बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन
प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
उत्तर -
(Objectives of Extension Education)
प्रसार शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य सम्बन्धित व्यक्ति को परिवार तथा समुदाय के एकीकृत एवं बहुमुखी विकास की योजना बनाने तथा उसे कार्यान्वित करने में सहायता प्रदान करना है। व्यक्ति को ऐसा प्रशिक्षण प्रदान करना है जिससे वह अपनी समस्या का हल स्वयं करते हुए अपने परिवार, समाज व देश का विकास कर सके। इसके अन्तर्गत लोगों को काम सिखाना, उनमें आत्म-विश्वास व लगन पैदा करना सम्मिलित किया जाता है। लीगन्स के अनुसार, "सर्वोत्तम प्रसार का प्रमुख उद्देश्य अधिक से अधिक व्यक्तियों को आगे बढ़ने के लिए निर्देश देना है।"
वास्तव में निर्देशन के अभाव में लोग यह निर्णय नहीं कर पाते कि उन्हें किस मार्ग पर चलना है। अतः प्रसार कार्यकर्त्ता को लोगों को स्पष्ट निर्देश देने चाहिए जिससे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मार्ग का चयन कर सके।
सी० सी० हर्ने ने प्रसार शिक्षा के उद्देश्य के बारे में लिखा है, "ग्रामीण जनता का स्तर ऊँचा उठाना एवं भूमि जल एवं पशुधन का सर्वोत्तम उपयोग है।"
प्रसार शिक्षा के कुछ प्रमुख उद्देश्य अग्रलिखित हैं-
(1) इसका प्रथम उद्देश्य लोगों का विकास करना है।
(2) ऐसा ज्ञान व सहायता कृषकों को प्रदान करना है जिससे वे अपनी आय बढ़ा सकें।
(3) कृषक को अपना भोजन उगाने, सही तरीके से खाने और रहने के लिए प्रोत्साहित करना है।
(4) लोगों में अधिक अच्छा सामाजिक, प्राकृतिक, मनोरंजनात्मक, बौद्धिक व आत्मिक जीवन उन्नत करता है।
(5) परिवार के सदस्यों में अवसर को पहचानने, ग्रामीण जीवन के लाभ और सौन्दर्य को पहचानने तथा संसार जिसमें वह रहते हैं उसके बारे में जानकारी प्रदान करने में सहायता करता है।
(6) ग्रामीण लोगों को ऐसे नये अवसर प्रदान करना जिससे उनमें योग्यता और नेतृत्व का विकास हो सके।
(7) ग्रामीण नागरिकों को इस प्रकार परिवर्तित करना, जिससे वे अपने व्यवसाय में गर्व अनुभव करें, विचारों में स्वतन्त्र हों, दृष्टिकोण में रचनात्मक हों, चरित्र में विश्वसनीय और योग्य हों, अपने घर तथा देश के लिए उनके दिलों में प्रेम हो।
(8) गृह के विभिन्न कार्यकलापों की विधियों एवं प्रविधियों को सुधारने व उन्हें 'आधुनिकीकृत करने पर निरन्तर बल देना ताकि सम्पूर्ण पारिवारिक जीवन सुखद व परिपूर्ण बन सके।
(9) महिलाओं में आत्म-निर्भरता तथा उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना जिससे वे पारिवारिक उत्तरदायित्वों तथा राष्ट्र के निर्माण कार्यों में प्रभावपूर्ण ढंग से भाग ले सकें।
(Classification of Objectives)
प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है-
(1) प्राथमिक उद्देश्य,
(2) सामान्य उद्देश्य,
(3) व्यावहारिक उद्देश्य।
(1) प्राथमिक उद्देश्य - इसके अन्तर्गत मनुष्य के आर्थिक व सामाजिक क्षेत्रों एवं व्यवहार में परिवर्तन लाना है। इन्हें निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(a) शिक्षा सम्बन्धी उद्देश्य - इसका तात्पर्य मनुष्य के सम्पूर्ण विकास से है। शिक्षा के माध्यम से मनुष्य की मनोवृत्ति तथा दृष्टिकोण में परिवर्तन किया जाता है जिससे वह पुरानी परम्पराओं को छोड़ आधुनिक वैज्ञानिक मान्यताओं पर विश्वास कर सके।
(b) भौतिक उद्देश्य - भौतिक उद्देश्यों का तात्पर्य ऐसे अनुसंधान कार्यों से है जिनसे उत्पादन में वृद्धि की जा सके। इसके लिए यह आवश्यक है कि उत्पादन में नई वैज्ञानिक तकनीकी को अपनाया जाये जिससे उनका भौतिक जीवन सुखमय हो सके।
