बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन
प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(Scope & Achievement of C.D. Programme)
सामुदायिक विकास कार्यक्रम का क्षेत्र इतना व्यापक है कि उसे गिनती या चुने शब्दों में नहीं बाँधा जा सकता है। इस योजना के जितने कार्यक्रम हैं उतने ही इसके क्षेत्र हैं। अपनी इसी व्यापकता के कारण इसका विशेष महत्व है। आज भी भारत की 60-70% जनसंख्या गाँव में निवास करती है जो आज भी पूरी तरह से गरीबी, अशिक्षा, अन्धविश्वास, रूढ़िवादिता, पोषण, आवास जैसी समस्याओं से लगातार लड़ रही है इसलिये सामुदायिक विकास कार्यक्रमों द्वारा इनके जीवन में रोशनी की एक किरण लाने का प्रयास जारी है ताकि इन ग्रामीणों का सम्पूर्ण विकास हो सके। यह स्वावलम्बी बनें अपनी समस्याओं के हल के लिये दूसरों का मुँह न देखें। इस योजना ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियाँ भी प्राप्त की हैं।
(1) कृषि क्षेत्र - कृषि क्षेत्र में बंजर भूमि को आधुनिक विज्ञान तथा विधियों द्वारा कृषि योग्य बनाना। सिंचाई हेतु नलकूप, कुएँ, तालाब, नहरों द्वारा पानी की व्यवस्था उपलब्ध करवाना, अच्छे बीज खाद प्रबन्ध, कीटनाशक दवाओं का प्रबन्ध, खेती की नई वैज्ञानिक तकनीक तथा उपकरणों की जानकारी देना, भूमि कटाव से बचाव, फल फूलों सब्जियों की खेती को बढ़ावा, वृक्षारोपण कार्यक्रम द्वारा कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाया गया है। इन कार्यक्रमों के प्रभाव के कारण ही आज भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। कृषकों को उनकी फसल के सही दाम प्राप्त हों इसके लिये सहकारी समितियाँ बनी हैं जिससे कृषकों के आर्थिक स्तर में भी सुधार आया है।
(2) पशुपालन का क्षेत्र - पशुपालन क्षेत्र में दुधारू जानवरों की नस्ल में सुधार, उनके भोजन साफ-सफाई का प्रबन्ध, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, सुअर, भेड़, बकरी पालन के सही प्रशिक्षण की व्यवस्था। जानवरों के गोबर से खाद बनाना। लावारिस अनुत्पादक जानवर को गोसदन पहुँचाना। जानवरों की बीमारी के प्रति लापरवाही न बरतना उनकी बीमारी की सूचना जानवर स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुँचाना बीमार जानवरों की चिकित्सा का प्रबन्ध करना।
इस क्षेत्र में पशुधन का विकास हुआ है क्योंकि सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत पशुनस्ल सुधार हेतु पशु कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र खोले गये। विकास खण्डों ने अपने-अपने खण्डों में अच्छी नस्ल के पशु किसानों में बाँटे हैं। किसानों को अपने पशु तथा उनके उत्पादन की अच्छी कीमत दिलाई जिससे कृषक आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है।
(3) परिवहन एवं संचार क्षेत्र - सामुदायिक विकास योजनाओं ने इस क्षेत्र में अनेक सड़कों का निर्माण कर ग्रामीण यातायात समस्या हल की है जिससे ग्रामीण पुनर्निर्माण आसान हुआ। आज संचार माध्यमों को गाँव तक पहुँचाकर कृषि शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों में संचार माध्यमों का प्रयोग किया जा रहा है।
इस क्षेत्र में सामुदायिक विकास योजनाओं द्वारा गाँव की कच्ची सड़कों को पक्का बनाया गया सड़कों पर पुलियों का निर्माण हुआ गाँवों को बड़ी सड़कों से जोड़ा गया सम्पूर्ण देश में सड़कों का जाल बिछाकर परिवहन यातायात व्यवस्था में सुधार लाया गया जिससे ग्रामीण उद्योगों को भी नवजीवन प्राप्त हुआ। संचार माध्यमों से नई तकनीक तथा जानकारियाँ गाँवों तक पहुँचाई गईं।
(4) शिक्षा प्रसार क्षेत्र - बिना शिक्षा के कोई भी विकास कार्यक्रम अधूरा है। शिक्षा के प्रसार द्वारा ग्रामीण समुदाय को प्रभावित किया गया। इस क्षेत्र में विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत नये स्कूल, पुस्तकालय, वाचनालय प्रारम्भ किये गये। प्रौढ़ों को साक्षर बनाने हेतु रात्रिकालीन प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र चलाये गये। गाँव में समाज शिक्षा का विस्तार किया गया।
(5) स्वास्थ्य तथा स्वच्छता का क्षेत्र - स्वास्थ्य के लिये जितनी शारीरिक स्वच्छता आवश्यक है उतनी ही आस-पास के वातावरण की स्वच्छता तथा पोषण आवश्यक है। गाँवों के वातावरण की स्वच्छता हेतु सुलभ शौचालयों का निर्माण किया गया। मातृ शिशु कल्याण केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, परिवार नियोजन केन्द्र जहाँ पोषण सम्बन्धी योजनाएँ चलाई जाती हैं खोले गये तथा पोषण सम्बन्धी ज्ञान भी दिया जाता है। गाँवों में प्राथमिक चिकित्सक तथा स्वास्थ्य सेवकों की नियुक्ति की गई जो ग्रामीणों को स्वच्छता तथा स्वास्थ्य रक्षा की जानकारी देते हैं।
इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिये विकास खण्डों द्वारा गाँवों में पक्की नालियाँ, गलियाँ, पक्के कुएँ, सुलभ शौचालयों का निर्माण करवाया गया। स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की गई। वायु तथा जल प्रदूषण से बचने के लिये धुएँरहित चूल्हे गोबर गैस संयंत्र लगवाये गये। शुद्ध जल हेतु कुएँ, नलकूप खुदवाये गये। मातृ शिशु कल्याण केन्द्र खोले गये।
(6) आवास व्यवस्था - आदिवासी तथा पहाड़ी क्षेत्रों में इस क्रिया का क्रियान्वयन किया गया। यहाँ कृषि के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ शासन द्वारा इनके आवास की भी व्यवस्था की गई। इनके बच्चों हेतु निःशुल्क शिक्षा, भोजन तथा हॉस्टल में रहने का प्रबन्ध किया गया।
(7) कुटीर तथा लघु उद्योग धन्धों का क्षेत्र - गाँव में कुटीर तथा लघु उद्योग धन्धों का विकास तथा नये उद्योग धन्धों को प्रारम्भ कर गरीबी तथा बेरोजगारी की समस्या से लड़ने का रास्ता निकाला गया। ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वयं अपनी मदद करने के लिये प्रेरित करने हेतु सहकारी समितियों की स्थापना की गई।
गाँवों में कुटीर तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कृषकों को वित्तीय सहायता के रूप में प्रति वर्ष करोड़ों रुपयों का ऋण दिया जाता है यन्त्र तथा औजार बाँटे जाते हैं। प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है।
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- प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
- प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
- प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
- प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
- प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
- प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
- प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
- प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
- प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?