बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन
प्रश्न- सम्प्रेषण का क्या अर्थ है? इसकी आवश्यकता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर -
सम्प्रेषण का अर्थ एवं परिभाषा
सम्प्रेषण, प्रबन्ध प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण घटक है, यह वह माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति से व्यक्ति, व्यक्तियों और समूह को संदेश सम्प्रेषित किये जाते हैं। विचारों की अभिव्यक्ति या व्यक्तियों के प्रश्नों के उत्तर भी सम्प्रेषण या संचार माध्यम से दिये जाते हैं। सम्प्रेषण व्यवस्था का आशय सूचना या संदेश भेजने की व्यवस्था मात्र नहीं है। शैक्षिक प्रशासन के सम्बन्ध में इसका अर्थ अधिक व्यापक है तथा प्रशासन के विभिन्न स्तरों के बीच विचार-विमर्श एवं मिल-जुलकर कार्य करना परिधि के अन्तर्गत आता है।
सम्प्रेषण के मूल में यह विचार निहित है कि व्यक्ति समस्याओं पर परस्पर मिल-जुलकर विचार करें और एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझकर सामंजस्यपूर्ण ढंग से अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में सुगमतापूर्वक बढ़ सके।
सम्प्रेषण के अर्थ को स्पष्ट करने वाली कुछ मुख्य परिभाषाएँ इस प्रकार हैं -
(1) एडलर डॉल के शब्दों में - "परस्पर एक- दूसरे विचारों तथा भावनाओं में समान स्तर पर भागीदारी रखना ही सम्प्रेषण है। "
(2) मिलेट के अनुसार - "सम्प्रेषण को किसी साझे के प्रयोजन की साझा समझ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।"
(3) टीड के अनुसार - "सम्प्रेषण का मूल समान विषयों पर मस्तिष्कों में मेल स्थापित करता है। "
(4) साइमन के अनुसार - " प्रचार के रूप में सम्प्रेषण को किसी एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है जिसके द्वारा निर्णयों को संगठन के एक सदस्य से दूसरे सदस्य तक पहुँचाया जा सके।'
(5) एफ. जी. मेयर के अनुसार - "मानवीय विचारों एवं भावनाओं का शब्दों, पत्रों, संकेतों अथवा आदेशों के माध्यम से आदान-प्रदान करना ही सम्प्रेषण है।"
(6) न्यूमैन एवं समर के अनुसार - "सम्प्रेषण दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य तथ्यों, विचारों, सम्मतियों तथा भावनाओं का विनिमय है। "
(7) एण्डरसन के अनुसार - " सम्प्रेषण एक गत्यात्मक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति चेतना या अचेतन रूप से दूसरों के संज्ञानात्मक ढाँचे को सांकेतिक रूप से उपकरणों अथवा साधनों द्वारा प्रभावित करता है।"
(8) ई. एफ. एल. बीच के अनुसार - "सम्प्रेषण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना एवं समझ का हस्तांतरण है।"
उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि सम्प्रेषण उस प्रक्रिया का नाम है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति अपने संदेशों तथा इन संदेशों से सम्बन्धित भावनाओं, विचारों, तर्कों, विश्वासों आदि का आदान-प्रदान करते हैं। सम्प्रेषण की प्रक्रिया द्विमार्गी होती हैं जिसके अंतर्गत पृष्ठपोषण तथा अन्तःप्रक्रिया होती है। इस प्रकार का सम्प्रेषण ही प्रभावशाली सम्प्रेषण माना जाता है। प्रसिद्ध विद्वान् पिफनर ने सम्प्रेषण को 'प्रबन्ध का हृदय' बताते हुए कहा है कि प्रत्येक संगठन में सम्प्रेषण एक दुतरफा यातायात के समान होता है अर्थात् उच्च अधिकारी अपने निर्णयों को अधीनस्थ कर्मचारियों तक आदेशों-निर्देशों आदि द्वारा पहुँचाते हैं और इसी प्रकार अधीनस्थ कर्मचारियों से उन्हें प्रत्येक परिस्थिति, तथ्य और सूचना की प्राप्ति होती रहती है। वर्तमान समय में सम्प्रेषण प्रबन्धन का सार हो गया है।
सम्प्रेषण की आवश्यकता एवं महत्व
बिना प्रभावी सम्प्रेषण के समूह या समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। सम्प्रेषण की उचित व्यवस्था के बिना कोई भी प्रशासकीय संगठन कार्य नहीं कर सकता और यदि संगठन अपने स्वरूप में अत्यधिक विस्तृत हो तब तो यह अनिवार्य हो जाता है कि उसके संचालन अथवा नियंत्रण के स्तर पर कार्य की प्रगति से सम्बन्धित पर्याप्त सूचनाएँ निश्चित समय पर मिलती रहें। सम्प्रेषण व्यवस्था को प्रशासन का प्रथम सिद्धान्त माना जा सकता है। संगठन में आन्तरिक सहयोग और समन्वय का समायोजन की प्राप्ति के लिए सम्प्रेषण व्यवस्था का होना नितान्त आवश्यक है। किसी व्यक्ति द्वारा कोई बात कह देना ही पर्याप्त नहीं होता बल्कि आवश्यकता इस बात की भी होती है कि सूचना पाने वाला सूचना को उसी प्रकार प्राप्त करे एवं उसका वही अर्थ लगाये जो सूचना देने वाले का है। सम्प्रेषण के माध्यम से ही प्रशासन के विभिन्न स्तरों और प्रशासन तथा जनता के बीच सही रूप में सम्पर्क किया जा सकता है। यह एक जानी-मानी बात है कि यदि सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और उद्देश्य से भली- भाँति परिचित होंगे तो न केवल अपने कार्य की सार्थकता अधिक समझ सकेंगे, बल्कि कार्य का सम्पादन भी अधिक निष्ठा के साथ करेंगे।
