बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कार्यों की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय संगठन के कार्य - अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कार्यों की विवेचना निम्न वणिर्त है -
(1) संधि करना - अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का पहला मुख्य कार्य संधियों का होता है। यह अधिकार विभिन्न संगठनों के संविधान पर आधारित है। यदि संविधान में संधि करने का अधिकार स्पष्ट अभिव्यक्त उपलब्ध नहीं होता। तथापि विधिक व्यक्ति के रूप में शक्ति स्थायी रहती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने राज्यों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ अनेक संधियाँ की हैं। संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य संगठनों के साथ सहयोग किया है। यह कार्य अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ माने जाते हैं।
(2) अंतर्राष्ट्रीय दावा करना - अंतर्राष्ट्रीय संगठन अंतर्राष्ट्रीय दावा (International Claims) करने में सक्षम रहते हैं। यह उनका मुख्य कार्य भी है। यह कार्य - (क) विधिक व्यक्तिगत की क्षमता (ख) उद्देश्य (ग) कार्य की प्रभावशाली क्षमता आदि पर आधारित है।
(3) क्रियात्मक संरक्षण - कोटिपय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को प्रत्येक संधिवादी राज्य में कुछ कार्य करने की क्षमता प्रदान की गई है। जो उसके कार्यों के संचालन एवं संपादन के लिए आवश्यक हो यथा-
(क) संगठन का हित (ख) प्रशासनिक तंत्र का सुव्यवस्थित संचालन (ग) सम्पत्ति तथा परिसम्पत्ति का संरक्षण आदि।
(4) प्रभुत्व सम्पन्नता की रक्षा - अंतर्राष्ट्रीय संगठनों एवं संस्थाओं का प्रमुख कार्य राज्यों की प्रभुत्व सम्पन्नता की रक्षा करते हुए उनकी विभिन्न सामाजिक प्रणालियों के बावजूद उनमें परस्पर शांतिपूर्ण सहयोग का प्रचार करना है। सदस्य राज्यों के बीच परस्पर सहयोग की भावना पैदा करना एवं उनके हितों की रक्षा करना अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का प्रमुख दायित्व है।
(5) प्रतिस्पर्धा के स्वतंत्र को बनाए रखना - अंतर्राष्ट्रीय संगठनों एवं संस्थाओं का एक और अहम कार्य विभिन्न राज्यों के बीच चल रही प्रतिस्पर्धा के स्वतंत्र को शांतिपूर्ण तरीके से बनाए रखना है।
|