बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- आप खेल के उपकरणों का रख-रखाव / देखभाल किस प्रकार करेंगे?
उत्तर -
(Maintenance of Sports Equipments)
खेल-कूद एवं शारीरिक शिक्षा से सम्बन्धित सभी उपकरणों को इस आशय से सुरक्षित एवं सही ढंग से रखना चाहिए कि उन सामानों का प्रयोग अधिक से अधिक समय तक किया जा सके। जब भी सामानों के रख-रखाव का प्रश्न उभर कर सामने आता है तो तीन बातों का, एक आधार के रुप में प्रयोग करना चाहिए-
(1) उपकरणों को किस स्थान पर रखा जाय?
(2) उपकरणों को रखने के लिए कितनी जगह की आवश्यकता होगी?
(3) उपकरणों को कितनी सफाई अथवा व्यवस्थित तरीके से कैसे रखा जाये?
वास्तव में, खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण उपकरणों को मैदान के आस-पास में रखना चाहिए, जिससे विभिन्न प्रकार के क्रिया-कलापों के अभ्यास के दौरान सुगमता पूर्वक उपकरणों का प्रयोग किया जा सके।
उपकरणों को सही ढंग से रखने के लिए उपकरणों के आकार के अनुसार कुछ विशेष बक्सों का निर्माण कराया जाये और इसके अन्दर कीमती सामानों को रखना चाहिए।
उपकरणों को जमीन पर नहीं रखना चाहिए बल्कि जमीन से एक या दो फीट की ऊँचाई पर लकड़ी का रैक बनाकर रखना चाहिए।
उपकरणों को विभिन्न खेलों के अनुसार विभाजित करके उनके सामानों को अलग-अलग कर सही ढंग से रखना चाहिए। जिससे अभ्यास के दौरान सामानों का वितरण सही ढंग से किया जा सके।
खेल उपकरणों से भरे हुये कमरे के अन्दर प्रतिदिन सफाई कार्य करना चाहिए। यदि इस प्रकार के उपकरणों का रखरखाव सही ढंग से किया जाये तो सभी सामान काफी समय तक प्रयोग में लाया जा सकता है।
(Issue and Disposal of SportsEquipments)
प्रतिदिन के क्रिया-कलापों में उपकरण सम्बन्धी प्रशासनिक कार्यों को सही एवं नियन्त्रित ढंग से सम्पन्न करने के लिए यह आवश्यक है कि सम्पूर्ण कार्यों को दो प्रमुख भागों में बाँट कर सम्पन्न किया जाये। इस सन्दर्भ में आगे स्पष्ट रुप से उल्लेख किया गया है-
(क) उपकरणों का वितरण
उपकरणों के वितरण के समय कुछ प्रमुख बातों पर ध्यान देना चाहिए। यह निम्न प्रकार से हैं-
(1) सामानों को देने से पूर्व सामान का नाम लेने वाले का नाम एवं हस्ताक्षर, सामानों की संख्या, दिनांक, समय आदि का उल्लेख करना चाहिए।
(2) शिक्षक, प्रशिक्षक, विद्यार्थी, खिलाड़ी प्रत्येक को आवश्यकतानुसार एवं समयानुसार खेल उपकरणों को देना चाहिए, जिससे शिक्षण प्रशिक्षण सम्बन्धी कार्य सुचारु रुप से चल सके।
(3) सामानों को देते समय अथवा लेते समय सूक्ष्मता से जाँच करना चाहिए।
(4) कक्षा समाप्त होने के बाद जो सामान लाया गया है, उसको सही ढंग से भण्डारगृह में रखना एवं इसका उल्लेख दैनिक रजिस्टर में करना चाहिए।
(5) खराब उपकरणों को मरम्मत के लिए भेजना चाहिए।
(ख) अनुपयोगी एवं टूटे हुये उपकरणों का निरस्तीकरण
खेल सम्बन्धी उपकरणों के बारे में सदैव जाँच सम्बन्धी कार्यों को सम्पन्न करना चाहिए जिससे यह पता लग सके कि कौन-सा सामान अच्छा है एवं कौन-सा सामान खराब हो चुका है। जो खराब हो चुका है एवं प्रयोग में नहीं लाया जा सकता उन सम्पूर्ण सामानों को विशेष रुप से एक अलग जगह पर रखना चाहिए क्योंकि इन सम्पूर्ण सामानों को भविष्य में कभी भी प्रयोग में नही लाया जा सकता है। सामानों के निरस्तीकरण सम्बन्धी सम्पूर्ण कार्य. समयानुसार करने चाहियें। यह कार्य इसीलिए सही समय पर करना चाहिए कि खराब सामानों के माध्यम से विद्यार्थियों को अभ्यास के दौरान चोट लगने की पूर्ण सम्भावना बनी रहती है। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित बातों पर भी ध्यान देना चाहिए-
(1) जो उपकरण कम टूटे हुये हैं और दोबारा से उनकी रिपेयर हो सकती हैं, उन उपकरणों को दोबारा से रिपेयर कराकर उपयोग में लाया जाना चाहिए।
(2) ऐसे सामानों का निरस्तीकरण करना चाहिए जिनकी रिपेयर नहीं की जा सकती है। उन सभी उपकरणों की सूची तैयार कर लेनी चाहिए। इस सूची के अन्तर्गत कुल सामान की संख्या, उसका मूल्य, वह उपकरण किन खेलों में प्रयोग होते थे, किस वर्ष वह खरीदे गये थे, किस प्रकार वह उपकरण टूटा आदि सभी बातों का उल्लेख किया जाना चाहिए व तत्पश्चात इन सब सामान की निलामी कर देनी चाहिए।
(3) जब उपकरण न तो रिपेयर हो सकता हो और न ही उस उपकरण की नीलामी हो पाये तो ऐसे उपकरणों को नष्ट करके उनका का नाम स्टोर रजिस्टर में से काट देना चाहिए।
( 4 ) यदि रिपेयर करने में इतने पैसे लग जायें जितने में नया उपकरण क्रय किया जा सकता है तो भी निरस्तीकरण कर देना चाहिए।
(5) निरस्तीकरण के प्रत्येक उपकरण पर क्रास का चिन्ह (x) लगा देना चाहिए।
(6) निरस्तीकरण के सामानों को एक बॉक्स में अलग रखना चाहिए।
(7) उपकरणों के रख-रखाव के लिये जो कमेटी बनाई जाती है उसका यह दायित्व है, वह इस प्रकार के उपकरणों की जांच करे और अपना निर्णय उपयुक्त अधिकारी को दे।
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