(c) सामाजिक व सांस्कृतिक उद्देश्य - मनुष्य की भौतिक उन्नति के साथ-साथ सामाजिक व सांस्कृतिक उन्नति होना भी आवश्यक है। इस उद्देश्य की पूर्ति से व्यक्ति में लोगों के प्रति प्रेम, सहानुभूति, आत्मविश्वास तथा नेतृत्व की भावना का पुनर्जागरण होगा। इससे पुरानी मान्यता बदलेगी और नई संस्कृति का विकास सम्भव है।
(d) सामुदायिक उद्देश्य – सामुदायिक भावना हम की भावना पर आधारित होती है। एक साथ रहने वाले लोगों में आपस में सहानुभूति तथा सहयोग की भावना विकसित हो जाती 'है। 'हम की भावना' को एक शक्ति मानकर ग्रामीण विकास में इसका प्रयोग करना प्रसार कार्यक्रम का उद्देश्य है। ग्रामीणों में सामुदायिक भावना का प्रचार करके उनमें उत्तरदायित्व की भावना को जगाया जा सकता है। ग्रामीण पुनर्निर्माण हेतु स्थानीय संस्थाओं का उत्साहित होना आवश्यक है। उत्पादन पद्धतियों का विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, स्वच्छता, पेय जल, गृह निर्माण जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना प्रसार शिक्षा का उद्देश्य है। यह ग्रामीणों को आत्मनिर्भर एवं प्रगतिशील होने की प्रेरणा देता है।
(2) सामान्य उद्देश्य - सामान्य उद्देश्य का तात्पर्य पुरुष एवं महिलाओं को नये वैज्ञानिक तकनीक का ज्ञान कराना है जिससे वे अपना जीवन स्तर ऊपर उठा सकें। इस उद्देश्य के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य किये जा सकते हैं-
(a) गृह व्यवस्था एवं पोषण आहार के सम्बन्ध में जानकारी,
(b) व्यक्तिगत ज्ञान में वृद्धि,
(c) स्वास्थ्य एवं स्वच्छता सम्बन्धी ज्ञान,
(d) आर्थिक व सामाजिक उन्नति,
(e) स्वावलम्बी जीवन का विकास,
(f) कुटीर उद्योग-धन्धों का विकास,
(g) ग्रामीण नेतृत्व में विकास,
(h) राष्ट्र चेतना में विकास।
(3) व्यावहारिक उद्देश्य - व्यावहारिक उद्देश्य से तात्पर्य लोगों को ऐसी शिक्षा प्रदान करने से है जिससे वे आत्मनिर्भर हों और अपने पैरों पर खड़े हो सकें। जब वे आत्मनिर्भर हो जायेंगे तो उनके दृष्टिकोण में भी परिवर्तन निश्चित है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु निम्नलिखित कार्य किये जा सकते हैं-
(a) कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त करना,
(b) कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करते समय स्थानीय साधनों को प्राथमिकता,
(c) वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास,
(d) सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गये कार्यक्रमों के प्रति विश्वास पैदा करना,
(e) ग्रामीण एवं पिछड़े लोगों के कौशल एवं नेतृत्व में विकास,
(f) लोगों को उनकी समस्या की जानकारी देना तथा उनके निराकरण के उपाय बताना,
(g) पंचायती शासन व्यवस्था एवं सहकारिता के प्रति विश्वास पैदा करना,
(h) प्राथमिक शासन व्यवस्था के तीनों निकाय -
(i) ग्राम पंचायत
(ii) सहकारिता
(iii) प्राथमिकशाला को मजबूत बनाना।
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- प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
- प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
- प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
- प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
- प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
- प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
- प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
- प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
- प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?