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बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2729
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- विद्यालय में रखे जाने वाले महत्त्वपूर्ण वित्तीय अभिलेखों एवं रजिस्टरों के रख-रखाव का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।

उत्तर -

महत्त्वपूर्ण वित्तीय अभिलेख एवं रजिस्टर का रख-रखाव
(Maintenance of important Financial School Records & Registers)

(1) सेवा पुस्तिका (Service Book) - विद्यालय के सभी कर्मचारियों, चाहे वह अध्यापक हो, क्लर्क हो या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हो, की सेवा का पूरा-पूरा रिकॉर्ड सर्विस बुक या सेवा पंजिका में अंकित होता है। यह एक महत्त्वपूर्ण अभिलेख है। यह कर्मचारियों की उन्नति या किसी भी प्रकार की वेतन वृद्धि आदि का आधार है। मुख्याध्यापक को सभी कर्मचारियों की सेवा पंजिका बहुत ही सावधानी, सतर्कता एवं निष्पक्षता से पूरी करनी चाहिए। इसकी सभी प्रविष्टियां भरते समय शुद्धता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। प्रत्येक प्रविष्टि मुख्याध्यापक द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए। इसमें कर्मचारियों की जन्मतिथि, शैक्षणिक योग्यता, पहचान चिह्न, घर का स्थायी पता, नियुक्ति की तिथि, नियुक्ति की प्रक्रिया, वेतन, वेतन वृद्धि, कर्मचारियों का स्थायीकरण (Confirmation), . उनके व्यवहार, कार्य का स्तर आदि सभी को लिपिबद्ध करना चाहिए।

समय - समय पर कर्मचारियों को दी गई उन्नति, कोई विशेष सुविधा, कोई विशेष विभाग या क्रिया का दायित्व आदि का भी उल्लेख होना चाहिए।

सरकारी विद्यालय होने की स्थिति में कर्मचारियों के स्थानान्तरण का भी उल्लेख होना चाहिए।

किसी विशेष प्रकार के सवैतनिक या वेतनरहित दीर्घ अवकाश का विवरण भी इसमें दिया जाना चाहिए।

(2) कैश बुक (Cash Book) - विद्यालय में जो भी धनराशि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होती है और जिन-जिन कार्यों में उसे खर्च किया जाता है, इसका समुचित हिसाब रखना * बहुत जरूरी है। इस हिसाब किताब को रखने वाले अभिलेख को कैश बुक कहा जाता है। मुख्याध्यापक को सभी अधिकारियों, प्रबन्धकों या समाज के सामने अपनी ईमानदारी को सिद्ध करने का यही मुख्य आधार है, अतः मुख्याध्यापक को प्रतिदिन विद्यालय की छुट्टी के बाद कैश बुक का निरीक्षण करना चाहिए कि सम्बन्धित कर्मचारी आय-व्यय का सम्पूर्ण हिसाब ठीक से रख रहा है या नहीं। निरीक्षण करने के उपरान्त उसे अपने हस्ताक्षर भी कर देने चाहिए। प्रतिदिन के समस्त लेन-देन की प्रविष्टि इसमें शुद्धता व स्पष्टता से होनी चाहिए, जैसे- छात्रों से लिया गया शुल्क, जुर्माना, फण्ड, दान, चन्दा, छात्रवृत्तियाँ, सहायक अनुदान आदि सभी आय के खाते में और कर्मचारियों का वेतन, भविष्यनिधि, उपकरणों को खरीदने का खर्च, स्टेशनरी लाने का खर्च, बिजली, टेलीफोन का बिल, छात्रों को दी गई छात्रवृत्ति आदि की राशि व्यय के खाते में भरनी होती है। 

कैश बुक लिखते समय निम्न बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए-

(i) कैश बुक में जो भी प्रविष्टि (Entries) की जाएं वे अन्य रजिस्टरों से सम्बन्धित सभी प्रविष्टियों से मेल खानी चाहिए। जैसे— कैश बुक में फीस की जो प्रविष्टि भरी जाएं वे विद्यालय के शुल्क रजिस्टरों से मिलनी चाहिए। कैश बुक में बैंक में जमा जो रकम भरी जाए वह बैंक की पास बुक की प्रविष्टियों से मिलनी चाहिए।

(ii) प्रत्येक दिन का पिछला बकाया (Balance) आगे लेकर नए दिन का खाता शुरू करना चाहिए।

(iii) आरम्भिक बकाया (opening Balance) और अन्तिम बकाया ( Closing Balance) लाल स्याही से लिखना चाहिए।

(iv) प्रत्येक दिन का अन्तिम बकाया ( Closing Balance) हमेशा बचत ( Plus ) में ही होना चाहिए, कभी मानस (Minus) में नहीं होना चाहिए।

(v) मुख्याध्यापक को प्रतिदिन कैश बुक का निरीक्षण करके अपने हस्ताक्षर कर देने चाहिए।

