बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन
अध्याय - 3
सामुदायिक विकास
(Community Development)
प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
अथवा
सामुदायिक विकास कार्यक्रम की उपलब्धियाँ बताइये।
उत्तर -
(Meaning of Community Development)
सामुदायिक विकास दो शब्दों से मिलकर बना है— समुदाय और विकास इसकी ठीक प्रकार से व्याख्या हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं-
समुदाय - समुदाय का अर्थ होता है एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में रहकर सामान्य जीवन व्यतीत करने वाले लोगों का समूह। सामान्य जीवन अर्थात् उस समूह के लोगों के रहने खाने-पीने कपड़ों को पहनने उनके रीति-रिवाज उनकी परम्पराएँ उनकी संस्कृति में समानता हो। यह स्थान कोई मुहल्ला, गाँव, जिला, प्रान्त जैसे क्षेत्र हो सकते हैं और ये एक-दूसरे पर निर्भर भी करते हैं। अर्थात् समुदाय हेतु 4 आवश्यक तत्वों का होना जरूरी है-
(1) व्यक्तियों का समूह
(2) एक सा भौगोलिक क्षेत्र या निश्चित भूभाग
(3) उस निश्चित भूभाग के निवासियों में सामुदायिक भावना
(4) आत्म निर्भरता
विकास- विकास शब्द से तात्पर्य सामाजिक सम्बन्धों की उन निश्चित दिशाओं में विकास लाना है जो गुणात्मक विकास का कार्य करें। इसको विशेष समुदाय के साथ जोड़ने से इसका अर्थ उस समुदाय की योग्यता एवं क्षमता को गति देना है। अतः सामुदायिक विकास का अर्थ किसी समुदाय के ऐसे सदस्यों की योग्यता एवं कार्यक्षमता को बढ़ाना है जो किसी एक विशेष क्षेत्र में रहकर एक दूसरे पर निर्भर हों।
सामुदायिक कार्यक्रम के द्वारा समुदाय के लोग
(1) सर्वप्रथम अपनी आवश्यकता पहचानते तथा निर्धारित करते हैं।
(2) स्वयं को संगठित करते हैं।
(3) अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति तथा समस्या निवारण हेतु स्वयं सामूहिक तथा व्यक्तिगत योजनाएँ बनाते हैं।
(4) अपने पास उपलब्ध साधनों से योजना का क्रियान्वयन करते हैं।
(5) आवश्यकता पड़ने पर समुदाय के बाहर के लोगों की सेवाओं का भी लाभ उठाते हैं।
परिभाषा
सामुदायिक विकास की परिभाषा निम्नलिखित प्रकार से की जा सकती है-
(1) मामोरिया के शब्दों में - "सामुदायिक विकास का कार्यक्रम ग्रामीण मनुष्यों को परम्परागत जीवन से आधुनिक जीवन में परिवर्तित करना है जिससे वह स्वयं को जीवन योग्य बना सकें। "
(2) लोसबो के अनुसार - "सामुदायिक विकास योजना गहन विकास की समस्या का संगठित तथा नियोजित ढंग है। "
(3) डॉ० टेलर के अनुसार - "सामुदायिक विकास तकनीकी रूप में सहायता प्राप्त और स्थानीय रूप से व्यवस्थित स्वावलम्बित कार्यक्रम है।
(4) ए० आर० देसाई के अनुसार - "सामुदायिक विकास एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा पंचवर्षीय योजनाएँ गाँवों के सामुदायिक और आर्थिक जीवन का रूपान्तरण करने की एक प्रक्रिया आरम्भ करना चाहती हैं।"
(5) श्री मुखर्जी के शब्दों में - "सामुदायिक विकास योजना स्वयं ग्रामीण जनता के सक्रिय सहयोग तथा सरकारी प्राविधिक परामर्श (Technical Advise) व आर्थिक सहायता (Financial Help) से आयोजित वह कार्यक्रम है जो उस ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध हो व समस्त भौतिक व मानवीय साधनों को इस प्रकार से काम में लाता है जिससे उस पूरे क्षेत्र में आर्थिक जीवन का उत्थान कर सके।
(6) योजना आयोग के अनुसार - "सामुदायिक विकास स्वयं जनता के प्रयत्नों द्वारा ग्रामीण जीवन का सामाजिक व आर्थिक रूपान्तर करने का एक सतत् प्रयास है। "
