बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
मौर्य शासकों के साम्राज्य विस्तार का उल्लेख कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. चन्द्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को बताइए।
2. बिन्दुसार के साम्राज्य विस्तार को स्पष्ट कीजिए।
3. मौर्य सम्राट अशोक के साम्राज्य विस्तार व उसकी सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मौर्य सम्राटों द्वारा किया गया साम्राज्य विस्तार
भारतीय इतिहास में मौर्य वंश के शासकों में क्रमशः चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार तथा अशोक शक्तिशाली व महान सम्राट हुए जिन्होंने मौर्य साम्राज्य को विस्तृत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौर्य वंश के इन शासकों द्वारा किये गये साम्राज्य विस्तार व उनकी सीमाओं को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है-
चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य विस्तार - चन्द्रगुप्त मौर्य अपने वंश का महान विजेता और साम्राज्य निर्माता था। उसका साम्राज्य विस्तार सम्पूर्ण भारत में था। प्लूटार्क के विवरण से ज्ञात होता है कि "उसने छः लाख की सेना लेकर सम्पूर्ण भारत को रौंद डाला और उस पर अपना अधिकार कर लिया। मगध साम्राज्य के उत्कर्ष की जो परम्परा बिम्बिसार के समय से प्रारम्भ हुई थी, चन्द्रगुप्त के समय में वह पराकाष्ठा पर पहुँच गई। उसका विशाल साम्राज्य उत्तर-पश्चिम में ईरान की सीमा से लेकर दक्षिण में वर्तमान उत्तरी कर्नाटक तक विस्तृत था। पूर्व में मगध से लेकर पश्चिम में सुराष्ट्र तथा सोपारा तक का सम्पूर्ण प्रदेश उसके साम्राज्य के अधीन था।
इतिहासकार स्मिथ के अनुसार - हिन्दुकुश पर्वत भारत की वैज्ञानिक सीमा थी। यूनानी लेखक इसे पैरोपेनिसस अथवा 'इण्डियन काकेशस' कहते थे। यही चन्द्रगुप्त तथा सेल्युकस के साम्राज्यों की सीमा थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्युकस को हराकर भारत की उस वैज्ञानिक सीमा पर अधिकार कर लिया था जिसे प्राप्त करने के लिये मुगल तथा अंग्रेज शासक व्यर्थ का प्रयास करते रहे।
बिन्दुसार 'अमित्रघात' का साम्राज्य विस्तार - चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु के पश्चात् उसके पुत्र बिन्दुसार ने मौर्य वंश की गद्दी सम्भाली। यद्यपि बिन्दुसार की विजयों के विषय में कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं होता, तथापि तिब्बती इतिहासकार तारानाथ के विवरण से यह ज्ञात होता है कि "उसने 6 नगरों तथा उनके राजाओं को नष्ट कर पूर्वी और पश्चिमी समुद्रों के बीच के सम्पूर्ण भाग पर अधिकार कर लिया था।" यह विवरण कहाँ तक सत्य है, किसी ठोस प्रमाण के अभाव में यह निश्चित कह पाना दुष्कर है परन्तु यह सत्य है कि बिन्दुसार ने अपने पिता से जिस विशाल साम्राज्य को उत्तराधिकार में प्राप्त किया था, उसे अक्षुण्ण बनाये रखा।
अशोक 'प्रियदर्शी' का साम्राज्य विस्तार - बिन्दुसार की मृत्यु के पश्चात् उसका सुयोग्य पुत्र अशोक विशाल मौर्य साम्राज्य की गद्दी पर बैठा। वह एक महान साम्राज्य निर्माता था। उसके अभिलेखों के आधार पर हम निश्चित रूप से उसकी साम्राज्य सीमा का निर्धारण कर सकते हैं। शाहबाजगढ़ी (पेशावर ). मानसेहरा (हज़ारा), शरेकुना (कन्दहार), लघमान ( जलालाबाद ) आदि स्थानों से अशोक के अभिलेख प्राप्त हुए हैं। इन अभिलेखों के प्राप्ति स्थानों से यह स्पष्ट होता है कि उसके साम्राज्य में हिन्दूकुश एरिया, आरकोसिया तथा जेड्रोसिया सम्मिलित थे। इस प्रकार स्पष्ट है कि अशोक के साम्राज्य में अफगानिस्तान का एक बड़ा भाग सम्मिलित था।
रुमिन्ददेई तथा निग्लीवा के स्तम्भ लेखों से ज्ञात होता है कि उत्तर में हिमालय क्षेत्र का एक बड़ा भू-भाग भी उसके साम्राज्य का अंग था। दक्षिण की ओर वर्तमान कर्नाटक राज्य के ब्रह्मगिरि, मास्की, जटिंग - रामेश्वरम् तथा सिद्धपुर से उसके लघु शिलालेख मिलते हैं। इनसे उसके साम्राज्य की दक्षिणी सीमा कर्नाटक राज्य तक जाती है। इसी प्रकार धुर दक्षिण के भाग को छोड़कर सम्पूर्ण भारत अशोक के अधिकार में था। तेरहवें शिलालेख में अशोक के समीपवर्ती राज्यों की सूची में योन, कम्बोज, गन्धार, रठिक, भोजक, पितिनिक, आन्ध्र, नाभक पारिमिदस आदि प्रदेशों के नाम मिलते हैं। इनमें योन ( यवन). कम्बोज तथा गन्धार उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर स्थित थे। भोज बरार और कोंकण में तथा रठिक (राष्ट्रिक ) महाराष्ट्र में निवास करते थे। पितिनिक पैठन में तथा आन्ध्र राज्य कृष्णा और गोदावरी नदियों के बीच स्थित था। नाभक राज्य पश्चिमी तट तथा उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रान्त के बीच कहीं बसा था। इसी प्रकार पश्चिम में काठियावाड़ में जूनागढ़ के समीप गिरनार पहाड़ी तथा उसके दक्षिण में महाराष्ट्र के थाना जिले के सोपारा नामक स्थान से उसके शिलालेख मिलते हैं। उड़ीसा के दो स्थानों धौली तथा जौगढ़ से भी उसके शिलालेख मिलते हैं। इन सभी अभिलेखों की प्राप्ति स्थानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि अशोक का. साम्राज्य उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रान्त ( अफगानिस्तान) से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तथा पश्चिम में काठियावाड़ से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत था। कल्हण की राजतरंगिणी से ज्ञात होता है कि उसका कश्मीर पर भी अधिकार था। उसके साम्राज्य की उत्तरी सीमा हिमालय पर्वत तक जाती थी। इस प्रकार वह अपने समय के विशालतम साम्राज्य निर्माताओं में से एक था।
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- उत्तरमाला
- प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
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- उत्तरमाला
- प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
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- प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
- उत्तरमाला
- प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
- प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
- प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- नहपान कौन था?
- प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
- उत्तरमाला
- प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
- प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
- उत्तरमाला
- प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
- प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
- उत्तरमाला
- प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
- प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
- उत्तरमाला
- प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
- प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
- उत्तरमाला