(vi) प्रत्येक दिन का खाता शुरू करते समय उस दिन की तिथि डाल देनी चाहिए।

(vii) कैश बुक में प्रत्येक आय व व्यय के साथ उसका लैजर पृष्ठ भी डाल देना चाहिए।

(viii) आय के साथ उसकी रसीद का नम्बर तथा व्यय के साथ उसका वाउचर नं० (Voucher No.) भी डाल देना चाहिए। इससे सभी हिसाब-किताब का आपस में मिलान करने में सहायता मिलती है।

(3) स्टॉक रजिस्टर (Stock Register) - विद्यालय के सभी प्रकार के साज-सामान, सामग्री एवं उपकरण आदि का विवरण जिस रजिस्टर में होता है उसे स्टॉक रजिस्टर कहा जाता है। अलग-अलग विभाग से सम्बन्धित सामग्री एवं उपकरण के अलग-अलग रजिस्टर होते हैं। जैसे - विद्यालय के फर्नीचर का रजिस्टर, विज्ञान प्रयोगशाला के उपकरणों का रजिस्टर, खेल के सामान का स्टॉक रजिस्टर, पुस्तकालय की पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं का स्टॉक रजिस्टर, विद्यालय की अन्य सम्पत्ति का रजिस्टर आदि।

विद्यालय की पूरी सम्पत्ति सामान, उपकरण आदि की सुरक्षा का दायित्व भी मुख्याध्यापक पर है। वह अपनी सुविधा के लिए सभी विभागों के अध्यक्ष को उस विभाग के स्टॉक का इन्चार्ज बना देता है। वे ही इन रजिस्टरों का रख-रखाव करते हैं। मुख्याध्यापक को कम-से-कम वर्ष में एक बार सभी स्टॉक रजिस्टरों की चैकिंग करवा लेनी चाहिए और उन पर अपने हस्ताक्षर भी कर देने चाहिएं। जो वस्तु उपयोग के योग्य न रहे उसकी नीलामी करा देनी चाहिए और एक फाइल में इसका पूरा रिकॉर्ड रखना चाहिए। स्टॉक रजिस्टर में निम्न प्रविष्टियां (Entries)भरनी होती हैं-

(i) वस्तु खरीदने की तिथि
(ii) वस्तु का नाम
(iii) खरीदी गई वस्तु की संख्या
(iv) मूल्य
(v) वस्तु की खरीद के बिल / रसीद का नं.
(vi) जिस फर्म से वस्तु खरीदी गई है. उसका नाम
(vii) वस्तु को खरीदने का आदेश देने वाला अधिकारी
(viii) वस्तु किसे दी गई (issue)
(ix) वस्तु जिसे दी गई है उसके हस्ताक्षर।

(4) वेतन रजिस्टर ( Salary Bill Register or Acquittance Roll) - इस रजिस्टर का सम्बन्ध अध्यापकों तथा कर्मचारियों को हर माह मिलने वाले वेतन से होता है। इसमें विद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों के उनकी वरीयता (Seniority) तथा पद के हिसाब से नाम लिखे रहते हैं। पहले प्रधानाध्यापक का नाम होता है तथा फिर वरीयता के हिसाब से सभी अध्यापकों के नाम होते हैं तथा इसके पश्चात् कार्यालय के लिपिकों (Clerks) तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नाम होते हैं। उनके नाम के आगे जो कॉलम होते हैं उनमें क्रमश: मूल वेतन (Basic Pay ), महंगाई भत्ता (Dearness allowance) तथा अन्य भत्ते, जैसे- शहरी भत्ता, ग्राम भत्ता, गृह किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, आंतरिक राहत भत्ता (Interim Relief) आदि के कॉलम होते हैं। इस तरह इन विभिन्न कॉलमों में लिखी गई राशियाँ किसी भी कर्मचारी को दी जा सकने वाली कुल वेतन राशि कहलाती है, परन्तु किसी भी कर्मचारी को यह राशि उसके माह वेतन के रूप में नहीं मिलती, क्योंकि कुछ न कुछ कटौती भी करनी पड़ती है। इन कटौतियों (Deductions) को आगे के कॉलमों में लिखा जाता है। इन कटौतियों में प्रमुख रूप से प्रावीडेंट फंड की कटौती, आयकर की कटौती, विद्यालय क्वाटरों में रहने वाले कर्मचारियों से किराये की कटौती, अग्रिम राशि (Advance) लेने वाले कर्मचारियों से किस्त राशि की कटौती तथा अन्य प्रकार की आकस्मिक कटौतियां शामिल होती हैं। प्रावीडेंट फंड मद में विद्यालय प्रबन्ध समिति के द्वारा दी जाने वाली राशि का भी एक अलग से कॉलम होता है। जो रकम कर्मचारी के वेतन से काटी जाती है तथा जो रकम प्रबन्ध समिति के द्वारा हिस्से के रूप में दी जाती है, उसकी योग राशि कर्मचारी के प्रावीडेंट फंड खाते में महीने के महीने जमा की जाती रहती है। वेतन के रूप में कुल मिलने वाली रकम में से सभी कटौतियों को काटकर जो रकम बचती है वही कर्मचारियों को मिलने वाले शुद्ध मासिक वेतन की रकम होती है। इसी रकम का या तो कर्मचारी को नकद भुगतान कर दिया जाता है अथवा इसे कर्मचारी के बैंक खाते में जमा करने भेज दिया जाता है। दोनों ही अवस्थाओं में वेतन रकम का भुगतान करते समय कर्मचारी के नाम के आगे सबसे आखिरी कॉलम में एक रसीदी टिकट लगाकर कर्मचारी के हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं। यह इस बात का प्रमाण होता है कि कर्मचारी को उसके मासिक वेतन का भुगतान कर दिया गया है। इस वेतन रजिस्टर का विद्यालय के रिकॉर्ड कार्य में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान रहता है। इसी के आधार पर संस्था के लिए अनुदान (grants) मिलने का प्रावधान रहता है। विद्यालय के निरीक्षण तथा ऑडिट के समय इसकी विशेष जांच तथा पड़ताल की जाती रहती है।