इसके अतिरिक्त यदि अधिकारियों को कर्मचारियों का विकास प्राप्त होगा तो वह उनके सहयोग के बल पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक अच्छे ढंग से कर सकेंगे। आज के लोकतान्त्रिक युग में प्रशासन और जनता के बीच सम्पर्क रहना भी आवश्यक है। यदि प्रशासन जनता से अलग-थलग रहता है तो लोकतान्त्रिक व्यवस्था का कोई मूल्य नहीं रह जाता। यही कारण है कि आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में सरकारी विभागों में सूचना, प्रचार एवं जनसम्पर्क अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। आज लगभग सभी राज्य सरकारों ने सूचना, प्रकाशन और लोक-सम्पर्क विभाग स्थापित कर लिये हैं। प्रबन्ध सम्बन्धी साहित्य सम्प्रेषण विषयक लेखों से परिपूर्ण हैं। वस्तुतः आज का युग सम्प्रेषण या संचार व्यवस्था का युग है। संचार व्यवस्था के कारण ही आज औसत दर्जे का आदमी भी अपनी सरकार और अपने पड़ोसियों के अधिक निकट है तथा वह अपने चारों ओर के जीवन से अधिक एकरूपता अनुभव करता है।
सम्प्रेषण एक कला है। यदि उपयुक्त भाषा, शैली और माध्यम से लक्ष्य के अनुरूप संदेश भेजा जाय तो अत्यंत प्रभावकारी होता है जिसका प्रभाव प्रबंध - दक्षता पर पड़ता है। यही वह कला है जिसके माध्यम से कुशल प्रबंधक बड़े से बड़े समूह को एक सूत्र में बाँधे रहता है। उचित सम्प्रेषण के अभाव में अफवाहों को जन्म मिलता है जो प्रभावी प्रबंधन के लिए घातक होता है।
विद्यालय के अन्तर्गत प्रधानाचार्य को सम्प्रेषण माध्यमों तथा उपकरणों के उपयोग से शिक्षा- प्रशासन में अधिक सहायता मिलती है तथा उसकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है। सम्प्रेषण के माध्यमों के उपयोग से दूरवर्ती शिक्षा का विकास किया है। संचार माध्यमों से ही दूरवर्ती शिक्षण का आयोजन किया जाता है और देश के किसी भी क्षेत्र का छात्र दूरवर्ती शिक्षा से उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकता है। इस प्रकार की शिक्षा अपेक्षाकृत मितव्ययी होती है।
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- प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ स्पष्ट करते हुए नेतृत्व के प्रकार तथा आवश्यकता की विवेचनाकीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए नेता के सामान्य गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा में नेतृत्व की महत्ता की विवेचना शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में विस्तार से कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व से सम्बन्धित किन्हीं दो सिद्धान्तों को विस्तार से विवेचित कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय नेता के रूप में प्राचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व में नैतिकता और शिष्टाचार का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी शैक्षिक नेतृत्व के विकास के सोपान को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रजातांत्रिक व निरंकुशवादी नेतृत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व की अवधारणा लिखिए।
- प्रश्न- विद्यालय प्रशासन में ग्रिफिथ्स द्वारा कल्पित विद्यालय तन्त्र की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय के शैक्षिक प्रशासन में मानवीय सम्बन्धों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानाचार्य तथा शिक्षक के सम्बन्ध पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संघर्षरहित वातावरण की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व में समूह बनाने की अवधारणा लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा के प्रबन्धन का अर्थ स्पष्ट करते हुए शिक्षा में प्रबन्ध के कार्य क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रबन्धन के महत्व को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं? इसकी समुचित परिभाषा देते हुए विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा प्रबन्धन की अवधारणा स्पष्ट करते हुए इसकी विशेषता एवं क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के कार्यों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षा प्रबन्ध में अन्तर समझाइए तथा शिक्षा प्रबन्ध की महत्वपूर्ण दशाएँ बताइए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- प्रबन्धन के मुख्य कार्यों को संक्षेप में बताये ?
