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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2695
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।

उत्तर -

गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ
(Characteristics of Home Science Extension Education)

गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा में निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती हैं-

(1) केन्द्र बिन्दु ग्रामीण महिलाएँ महिलाएँ परिवार की धुरी हैं। बिन घनी घर भूत का डेरा जैसी कहावतें परिवार में महिला के महत्व को स्पष्ट करती हैं फिर परिवार शहर की हो या गाँव का यदि किसी परिवार की सोच, मान्यताएँ, क्रियाओं में परिवर्तन खाना है तो सबसे पहले इस परिवर्तन की आवश्यकता गृहिणी को समझाना आवश्यक है। यदि वह इसे समझकर परिवर्तन के लिये राजी हो जाती है तो परिवार के अन्य सदस्य बच्चे यथा वृद्ध भी उसे अपना लेते हैं। यही कारण है कि गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के विशेषज्ञ उन कार्यक्रमों की योजना बनाते हैं जो महिलाओं पर केन्द्रित हों।

(2) पारिवारिक विकास पर आधारित शिक्षा – गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का उद्देश्य ग्रामीण पारिवारिक जीवन का सर्वांगीण विकास करना है। परिवार की आर्थिक व्यवस्था को सँभालने का कार्य पुरुषों का होता है जबकि परिवार के सभी सदस्यों के सर्वविकास की जिम्मेदारी स्त्री की होती है। गृह व्यवस्था का कार्य भी गृहिणी हो करती है। अतः गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा में महिलाओं को शिक्षित कर पारिवारिक स्तर को विकसित करने का प्रयास किया जाता है। इसलिए गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के समस्त कार्यक्रम महिलाओं से ही सम्बन्धित तैयार किये जाते हैं।

(3) बहुपक्षीय - इसकी यह विशेषता गृह विज्ञान के बहुत से पक्ष होने के कारण है. इसमें कला तथा विज्ञान का संगम है। एक ओर विज्ञान है जो स्वास्थ्य, पर्यावरण आहार विज्ञान, वस्त्र विज्ञान, घर के उपकरणों से सम्बन्धित भौतिक विज्ञान हमारी रसोई का रासायनिक विज्ञान जीव विज्ञान सिखाता है तो इस विषय का कला पक्ष मनोविज्ञान, प्रबन्धन क्रिया, साज सज्जा, मातृकला, पाककला, धुलाई कला, सफाई की कला, सिलाई बुनाई की कला सिखाता है। घरेलू अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र का ज्ञान गृहिणी को व्यावहारिक बनाता है। गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा में ग्रामीण महिला के विकास हेतु गृह विज्ञान विषय के हर पक्ष को ध्यान में रखकर कार्यक्रम बनाये जाते हैं इसलिये ये कार्यक्रम बहुपक्षीय कार्यक्रम होते हैं।

(4) आवश्यकताओं पर आधारित शिक्षा – गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का कार्यक्रम. प्रत्येक क्षेत्र के लिए समान नहीं होता है। ये कार्यक्रम स्थान विशेष की आवश्यकताओं व समस्याओं के अनुसार निर्धारित किये जाते हैं, जैसे—कहीं पर्यावरण प्रदूषण की समस्या है। तो कहीं रोगों के रोकथाम की। अतः प्रसार शिक्षा कार्यक्रम गृहिणियों पर थोपे नहीं जाते हैं बल्कि उनकी आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित किये जाते हैं।

(5) वैज्ञानिक सोच विकसित - गृह विज्ञान कला तथा विज्ञान का संगम है। गृह विज्ञान घरेलू क्रियाओं को वैज्ञानिक आधार पर क्रमबद्ध रूप से करना सिखाता है ताकि समय शक्ति श्रम बच सके। अतः गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा में भी मानव मनोविज्ञान तथा विज्ञान की आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाता है। विज्ञान की नई खोजों आधुनिक ज्ञान को गृह विज्ञान विशेषज्ञ जनता तक पहुँचाने के लिये मानव मनोविज्ञान की सहायता से स्थान विशेष के निवासियों के व्यवहार सोच अभिवृत्तियों की जानकारी प्राप्त कर उसके अनुसार प्रभावी संचार साधनों का प्रयोग कर शिक्षा का प्रसार करते हैं।

