बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाजसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज
प्रश्न- महिलावाद क्या है?
उत्तर-
महिलावाद एक अवधारणा और व्यवहार है (महिलावादी केवल पुरुष और स्त्री के बीच में बराबरी की बात नहीं करते बल्कि वे महिलावाद को उपलब्धियों पर भी जोर देते हैं) मोटे रूप में परिभाषित करें तो यह एक तरह की चेतना है जो बताती है कि स्त्रियों द्वाई जाती हैं और सभी संस्थानों में उनका शोषण होता है। महिलावाद केवल यही नहीं मानकर चलता कि स्त्रियों का दमन होता है, वह इसमें भी विश्वास करता है कि इस दमन के बारे में चेतना उत्पन्न की जानी चाहिए और परिवर्तन लाने के लिए सक्रिय रूप से कुछ किया जाना चाहिए। वह स्त्रियों के अधिकारों और आत्म-सम्मान को प्रमुख पहुँचाने जाती है। महिलावादी प्रश्न खड़े करते हैं और विरोध करते हैं। महिलावादी जिस विचारधारा को अस्वीकार करते हैं कि जैविकीय अन्तर जो पुरुष और स्त्रियों के बीच है, उसे आधार बनाया जाता है।
महिलावादी विशेष अवधारणाओं को काम में लाते हैं जैसे कि पितृसत्तात्मकता, पुरुष प्रभुत्व, स्त्री अधीनस्थता और स्त्रियों का दमन जिनमें लैंगिक भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। देखा जाए तो घरेलू कार्य जिसे स्त्रियाँ करती हैं बहुत महत्वपूर्ण हैं और मजे की बात यह है कि इन कार्यों को समाज आर्थिक गतिविधियाँ नहीं कहता। महिलावादियों का नारा है कि सभी स्त्रियाँ कमाएंगी हैं और उन्हें किसी अन्य कार्य की ही तरह महत्वपूर्ण समझना चाहिए।
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