उक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि सामुदायिक विकास सामाजिक क्रियाओं से जुड़ा कार्यक्रम है जहाँ समुदाय के सदस्य स्वयं अपने विकास के लिये योजनाएँ बनाते हैं तथा क्रियान्वयन करने के लिये सर्वप्रथम संगठित होते हैं। वे दूसरों पर निर्भर नहीं रहते। वे अपनी आवश्यकताओं तथा समस्याओं को परिभाषित कर उनका निदान ढूँढ़ते हैं। वे अपने समुदाय में उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उचित प्रयोग से अपनी आवश्यकताएँ पूर्ण करते हैं। आवश्यक होने पर सरकार से प्राप्त सेवाओं तथा सुविधाओं का प्रयोग करते हैं। कई बार जब समुदाय के लोग अपने विकास कार्यों के प्रति लापरवाह हो जाते हैं या ढीले पड़ जाते हैं तो उन्हें विकास कार्यों हेतु प्रेरित किया जाता है। सामुदायिक विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास करना होता है। यह कार्यक्रम सरकार तथा जनता मिलकर चलाती है। यदि हम सामुदायिक विकास की विभिन्न परिभाषाओं पर ध्यान दें तो यह स्पष्ट होता है कि सामुदायिक विकास समुदाय के लिये समुदाय द्वारा होता है।
सामुदायिक विकास कार्यक्रम और विशेषताएँ
(1) सामुदायिक विकास कार्यक्रम एक साधन है जिसके द्वारा प्रसार सेवा कार्यक्रम को गति देने के लिये ग्रामीणों का सहयोग प्राप्त किया जाता है।
(2) सामुदायिक विकास योजना तथा कार्यक्रम एक ऐसी प्रभावशाली तकनीक है जिसके द्वारा समुदाय के सदस्यों को स्वयं अपने समुदाय के तथा व्यक्तिगत विकास के लिये उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग हेतु प्रेरित किया जाता है तथा सरकारी सहायता भी प्रदान की जाती है।
(3) सामुदायिक विकास योजनाएँ लोगों में आत्मविश्वास उत्पन्न करती हैं। उन्हें जिम्मेदारियाँ उठाना सिखाती हैं। उन्हें स्वयं अपनी प्रेरणा बनने के लिये प्रेरित करने वाली योजनाएँ हैं।
(4) सामुदायिक विकास कार्यक्रमों द्वारा जनता में फैले अन्धविश्वास, रूढ़िवादिता तथा भाग्यवादी दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास किया जाता है।
(5) सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता जनता को स्वयं अपनी मदद के लिये प्रेरित करना है। वे स्वयं अपनी समस्याएँ पहचानें, समझें तथा उनके निवारण में स्थानीय उपलब्ध साधनों का अधिकतम तथा समुचित प्रयोग करें।
(6) सामुदायिक विकास कार्यक्रमों द्वारा समुदाय के सभी व्यक्तियों अमीर, गरीब, बच्चे बूढ़े, युवा, स्त्री, पुरुष किसी भी जाति का व्यक्ति हो पूरे समुदाय के विकास हेतु योजना बनती तथा क्रियान्वित होती है।
(7) सामुदायिक विकास एक प्रक्रिया है जो परम्परागत जीवन स्तर निम्न आर्थिक स्तर को प्रगतिशील तथा उन्नत जीवन स्तर में परिवर्तित करने में सहायक होती है।
(8) सामुदायिक विकास योजनाओं द्वारा मानवीय तथा समाजिक विकास पर जोर दिया जाता है।
(9) इस कार्यक्रम का संचालन लोकतान्त्रिक विधि में किया जाता है।
(10) सामुदायिक विकास कार्यक्रम समुदाय के सदस्यों में परस्पर प्रेम तथा सहयोग की भावना जाग्रत करते हैं ताकि वे आपस में मिलकर अपनी समस्याएँ सुलझा सकें।
( 11 ) ग्रामीण के कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रम, सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत चलाये जाते हैं।
(12) सामुदायिक विकास कार्यक्रम छोटे स्तर पर नहीं आन्दोलन के रूप में होते हैं ताकि समुदाय के सदस्यों का आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक विकास हो सके।
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- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
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- प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
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- प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
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- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?