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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2728
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 17 
तकनीकों का संक्षिप्त परिचय : वाश,टेम्परा एवं गौचे
 

(A Brief Introduction to Techniques:Wash, Tempra and Gouache) 

प्रश्न- आर्द्र अथवा गीले माध्यम का वर्णन कीजिये।

अथवा
टेम्परा तकनीकी के विषय में आप क्या जानते है?
अथवा
टेम्परा पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
चित्रकला में अपारदर्शी चित्रण विधि से आप क्या समझते है?

उत्तर -

आर्द्र माध्यम ( गीले रंग)

टेम्परा - तरल रंगों से चित्रण की उस विधि को टेम्परा कहते है जिसमें तैल तथा जलीय दोनों प्रकार के माध्यमों का प्रयोग होता है। इस माध्यम के रंग की अपनी विशेषता होती है। गीले होने पर ये पानी में घुलनशील होते है। परन्तु सूखने के बाद ये अघुलनशील हो जाते है। तथा उसकी सतह पर जल अथवा तैल किसी भी माध्यम से चित्रण किया जा सकता है।

टेम्परा रंगों के माध्यम से जितनी चमक होती अतनी जल रंगों में नहीं होती है Glazing द्वारा इसे और भी अधिक चमकदार बनाया जाता है। प्रायः टेम्परा माध्यम के रंगों का प्रयोग पोस्टर रंग के लिये किया जाता है, पर दोनों में अन्तर है। पोस्टर रंगों से चित्र बनाने के बाद जब उस पर फिर से रंग लगाया जाता है तो नीचे का रंग धूलकर ऊपर आ जाता है जबकि टेम्परा विधि से बना चित्र पूर्णतः अघुलनशील हो जाता है। तो उस पर फिर से चित्रण कार्य किया जा सकता है। पहले भारत तथा ईरान में टेम्परा विधि से चित्र बनाए जाते थे। तब चिकनी शिला पर पतला कागज बिछाकर चित्र बना दिया जाता था और फिर उसे किसी घोटने वाले चिकने पत्थर या मोहर से हल्के दबाव से घिसा जाता था। जिससे उसमें चमक आ जाती थी। आजकल चमक के लिए ग्लेजिंग (Glazing) का प्रयोग करते है।

माध्यम - रंगों को घोलने के माध्यम के रूप पायस (Emulsion) का प्रयोग किया जाता है। पायस जल में मिला हुआ तैलीय या मोम के समान पदार्थ मिश्रण होता है। जिस समय इस माध्यम का प्रयोग किया जाता है इसमें जल भी मिला सकते है। सूखने के बाद इनका तैलीय अंश पूरे चित्र पर एक पारदर्शक और चमकदार झिल्ली का निर्माण करता है। प्रारम्भ में टेम्परा माध्यम के रूप में अण्डे की जर्दी (Yolk), अण्डे की सफेदी (Albumen ) का प्रयोग किया जाता है। अण्डे की सफेदी को दोनों ही रंगों में मिला सकते है। इससे रंगों में हल्का सा पीलापन आ जाता है। आजकल गोंद ग्लीसरीन तथा अलसी के तेल से भी इस प्रकार माध्यम का निर्माण हो सकता है। इस माध्यम से बने चित्रों के रंगों में चमक बहुत अधिक होती है। ग्लेजिंग द्वारा इसे और भी चमकदार बनया जा सकता है। ग्लेजिंग से चित्र के सूख जाने के बाद उस पर पतले पारदर्शक रंगों की परत इस प्रकार से लगाते है कि नीचे के रंग दिखाई पड़ते रहे। इससे पूरे चित्र में एक चमक सी आ जाती है। ग्लेजिंग करते समय तेल ज्यादा आता हैं उसे इतना पतला कर देते है कि रंग चित्र भूमि पर बहता हुआ-सा लगे।

चित्रभूमि - टेम्परा विधि के लिये बहुत शोषक तथा कड़े धरातल की आवश्यकता होती है। लकड़ी तथा हार्डबोर्ड अथवा पेस बोर्ड पर तैयार किये गये गैसों पट इसके लिए श्रेष्ठ माध्यम है। इन पर भी चित्रण कार्य जाता है। गैसों पेट तैयार करने के लिए खड़ियाँ या प्लास्टर ऑफ पेरिस से इस प्रकार की चित्र भूमि निर्मित की जाती है जिसे गेसो (Gesso) कहा जाता है। इसके लिए खड़िया अथवा प्लास्टर ऑफ पेरिस में सरेस अथवा ग्लू मिलाकर हार्डबोर्ड के ऊपर चढ़ा दिया जाता है। इस बोर्ड को लकड़ी के पटरे या मोटे कागज, दीवार या कपड़े आदि किसी भी धरातल पर फैलाकर गैसों पट बनाया जा सकता है।

चित्रण विधि - टेम्परा चित्रण का रहस्य रंग की तह लगाने में निहित है। यद्यपि इस माध्यम में स्वतन्त्रतापूर्वक कार्य कर सकने की क्षमता है। इस विधि में गैसों पट्ट पर चित्रण करने से पूर्व रेखांकन का आक्षेप (Tracing) कर लेते है। आकृति के प्रत्येक अंश में पृथक-पृथक रंग शीघ्रता पूर्वक तिरछे तुलका स्पर्शों द्वारा लगाते जाते है। क्योंकि धरातल पर्याप्त शोषक होता है और रंग तुरन्त सूखने लगते है अतः इस विधि में चित्रभूमि पर रंगों का मिश्रण सम्भव नहीं है। चित्र में छात्रा प्रकाश के जितने विविध मिश्रण अथवा बल दिखाने हो, उतने ही बल पहले से निर्मित कर लिये जाते हैं और इन्हें अलग-अलग ही लगाया जाता है। इस विधि में साधारणतया ग्लेजिंग नहीं किया जाता है और गहरे रंगों का आरम्भ से ही प्रयोग किया जाता है। कभी-कभी कुछ चित्रकार टेम्परा विधि को Under Painting में भी प्रयोग करते है। जिसमें टैम्परा विधि से चित्र बनाकर पुन: तैल माध्यम से चित्र रचना की जाती है, जिससे पूरे चित्र में एक विशेष चमक आ जाती है। इसमें रंग स्पर्शात्मक विधि से लगाये जाते है। इससे आकृतियों में एक विशेष गठन का निर्माण हो जाता है।

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