(6) दोहरी शिक्षा पद्धति - गृह विज्ञान प्रसार द्विलाभ वाली शिक्षा पद्धति है। एक ओर तो यह ग्रामीण महिलाओं तक वैज्ञानिक व तकनीकी ज्ञान को पहुँचाने का कार्य करती है, वहीं दूसरी ओर यह गढ़ विज्ञान शिक्षा संस्थानों तथा अनुसंधान केन्द्रों तक ग्रामीणों की समस्याओं को पहुँचाने का कार्य करती है। शिक्षण संस्थानों और अनुसन्धान केन्द्रों में समस्या के निराकरण के लिए वैज्ञानिक शोध किये जाते हैं जिससे शोधकर्ताओं के ज्ञान में वृद्धि होती है।

इस प्रकार गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा दोहरी शिक्षा प्रणाली है यह ग्रामीण महिलाओं और अनुसन्धानकर्ताओं दोनों को ही सीखने की ओर प्रेरित करती हैं।

(7) ऐच्छिक कार्यक्रम - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा एक थोपा गया कार्यक्रम नहीं है। यह इस प्रकार तैयार किया जाता है मनोवैज्ञानिक रूप से इसका प्रसार किया जाता है कि ग्रामीण महिलाएँ आश्वस्त होने के बाद इस कार्यक्रम से जुड़ती हैं जब उन्हें परिवर्तन दिखाई देते हैं तो इन कार्यक्रमों में स्वेच्छा से अपनी भागीदारी निश्चित करती हैं। यही इसकी सफलता का राज हैं। कोई भी थोपा गया कार्यक्रम अधिक समय तक नहीं चल सकता है।

(8) अौपचारिक शिक्षा – गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा अनौपचारिक शिक्षा है। यह शिक्षा आयोग महिलाओं को पूरी तरह पारिवारिक वातावरण में दी जाती है। इसके लिए पुस्तकें और निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं होता है। यह शिक्षा देश, काल और समय की सीमा में बँधी नहीं होती है। यह शिक्षा ग्रामीण महिलाओं को घर पर ही रहकर घरेलू कार्य करते समय आसानी से दी जा सकती है।

(9) करके सीखने पर आधारित शिक्षा – गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा पद्धति 'करके सीखने' पर महत्व देती है क्योंकि जब व्यक्ति किसी कार्य को स्वयं करता है तो कार्य के साथ में अपनी कमियों से भी अवगत होता जाता है जिनका निराकरण भी साथ ही साथ हो जाता है। फलस्वरूप सीखने का प्रभाव स्थायी होता है।

गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं को सर्वप्रथम विषय की जानकारी दी जाती है। तत्पश्चात् उपलब्ध संसाधनों द्वारा महिलाओं को वह कार्य स्वयं करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

(10) परिणामवादी शिक्षा - यदि यह कहा जाये या सोचा जाये कि गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के परिणाम दो दिन में नजर आते हैं तो यह सर्वथा गलत है। परिणाम प्राप्त होते हैं किन्तु पहला परिणाम प्राप्त होने में समय अधिक लगता है क्योंकि गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का पहला उद्देश्य है ग्रामीण महिलाओं की अभिरुचि सोच व्यवहार में परिवर्तन लाना किन्तु सालों पुरानी सोच संस्कृति मान्यताएँ चाहे गलत ही हों उन्हें बदलना आसान नहीं है उनमें समय लगता है। अतः इस पहले लक्ष्य के परिणाम धीमी गति से प्राप्त होते हैं। एक बार विचार व्यवहार सोच में परिवर्तन आ जाने पर आगे के कार्यक्रमों के परिणाम तेजी से प्राप्त होने लगते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  2. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  3. प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
  4. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
  5. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  6. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  7. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
  8. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  9. प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
  10. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
  13. प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
  14. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
  15. प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
  16. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
  17. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
  18. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
  19. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
  20. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
  22. प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
  23. प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
  24. प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
  25. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  26. प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
  27. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
  28. प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  33. प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
  35. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
  37. प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
  42. प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
  44. प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
  45. प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  48. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  50. प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
  51. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  52. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
  53. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
  56. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  57. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  58. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
  59. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  60. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
  61. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  62. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  65. प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
  66. प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
  67. प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
  68. प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
  69. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
  70. प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
  71. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
  72. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
  73. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
  74. प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
  75. प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?

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