लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :232
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2701
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

प्रश्न- मूल्यों के संदर्भ में भारतीय संस्कृति का क्या योगदान है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।

उत्तर-

मूल्यों में भारतीय संस्कृति - मूल्यों के संदर्भ में भारतीय संस्कृति की स्थिति अति विशिष्ट है। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि भारतीय संस्कृति, जो वैदिक से प्रवाहित संस्कृति में से एक है, जिसका अस्तित्व के माध्यम प्राणधारा से मिल रहे हैं।

भारतीय संस्कृति का विकास सर्वत्र मानवीय मूल्यों द्वारा हुआ, यह भारतीयों के श्रेष्ठतम संस्कारों से आत्मसात की जाती है। भारतीयों में प्रायः यह पाया गया है कि उनमें अहिंसा का गुण था। प्राचीनकाल में पशुपालन की स्थिति बहुत अच्छी थी। निःसंदेह जीवन में सामूहिकता एवं अहिंसा साथ-साथ चलने वाली विशेषताएँ हैं। बाल्यकाल में अहिंसा-गुण के कारण ही सामाजिक रूप में, सहयोग एवं सामूहिकता के साथ रहने-सहने की सुन्दर स्थिति बन सकती है। स्पष्ट है कि उस समय ये दो- सामाजिकता एवं इसका स्वरूप का आधार - या मूलतत्व अहिंसा उस समय की भारतीय संस्कृति की मुख्य विशेषताओं में से साथ-साथ भारतीयता के जीवन-मूल्यों के रूप में स्थापित भी थीं।

भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा गुण उसकी समन्वयात्मकता है जिसमें विदेशों की विभिन्न संस्कृतियों के अच्छे संस्कारों को ग्रहण किया एवं उन्हें विकसित किया गया। यह समन्वय भारतीय मूल्यों के क्षेत्र में अपना अनुपम योगदान देने में सक्षम रहा है। आज आवश्यकता है कि वह बृहत्तर दृष्टिव्यक्त सहयोग एवं सहकार की धारातलित सच्चाई को ही अहिंसा, समन्वयात्मकता या सामाजिकता द्वारा ही समझा जाए। वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इसकी भूमिका विश्व-कल्याणार्थ है। इसकी आवश्यकता नितान्त आवश्यक है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book