बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- त्रिआयामी रचना पद्धति बताइये।
उत्तर -
त्रिआयामी रचना पद्धति परिप्रेक्ष्य के नियमों के आधार पर आकृतियों की रचना के अभ्यास में विभिन्न प्रकार के प्रभाव उत्पन्न करने के लिये निम्नलिखित उपाय करने पर चित्र रचना उपयोगी सिद्ध होंगी-
1. किसी वस्तु की आकृति को पहले छाया-प्रकाश पद्धति द्वारा पेंसिल से अंकित करें। तत्पश्चात उसी आकृति को केवल पेंसिल द्वारा रेखांकन इस प्रकार करें उसमें रेखीय त्रिआयामी प्रभाव आ सके।
2. किसी दृश्य अथवा आकृति को पहले रंगों से बनायें। चित्र में रंगों के जितने हल्के गहरे बल (तान) लगायें जिससे प्रभाव एक अन्य कागज पर केवल पेंसिल द्वारा बनायें।
3. किसी चित्र के छायांकित भागों में अधिक गहरे बलों के रंग लगायें।
4. वस्तुओं की रचना में धरातलीय वयन के स्वरूप को परिवर्तित कर दे या अपनी कल्पना से नवीन धरातलीय वयन की रचना करें।
5. आकृतियों में केवल मध्य प्रकाश वाले भागों में रंग लगायें। छाया और प्रकाश वाले भाग में रंग न भरें।
6. आकृतियों में छाया वाले भागों में प्रकाश का और प्रकाश वाले भागों में छाया का अंकन करें।
7. त्रि-आयामी रेखाकंन के पश्चात् आकृतियों में छाया-प्रकाशविहीन सपाट तथा अधिक घनत्व वाले रंग भरें।
8. आकृति रचना में विकृति उत्पन्न करें। चित्र के संयोजन की लय के अनुसार आकृतियों के ऊपरी तल अधिक दिखायी देने की स्थिति में बनायें। गोल वस्तुओं के मुख भाग पूर्ण वर्तुल और चौकोर वस्तुओं के ऊपरी तल पूर्ण वर्ग अथवा आयताकार भी अंकित किये जा सकते हैं। ऐसा करने से चित्र में गहराई का प्रभाव कम हो जायेगा।
9. आकृतियों की सीमा रेखायें ज्यामितीय रूपों द्वारा बनाने का प्रयत्न करें।
10. पीछे की आकृतियों के छिपने वाले भाग आगे की आकृतियों से परस्पर काटते हुए दिखायें।
प्रयोगों से यह सिद्ध करें कि रंगों के हल्के बलों से वस्तुओं में कोमलता और गहरे बलों से घनत्व तथा भार का प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। किसी वस्तु अथवा आकृति का त्रि-आयामी अथवा ठोस स्वरूप घनत्व को प्रदर्शित करता है।
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