- प्रश्न- पोस्डकॉर्ब (POSDCORB ) को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- कुछ प्रमुख विचारकों द्वारा बताये गये प्रबन्धन के कार्यों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा प्रबन्ध के क्षेत्र को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की आवश्यकता एवं महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले तत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे प्रबन्धक की विशेषतायें लिखिये।
- प्रश्न- विद्यालय में कक्षा-कक्ष प्रबन्धन से क्या आशय है? कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की प्रक्रिया को समझाइये।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन का अर्थ एवं सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्याओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन कौशल के प्रमुख घटक या चर कौन-से हैं ?
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के उद्देश्य लिखिए ?
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले कोई पाँच कारक लिखिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के सिद्धान्तों की व्याख्या संक्षेप में कीजिये।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्यायें बताइये?
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष के प्रमुख घटक या चर कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कक्षाकक्ष प्रबन्धन में शिक्षक की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता है ?
- प्रश्न- टीम निर्माण की आवश्यकता बताते हुए टीम निर्माण में सम्प्रेषण के महत्व की विवेचना कीजिये?
- प्रश्न- सम्प्रेषण का क्या अर्थ है? इसकी आवश्यकता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? विद्यालय में सम्प्रेषण के विभिन्न स्तरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण की कौन-कौन सी विधियाँ एवं प्रविधियाँ प्रयोग में लायी जाती हैं? सम्प्रेषण की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण के आधार पर टीम निर्माण के निहित तत्वों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- दल-निर्माण में सम्प्रेषण की अवधारणा स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- टीम निर्माण में सम्प्रेषण के सिद्धान्तों का प्रयोग समझाइये ?
- प्रश्न- दल निर्माण के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- सम्प्रेषण में सुधार करने के लिए दल निर्माण की भूमिका का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सम्प्रेषण किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण की आवश्यकता तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन में स्वोट (SWOT) विश्लेषण क्या है ? स्वोट विश्लेषण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन की गुणवत्ता को प्रभावशाली बनाने में स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- Swot स्वोट विश्लेषण के लाभ समझाइये।
- प्रश्न- स्वोट विश्लेषण का मूल्यांकन कैसे किया जा सकता है? समझाइये।
- प्रश्न- SWOT स्वोट विश्लेषण के रूप या प्रकार बताइये।
- प्रश्न- स्कूल या विद्यालय का अर्थ व परिभाषा बताते हुए उसके कार्यो की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय और समाज एक-दूसरे पूरक एवं सहयोगी हैं, विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन के निर्माण, साज-सज्जा तथा रख-रखाव पर विस्तृत वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय भवन या निर्माण के आवश्यक घटकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय भवन से क्या तात्पर्य है? विद्यालय भवन निर्माण के आवश्यक तथ्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय पुस्तकालय से आप क्या समझते हैं? पुस्तकालय के उद्देश्य एवं लाभ का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय के प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन निर्माण के चरण (Steps) बताइये।
- प्रश्न- विद्यालय भवन में लर्निंग कार्नर किसे कहते हैं?
- प्रश्न- विद्यालय भवन के प्रमुख कक्ष पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय / स्कूल की मुख्य विशेषतायें समझाइये।
- प्रश्न- विद्यालय की आवश्यकता एवं महत्व को बताइये।'
- प्रश्न- भौतिक संसाधन प्रबन्धन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन-निर्माण के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय छात्रावास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'समय सारणी शिक्षण-अधिगम के कुछ मूल सिद्धान्तों पर आधारित होती है, केवल मात्र मुख्याध्यापक की मर्जी पर नहीं।' इस कथन को स्पष्ट करते हुए समय-सारणी के निर्माण सम्बन्धी सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के प्रकार बताइये तथा कक्षा विद्यालय की समय-सारणी 'का उदाहरण दीजिये।
- प्रश्न- समय-सारणी चक्र का निर्माण करने के सामान्य सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समय सारणी चक्र के निर्माण करने के विशिष्ट सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समय-सारिणी चक्र के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय वातावरण का अर्थ समझाइए।
- प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के सोपान (Steps ) बताइये।
- प्रश्न- समय-सारणी की पाँच विशेषताओं का उल्लेख कीजिये ?
