बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
अथवा
मध्यांक की गणना की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिये।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. मध्यांक को परिभाषित कीजिये।
2. मध्यांक की विशेषतायें बताइये।
3. मध्यांक के गुण-दोष की व्याख्या करें।
4. मध्यांक को परिभाषित कीजिये एवं इसका उपयोग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
मध्यांक
(Median)
इसे वह बिन्दु मानते हैं, जिसके ऊपर तथा नीचे किसी वितरण के 50-50% प्राप्तांक पाये जाते हैं।
गैरिट (Garrett, 1966) के अनुसार - "यदि प्राप्तांक मूल्यों के अनुसार व्यवस्थित है, तो उस श्रृंखला में मध्य बिन्दु मध्यांक कहा जाता है।'
(When scores are arranged in order of size, the median is the mid-point in the series.)
"दूसरी तरफ यदि किसी सतत् श्रृंखला में प्राप्तांक आवृत्ति वितरण में समूहीकृत हैं, तो वितरण का 50% बिन्दु मध्यांक कहा जाता है।"
(The scores is a cotinuous series are grouped into a frequency distribution, the median by definition is the 50% point in the distribution.)
मध्यांक की विशेषतायें (Characteristics of Median)
1. अंक वितरण का मध्यांक बिन्दु वह है जिसके ऊपर और नीचे अंक वितरण के आधे-आधे केसज स्थित होते है।
2. मध्यांक की मानक त्रुटि बहुलांक से कम लेकिन मध्यमान से अधिक होती है।
3. मध्यांक ऊपर तथा नीचे के प्राप्ताकों की संख्या पर निर्भर करता है।
मध्यांक से लाभ (Advantages of Median)
1. छोटे अंक वितरण का मध्यांक सरलता से ज्ञात कर सकते है।
2. जब अंक वितरण अपूर्ण और खुले छोर वाला हो तो मध्यांक की गणना करते हैं।
3. जब अंक वितरण विकृत हो तब भी मध्यांक की गणना करते है।
मध्यांक के दोष (Disadvantages of Median)
1. यह मध्यमान की अपेक्षा कम शुद्ध मान है।
2. केवल अपूर्ण और विकृत वितरण में ही इसकी गणना करते है।
मध्यांक के उपयोग (Uses of Median)
1. जब केन्द्रीय प्रवृत्ति का त्वरित मापन करना होता है।
2. जब वितरण के 50% बिन्दु को ज्ञात करना होता है।
3. यदि प्राप्तांकों में कुछ चरम माप है तब मध्यांक उपयोगी रहता है।
4. यदि प्राप्तांक वितरण विषम हो तो यह उपयोगी रहता है।
5. इसकी गणना ग्राफ द्वारा भी कर सकते हैं।
मध्यांक की गणना (Calculation of Median Mdn)
असमूहीकृत आंकड़ों से मध्यांक (Median From ungrouped data)
यदि आंकड़े अव्यवस्थित हो तो पहले उन्हें न्यूनतम से अधिकतम क्रम में व्यवस्थित करते हैं। यह दो अवस्थाओं में करना पड़ सकता है।
1. जब संख्यायें विषम (odd) हो तो उन्हें क्रम में करने पर जो अंक मध्य में पड़ता है तो इसे मध्यांक कहते है। जैसे - 2, 4, 10, 3, 5, 9, 7 को क्रम में - आरोही क्रम 2, 3, 4, 5, 7, 9 10 उपर्युक्त श्रृंखला में 5 मध्यांक है क्योंकि यह मध्य में है।
2. जब संख्यायें सम (even) हो तो संख्याओं के योग में एक जोड़कर दो से भाग दे देते हैं। यह अंक मध्यांक कहलाता है।
जैसे, 7, 6, 12, 18, 10, 8 को क्रम में व्यवस्थित करने पर
आरोही क्रम 6, 7, 8, 10, 12, 18
यहाँ प्राप्तांक सम है। इसलिए 3.5 अंक तीसरे तथा चौथे अंक का मध्य है।
8+10
Mdn = ----------- = 9
2
मध्यांक = 9
समूहीकृत आंकड़ों से मध्यांक
(Median From Grouped Data) -
व्यवस्थित आंकड़ों पर मध्यांक की गणना निम्नवत करते हैं -
1. प्राप्त आवृत्तियों को संचयी आवृत्तियों में परिवर्तित कर देते हैं।
2. आवृत्तियों का 50% जिस वर्गान्तर के समाने पड़ता है, वह मध्यांक वर्गान्तर कहा जाता है।
3. मध्यांक वाले वर्गान्तर की निम्न सीमा ज्ञात करते हैं।
4. मध्यांक वाले वर्गान्तर के नीचे की सभी आवृत्तियों के योग को ज्ञात करते है।
5. वर्ग विस्तार ज्ञात करते हैं।
6. मूल्यों को सूत्र में रखकर मध्यांक ज्ञात करते हैं -
Mdn = मध्यांक
(N/2-fb)
Mdn = L + --------------- x i
fp
L = मध्यांक वर्गान्तर की निम्न सीमा,
fb = मध्यांक वर्गान्तर के नीचे की संचयी आवृत्तियां,
fp = मध्यांक वर्गान्तर की आवृत्ति,
i = वर्गान्तर आकार,
उदाहरण - एक क्लास में 50 छात्रायें थी। हिन्दी विषय पर उनके प्राप्तांक प्राप्त किये। मध्यांक की गणना करें।
मध्यांक की गणना
[25 - 21]
Mdn = 49.5 + ----------------- × 5
21
=49.5+ (4/21) x 5 = 49.5 + 0.19 × 5
=49.5+0.95 = 50.45
उत्तर : मध्यांक = 50.45
* यदि N/2 किसी वर्गान्तर के समक्ष प्रत्यक्ष पड़ता है। तो उस वर्गान्तर के मध्य बिन्दु को मध्यांक मान लेते हैं, तब इस सूत्र का प्रयोग करते हैं।
वितरण में रिक्तता होने पर मध्यांक की गणना
जब वितरण के मध्य में शून्य हो। तब एक विशेष परिस्थिति मानते है। एक उदाहरण यहाँ दिया गया है -
वितरण के मध्य में शून्य होने पर मध्यांक की गणना
इस उदाहरण में N/2 = 27 है। मध्यांक वर्गान्तर की आवृत्ति शून्य है। इसके ऊपर तथा नीचे 50-50% आवृत्तियां है। इसे उभयनिष्ठ वर्गान्तर कहते हैं। इसके मध्य बिन्दु ही यहाँ मध्यांक होगा। इसकी गणना निम्न सूत्र द्वारा करते हैं -
L + U
Mdn = -------------
2
L = मध्यांक वर्गान्तर की निम्न सीमा
U = मध्यांक वर्गान्तर की उच्च सीमा
59.5 + 64.5 124
Mdn = ------------------ = ---------- = 62
2 2
मध्यांक = 62
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- प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
- प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
- प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
- प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
- प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
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- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
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- प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
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- प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
- प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
- प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
- प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला