बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- मंदबुद्धि बालकों को अधिक स्पष्ट करते हुए इनकी प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
अथवा
एक मंदबुद्धि बालक की पहचान आप कैसे करेंगे?
अथवा
मानसिक रूप से पिछड़े बालकों के I.Q. में क्या रूप जानते हैं?
उत्तर-
मानसिक रूप से पिछड़े या मंदबुद्धि बालकों का अर्थ
जिन बालकों की वृद्धि तथा विकास दूसरे बालकों की अपेक्षा धीमी गति से होता है और जिनका बुद्धि-लव्धि (I.Q.) बहुत कम होती है, मानसिक रूप से पिछड़े या मंदबुद्धि बालक कहलाते हैं। सामान्य नागरिक के अनुसार, सामान्य बुद्धि वाले बालकों की बुद्धि-लव्धि 90 से 110 के मध्य होती है। बालकों की बुद्धि-लव्धि 90 से कम होती है, उन्हें मंदबुद्धि कहा जाता है और जिनकी बुद्धि-लव्धि 90 से जितनी कम होती है।
मानसिक रूप से पिछड़े या मंदबुद्धि बालकों की विशेषताएं
मानसिक रूप से पिछड़े या मंदबुद्धि बालकों में सामान्यतः निम्नलिखित विशेषताएं पायी जाती हैं-
- मंदबुद्धि बालकों की बुद्धि और विकास सामान्य बालकों की अपेक्षा मंद गति से होता है। उदाहरण के लिए अठारह वर्ष की मानसिक रूप से पिछड़े बालकों का स्तर पांच या छह वर्ष के सामान्य बच्चों के बराबर होता है। इस कारण ऐसे बालकों को विद्यालय में जाना भी विलम्ब से हो जाता है।
- मंदबुद्धि बालकों की सीखने की गति बहुत कम होती है।
- मंदबुद्धि बालकों की स्मरण शक्ति कमजोर होती है।
- मंदबुद्धि बालकों में मौलिकता और सृजनात्मकता का अभाव होता है।
- मंदबुद्धि बालकों को प्रत्यक्ष अनुभवों के द्वारा ही कुछ समझाया जा सकता है।
- मंदबुद्धि बालकों की रुचियां और अभिरुचियां बहुत सीमित होती हैं।
- मंदबुद्धि बालकों में सामाजिकता करने की योग्याता नहीं होती।
- मंदबुद्धि बालक भावशून्य होते हैं क्योंकि उनमें संवेदनात्मक परिवर्तन नहीं पायी जाती।
- मंदबुद्धि बालक, दूसरों पर निर्भर रहते हैं। अतः पिछड़े हुए बालकों को अपनी शारीरिक देखभाल भी नहीं कर पाते।
- मंदबुद्धि बालकों में नैतिक और सामाजिक गुणों और मूल्यों का अभाव रहता है।
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