाहिका तंत्र मानव शरीर के अंगों का वह समुच्चय है जो शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों के साथ-साथ रक्त तथा लसिका द्रव्यों का भी परिवहन करता है जिससे रोगों से शरीर की रक्षा होती है तथा शरीर का तापक्रम एवं पी. एच. मान स्थिर रहता है। इस परिसंचरण तंत्र का कार्य शरीर के सभी भागों में रक्त आक्सीजन तथा आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति के साथ-साथ अशुद्ध रक्त को शोधन के लिए गुर्दे में भेजना तथा अनेक अन्य अपशिष्टों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करना है।

मानव का परिसंचरण तंत्र बंद प्रकार का होता है जिसमें रक्त सदैव बंद नलिकाओं में होकर बहता है जिन्हें क्रमशः धमनी तथा शिरायें कहा जाता है। धमनियों तथा शिराओं के बीच कोशिकाओं का विस्तृत नेटवर्क भी इसी तंत्र का भाग है। लसिका तंत्र भी परिसंचरण तन्त्र का भाग है जो लसिका द्रव नामक पदार्थ का परिवहन करता है। यह द्रव सभी अंगों को चिकना तथा चिपचिपा बनाये रखता है ताकि वे सुगमतापूर्वक बिना घर्षण के कार्य कर सकें। इस तंत्र का केन्द्र हृदय होता है जो रुधिर. को निरन्तर बिना रुके पम्प करता रहता है जिससे धमनियों तथा कोशिकाओं के संजाल के माध्यम से शरीर के प्रत्येक भाग में रक्त, आक्सीजन तथा पोषक तत्व पहुँचता रहता है।

हृदय पेशी ऊतक से निर्मित चार कोष्ठों वाला एक खोखला अंग होता है। इसका आकार त्रिकोण जैसा होता है जिस पर एक दोहरी झिल्ली चढ़ी रहती है जो विभिन्न आघातों से इसकी रक्षा करता है।

आधुनिक आरामदायक जीवन पद्धति के परिणामस्वरूप कई रोग हृदय तथा संचार प्रणाली को प्रभावित करते हैं जिसमें कार्डियो वैस्कुलर बीमारियाँ मुख्य हैं। हृदय रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों को कार्डियोलाजिस्ट कहा जाता है।

मानव रूधिर तरल संयोजी ऊतक का बना होता है जिसमें मुख्यतः तीन प्रकार की कणिकायें पायी जाती हैं। हृदय का लाल रंग इसमें उपस्थित हीमोग्लोबिन के कारण होता है।

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