(5) पुस्तकें मुफ्त वितरण रजिस्टर ( Free Book's Distribution Register) - विद्यालय में गरीब बालकों के लिए पुस्तकें मुफ्त देने का प्रबन्ध करना एक अच्छी परम्परा मानी जाती है, परन्तु इसका उचित रिकॉर्ड रखना भी काफी जरूरी है ताकि इस बात का नाजायज फायदा उठाकर पुस्तकें बांटने में पक्षपात न हो तथा जरूरतमंद बालकों को ही इसका लाभ मिल सके। इस तरह का रिकॉर्ड रखने के लिए एक रजिस्टर रखना लाभप्रद हो सकता है जिसमें निम्न कॉलम बने हों-

(i) क्रमांक
(ii) विद्यार्थी का नाम
(iii) विद्यार्थी के पिता का नाम
(iv) कक्षा एवं सैक्शन

(v) उस आज्ञा पत्र का नं. एवं दिनांक जिसके आधार पर उसे मुफ्त पुस्तकें दी जा रही हैं ( कमेटी तथा प्राचार्य द्वारा अनुमोदित इस आज्ञा पत्र को वाउचर फाइल में सम्भाल कर रखा जाना चाहिए)

(vi) पुस्तकों के नाम लेखकों सहित
(vii) दिनांक, जिसको पुस्तकें दी गईं
(viii) विद्यार्थी के हस्ताक्षर
(ix) वितरित करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर।

(6) गेम्स फंड रजिस्टर ( Games Fund Register ) - विद्यालय में बालकों की खेल-कूद क्रियाओं के उचित संगठन हेतु उनसे गेम्स फंड के रूप में जो राशि ली जाती है उसके आय-व्यय का हिसाब रखने हेतु जो रजिस्टर रखा जाता है।

(7) कंटिनजैन्सी वितरण रजिस्टर (Contingency Distribution Register) - विद्यालय में कार्यालय की गतिविधियों के संचालन हेतु कई तरह की स्टेशनरी की जरूरत पड़ती है। इसी तरह ऐसी बहुत-सी फुटकर चीजें होती हैं जिनकी रोजमर्रा जरूरत पड़ती रहती है, जैसे- सफाई करने हेतु फिनाइल, फिनाइल की गोलियाँ, कीटाणुनाशक दवाइयाँ, बल्ब, चाक, डस्टर, टार्च- सैल इत्यादि। इन वस्तुओं को स्टॉक रजिस्टर में तो चढ़ाया ही जाता है, उसमें से किस प्रकार खर्चा हुआ, यह हिसाब ठीक तरह रखने के लिए इसके वितरण सम्बन्धी रजिस्टर का रखा जाना भी काफी लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। इस रजिस्टर में कुछ निम्न कॉलम बनाए जा सकते हैं-

(i) क्रमांक (S. No.)

(ii) दिनांक (Date)

(iii) वस्तु का विवरण संख्या या तादात सहित (Description of the item in number or quantity)

(iv) दिए जाने वाले व्यक्ति का नाम एवं पद (Designation and Name of the employee to which issued)

(v) उसके हस्ताक्षर (His / Her Signature

(vi) देने वाले कर्मचारियों के हस्ताक्षर (Signature of the issuing person)

(vii) प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर ( Signature of the Head master)|

(8) व्यय सम्बन्धी वाउचर फाइल (Expenditure Voucher File - विद्यालय में जिस प्रकार के जो भी खर्चे होते हैं उनके बिल और भुगतान सम्बन्धी सभी दस्तावेजों (Vouchers) को भली-भाँति संभालकर रखा जाना चाहिए। अगर कोई सामान खरीदा है तो उससे सम्बन्धित बिल तथा भुगतान सम्बन्धी कार्यवाही का एक वाउचर बनाया जाना चाहिए तथा उसे अपने क्रम के हिसाब से कोई नं. दिया जाना चाहिए तथा इसी वाउचर क्रमांक का लेजर, कैश बुक, स्टॉक रजिस्टर इत्यादि में उल्लेख होना चाहिए। ऐसे सभी वाउचरों को भली-भाँति एक फाइल में स्टिच करके या चिपकाकर सुरक्षित रखा जाना चाहिए।

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