बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 संस्कृत : संस्कृत गद्य साहित्य, अनुवाद एवं संगणक अनुप्रयोग बीए सेमेस्टर-2 संस्कृत : संस्कृत गद्य साहित्य, अनुवाद एवं संगणक अनुप्रयोगसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 संस्कृत - संस्कृत गद्य साहित्य, अनुवाद एवं संगणक अनुप्रयोग - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 2
शुकनासोपदेश
महाकवि बाणभट्ट प्रणीत 'कादम्बरी' गद्य साहित्य जगत की सर्वोत्तम रचना है, जो एक कथा अर्थात् कवि कल्पित है। 'शुकानासोपदेश' इसी कादम्बरी' नामक कथा का एक अंश है। जिसमें मन्त्री शुकनास राजा तारापीड तथा रानी विलासवती के पुत्र चन्द्रापीड को युवराज पद पर आरूढ़ होते समय | राज्य के कुशल संचालन हेतु विस्तृत उपदेश देते हैं। इस उपदेशात्मक शिक्षा के माध्यम से शुकनास राजकुमार के समक्ष वे सभी परिस्थितियाँ स्पष्ट करते हैं जिनका राज्य संचालन में किसी न किसी रूप में महत्वपूर्ण स्थान होता है। राजा के समक्ष क्या-क्या स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, उनके क्या-क्या शुभाशुभ परिणाम होते हैं, इन सभी का विस्तार से उल्लेख शुकनासोपदेश में किया गया है। राजनीति के विषय में शुकनास के मुख से राजकुमार चन्द्रापीड को दिया गया यह उपदेश एक राजा के लिए नितान्त उपादेय शिक्षा है। वर्तमान समय में आधुनिकता की दौड़ में भागने वाले नवयुवकों के लिए यह अत्यन्त ही प्रेरणादायक. उपदेश हैं।
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