बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- अधिगम असमर्थ बालकों की विशेषताएँ क्या हैं?
अथवा
अधिगम निर्धमता की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
गगनपुरी तथा कृष्ण कुमार ने अधिगम असमर्थ बालकों के विशेष लक्षणों को इस प्रकार व्यक्त किया है।
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यह तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकृति है जो व्यक्ति की योग्यता एवं निष्पादन में अंतराल पैदा करती है।
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इनकी सामाजिककरण प्रवृत्तियाँ होती हैं।
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अधिगम असमर्थ बालक को पढ़ने लिखने बोलने तथा गणित के प्रश्न हल करने में समस्या पैदा होती है।
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अधिगम असमर्थता एक गुप्त बाधा है जिसकी आसानी से पहचान निदान तथा स्वीकृति नहीं होती।
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अधिगम असमर्थ के लिए शीघ्र निदान उपयुक्त हस्तक्षेप अत्यावश्यक दशाएँ हैं।
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अधिगम असमर्थता प्रायः परिवारों में होती है।
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ऐसा माना जाता है कि अधिगम असमर्थता पूर्ण रूप से लुप्त नहीं होती है। इसकी क्षतिपूर्ति की जा सकती है।
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ध्यान की कमी तथा अतिरिक्त क्रियाशीलता विकृतियाँ अधिगम असमर्थता में सम्मिलित होती हैं। लेकिन सदैव नहीं।
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अधिगम असमर्थता मानसिक मंदन आत्मविमोह बहिरापन दृष्टिहीनता तथा व्यवहार सम्बन्धी असमानताओं के समान नहीं है।
अधिगम असमर्थ बालकों के मुख्य विश्वासों का वर्गीकरण करने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं।
ब्लेकेमोर 1966 ने इन बच्चों का गहन अध्ययन किया और अनुमान लगाया कि अधिगम असमर्थता मानसिक तथा ज्ञान दोष या क्षति के कारण होती है। इन बालकों में जो असामान्यताएँ पाई जाती हैं वे इस प्रकार हैं-
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शारीरिक दोष- हाथ पैर का सुचारू रूप से कार्य न करना।
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अंतःक्रिया की समस्या।
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संवेगात्मक योग्यता में कमी।
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ध्यान केंद्रण में कमी।
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स्मृति व चिंतन करने में कमी।
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विभिन्न इंद्रियों में सामंजस्य की कमी।
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संवेगात्मक प्रतिरोध।
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विशिष्ट अधिगम असमर्थता।
उपरोक्त विशेषताओं के अतिरिक्त कुछ अन्य विशेषताएँ होती हैं, जो इस प्रकार हैं-
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इन बच्चों को व्यवस्थित रूप से कार्य करने में समस्या आती है।
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ये बच्चे भावनात्मक रूप से अश्थिर होते हैं। अकस्मात संवेग के विक्षोभ के कारण आक्रामक व्यवहार करते हैं।
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विषय वस्तु को समझने, अर्थ करने की क्षमता कम होती है।
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श्रवण, शब्द, वाक्य, भाषण, पढ़ना, उच्चारण करने में समस्या आती है।
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इन बच्चों के शारीरिक अंगों में सामंजस्य की कमी होती है।
बौद्धिक विशेषताएँ-
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अधिगम असमर्थ बालकों को श्रवण, शब्दों को ठीक से बोलना, समझना आदि की समस्या होती है।
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शब्दों को ग्रहण करने, भाव को समझने में कठिनाई होती है।
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भावों को बोलकर समझने की योग्यता नहीं होती है।
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अक्षरों का गलत उच्चारण, वाक्य बनाना, भूल जाना, समझ में न आना आदि समस्याएँ होती हैं।
संवेदनात्मक सामाजिक विशेषताएँ-
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ऐसे बालक शांत व अज्ञाकारी होते हैं। ये दिवास्वप्न में लीन रहते हैं।
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बिना कारण क्रोधित होते हैं।
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ऐसे बालक प्रतिक्षेप से शिथिल होते हैं। उन्हें किसी विशेष बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है।
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एक वस्तु छोड़कर दूसरी वस्तु शीघ्र बदलते हैं।
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स्वयं पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं।
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भावनात्मक रूप से अश्थिर होते हैं।
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