बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- सार्वभौमिक मानवीय मूल्य क्या हैं?
उत्तर - सार्वभौमिक मानवीय मूल्य वे मानवीय मान, लक्ष्य या आदर्श हैं, जिनके आधार पर विभिन्न परिस्थितियों तथा विषयों का मूल्यांकन किया जाता है।
सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों के अन्तर्गत मानवीय मूल्यों को सम्मिलित किया जाता है -
सत्य - मानवीय मूल्यों के अन्तर्गत सत्य को बुनियादी मूल्य माना जाता है। सत्य समाज का एक आदर्श मूल्य है। इसके द्वारा राष्ट्र एवं विश्व को एक नई दिशा दी जा सकती है। सत्य बोलने की शिक्षा बालकों द्वारा दी गई गलती को स्वीकार कर लिए जाने के उपरांत दोबारा उसी गलती को न दोहराने में सहायता मिलती है। अतः इससे गलती रोकी जा सकती है। इससे एक आदर्श समाज निर्माण होता है।
शान्ति - शान्ति भी एक मूल्य है जिसके अन्तर्गत बालकों में अहिंसा, तनाव एवं संघर्ष के नकारात्मक पक्षों को बढ़ाकर उससे होने वाली समस्याओं की जानकारी दे सके, उसे शान्ति के मार्ग पर चलाया जा सकता है, जिससे समाज एवं राष्ट्र में ऊर्जा एवं प्रेम का विकास हो सके। शान्ति की अवधारणा ही एक शान्त समाज का निर्माण करती है जहाँ कोई डर, भय एवं अस्थिरता न हो।
अहिंसा - प्राचीनकाल से लेकर आज तक के विचारकों ने अहिंसा के मूल्य को निर्विवाद रूप से स्वीकार किया है। "अहिंसा परमोधर्मः" हमारी भारतीय परम्परा का हिस्सा है। अहिंसा के मूल्य को अपनाकर हम एक धर्म एवं शान्त समाज की स्थापना कर सकते हैं।
धार्मिक आचरण या न्याय परायणता - भारत अनेक धर्मों का देश है, वह धर्म के मूल तत्व मानव कल्याण, सत्य, प्रेम व श्रृद्धा के प्रति आदर एवं प्रेम अहिंसा है। सभी धर्म मनुष्यों को एक अच्छा इंसान बनने की शिक्षा देते हैं तथा भलाई करने का मार्ग दिखाते हैं। जैसी करनी वैसी भरनी" के मूल्यों को आत्मसात कर यदि मनुष्य जीवन में धारण कर ले तो निश्चित ही वह समाज एवं राष्ट्र के विकास हेतु, एवं हर तरह से शान्तिपूर्ण वातावरण बनाएगा।
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