- प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय में समय चक्र की आवश्यकता व महत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- समय तालिका के निर्माण में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समय तालिका निर्माण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रयोगशाला से आपका क्या तात्पर्य है? प्रयोगशाला स्थापना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- एक अच्छी प्रयोगशाला से छात्रों को क्या-क्या लाभ प्राप्त हुए हैं ? साथ ही प्रयोगशाला संचालन करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ? उसका उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय में प्रयोगशाला के महत्व एवं लाभ को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खेल का मैदान/क्रीडास्थल पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- खेल के मैदान का महत्व बताइये।
- प्रश्न- विद्यालय में खेल के मैदान की व्यवस्था किस प्रकार करनी चाहिए? समझाइये। उत्तर -
- प्रश्न- स्टाफ रूम / शिक्षक-कक्ष को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष ( Class Room) को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- बच्चों के अनुकूल स्कूल (Child Friendly School ) पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संस्थागत शासन से आपका क्या तात्पर्य है तथा संस्थागत प्रशासन में प्रधानाचार्य की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- कार्मिकों (स्टाफ) की भर्ती एवं चयन प्रक्रिया को समझाइये।
- प्रश्न- स्टाफ ( Staff) मूल्यांकन को समझाते हुए, इसकी विशेषताएँ बताइये ?
- प्रश्न- स्टाफ ( शिक्षकों) के व्यावसायिक विकास को विस्तारपूर्वक समझाइये ?
- प्रश्न- विद्यालय में बैटक ( मीटिंग) की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की क्या भूमिका है? वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शिक्षा प्रशासन के प्रारूपों का वर्णन कीजिये। शिक्षा व्यवस्था के तीनों स्तरों पर प्रशासन के स्वरूप / संरचना का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता व महत्व पर प्रकाश डालिए और उसके उद्देश्यों को भी स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऐतिहासिक दृष्टि से शैक्षिक प्रशासन को कितने विभिन्न भागों में विभाजित किया जा सकता है? स्वतन्त्र भारत में शिक्षा प्रशासन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन कला है या विज्ञान? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन का अर्थ क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- केन्द्रीकरण एवं विकेन्द्रीकरण का अर्थ एवं विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के गुण एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के व्यापक अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य तथा आन्तरिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे शैक्षिक प्रशासक के गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में प्रधानाचार्य की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत क्रियाओं के सुशासन हेतु प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण सम्बन्धी कार्य का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन में प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय में मीटिंग की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की भूमिका की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परिवेक्षण तथा पर्यवेक्षण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम क्या है ? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- स्वास्थ्य शिक्षा से आप कया समझते हैं? स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक अध्यापक की भूमिका का वर्णन करें।
- प्रश्न- विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालयीय चिकित्सा सेवा से क्या तात्पर्य है? इसके विभिन्न पक्षों और कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- योग का अर्थ बताते हुए विभिन्न विद्वानों की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। अथवा योग शिक्षा से आप क्या समझते हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय मध्याह्न भोजन से आप क्या समझते है ? भोजन के विभिन्न कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मध्याह्न भोजन की आवश्यकता बताइए तथा निष्पादन पर इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं? पौष्टिक आहार के विभिन्न तत्वों के स्रोतों तथा कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एक चिकित्सा निरीक्षण क्या है?
- प्रश्न- टीकाकरण (Immunization) पर अपने विचार व्यक्त करिये ?
- प्रश्न- उचित मुद्रा (Posture ) के महत्व पर विचार प्रकट कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के केन्द्रीयकरण के नियम के गुणों को समझाइये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के नियम विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रस्तुत हैं संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के स्वरूप को संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- छात्रों के नियमित स्वास्थ्य निरीक्षण से होने वाले लाभों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कलाई की योग मुद्राओं के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- चिकित्सा से सम्बन्धित शिक्षक के क्या कार्य या कर्त्तव्य होने चाहिए ?
- प्रश्न- मेडिकल या स्वास्थ्य रिकॉर्ड के अभिलेख का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में अध्यापक की भूमिका का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (1. शैक्षिक नेतृत्व का अर्थ एवं प्रकार)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (2. दल निर्माण)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (3. शैक्षिक प्रशासन और स्कूल )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (4. विद्यालय में एक प्रभावी कक्षा कक्ष प्रबन्धन के लिए प्रबन्धन कार्यों का उपयोग करना )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (5. दल निर्माण में सम्प्रेषण का महत्व )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (6. विद्यालय प्रबन्धन में गुणवत्ता सुधार के लिए तथा स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य का कौशल)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (7. स्कूल (विद्यालय) - उसके कार्य और समाज से सम्बन्ध)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (8. स्कूल वातावरण : अर्थ एवं प्रकार, समय-सारणी, समय-सारणी तैयार के सिद्धान्त और तकनीक)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (9. प्रयोगशाला, खेल मैदान, छात्रावास, स्टाफ रूम, कक्षा-कक्ष)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (10. संस्थागत शासन, चयन प्रक्रिया, स्टाफ का मूल्यांकन)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (11. भारत में शैक्षिक प्रशासन के सिद्धान्त और उसकी संरचना )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (12. प्रधानाचार्य विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (13. स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के पर्यवेक्षक )