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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2695
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।

उत्तर -

प्रशिक्षण के प्रकार
(Type of Training) -

प्रशिक्षण के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं

(1) सेवा पूर्व प्रशिक्षण (Pre- service Training) - प्रसार कार्यकर्ता के रूप में सेवरात होने से पूर्व व्यक्ति जो भी प्रशिक्षण या इस क्षेत्र से सम्बन्धित शैक्षणिक योग्यताएँ ग्रहण करता है, वे इस वर्ग में आती हैं। इसमें प्रसार कार्यकर्ता का विद्यालयी तथा महाविद्यालयी शिक्षण भी सम्मिलित है। कृषि विश्वविद्यालयों, गृह विज्ञान महाविद्यालयों आदि का भी शिक्षण इसी में आता है। इन्हें यहाँ पर व्यवसायिक शिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के आधार पर कक्षा के अनुसार डिग्री यहाँ प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्यकर्ताओं, विलेज लेवल वर्कर, परिवार नियोजन कार्यकर्ता भी ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।

(2) सेवान्तर्गत प्रशिक्षण (In Service Training) - सेवा काल के समय प्रसार कार्यकर्ता समय-समय पर विभिन्न प्रसार कार्यक्रमों से सम्बन्धित प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन प्रशिक्षणों के माध्यम से प्रसार कार्यकर्ताओं को न्यूनतम पद्धतियों, शोधों, गतिविधियों, तकनीकों तथा यंत्रों या उपकरणों की जानकारियाँ दी जाती हैं। कभी-कभी किसी नए कार्यक्रम को प्रारम्भ करने से पूर्व कार्यक्रम सम्बन्धी जानकारी, कार्यक्रम के उद्देश्य आदि से सम्बन्धित प्रशिक्षण शिविर प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए लगाए जाते हैं। सेवान्तर्गत दिए गए प्रशिक्षणों का ब्यौरा निम्नलिखित है। अतः सेवान्तर्गत प्रशिक्षण निम्न प्रकार से दिए जाते हैं। -

(क) ओरियंटेशन कोर्स (Orientation Course) - सेवा आरम्भ करते ही प्रसार कार्यकर्ताओं को कुछ मूलभूत बातों से अवगत कराना आवश्यक है। इसमें प्रसार कार्यक्रम के लक्ष्य एवं उद्देश्य, प्रसार संगठन, प्रसार प्रशासन प्रसार सेवा की शर्तों आदि की जानकारियाँ दी जाती है। इस कोर्स के अन्तर्गत ही प्रसार कार्यकर्ताओं को अपने कार्य क्षेत्र से सम्बन्धित कुछ परोक्ष बातों की जानकारियाँ भी दी जाती हैं जैसे ग्रामीण परिवेश, ग्रामीणों के साथ बात व्यवहार, पिछड़े लोगों की मन:स्थिति, ग्रामीण जीवन की शैली इत्यादि। इसके अतिरिक्त कुछ कार्यालयी विवरण से सम्बन्धित कार्यप्रणाली भी बतायी जाती है, जैसे कार्य विवरण तैयार करना, कार्य ब्यौरा लिखना, स्पिोर्ट लिखना, व्यय लेखन कार्यक्रम प्रारूप तैयार करना इत्यादि। विभिन्न प्रसार विधियों तथा माध्यमों का परिचय भी प्रसार कार्यकर्ताओं को दिया जाता है। वे इनकी उपयोगिता एवं उपयोग की जानकारी प्राप्त करते हैं।

(ख) प्रवेश प्रशिक्षण (Induction Training) - ओरियेन्टेशन केन्द्रों द्वारा प्रसार कार्यकर्ताओं के निमित्त प्रवेश प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है। इसके अन्तर्गत प्रमुख रूप से प्रसार सेवाओं तथा सामुदायिक विकास कार्यक्रमों की जानकारियाँ दी जाती हैं। प्रसार कार्यकर्ता अपने कार्य के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं। उन्हें यह भी बताया जाता है कि उन्हें क्या करना है और किस प्रकार अपने कार्यों को सम्पादित करना है। प्रसार कार्यकर्ताओं के इस प्रशिक्षण के द्वारा अपने काम को समझने में आसानी होती है और वे प्रसार कार्यक्रम में अपनी भूमिका समझ पाते हैं।

(ग) रिफ्रेशर कोर्स (Refresher Course) - इसमें प्रसार कार्य सतत्, गतिशील, विकासोन्मुख एवं प्रगतिमूलक है। नित नई विधाओं, सूचनाओं, खोजों और शोधों से प्रसार शिक्षा का जुड़ाव बढ़ता ही जाता है। रिफ्रेशर कोर्सों के माध्यम से ये जानकारियाँ प्रसार कार्यकर्ताओं तक पहुँचायी जाती हैं जिससे वे इनका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में करवा सकें। समय-समय पर प्रसार कार्यकर्ताओं को प्रसार केन्द्र में बुलवा कर, रिफ्रेशर कोर्स में सम्मिलित करवाकर उन्हें नई-नई जानकारियों दी जाती हैं।

(घ) अल्पावधिक प्रशिक्षण ( Short Term Course) - प्रसार सेवा से जुड़े लोगों के लिए तीस से पैंतालिस दिनों के प्रशिक्षण शिविर प्रसार केन्द्रों, कृषि महाविद्यालयों तथा पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में आयोजित किये जाते हैं। इनमें विषय सम्बन्धी नवीनतम जानकारियाँ जैसे- खेती की पद्धति, पौधों का संरक्षण, खादों, उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग, उद्यान-विज्ञान, मवेशियों की स्वास्थ्य-रक्षा की बातें इत्यादि आती हैं। इस प्रकार के प्रशिक्षण के अन्तर्गत प्रशिक्षुओं को अतिरिक्त भत्ता दिया जाता है।

(ङ) कार्य प्रशिक्षण (Job Training) - प्रसार कार्यकर्ताओं को अपने कार्य सम्बन्धित प्रशिक्षण भी निर्गत किए जाते हैं जैसे, भूमि (मिट्टी) संरक्षण (Soil Conservation), दवाओं का छिड़काव, बुआई, आहार संरक्षण इत्यादि। कार्य प्रशिक्षण प्राप्त कार्यकर्ता अपना कार्य सम्पादन निपुणता के साथ करते हैं। यह ग्रामीणों के मध्य सही विधियों को प्रदर्शन करने के निमित्त आवश्यक भी है। कार्य प्रशिक्षण प्राप्त प्रसार कार्यकर्ता किसी भी बात को विश्वसत ढंग से प्रस्तुत करने में सक्षम रहते हैं।

(च) सेमिनार, सम्मेलन, गोष्ठी, सभा, कार्यशाला इत्यादि (Seminar,Conference,Meeting, Assembly, Workshop etc.) - प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए समय-समय पर सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशालाएँ, गोष्ठियाँ, तथा सभाएँ आयोजित की जाती हैं। इस प्रकार के कार्य प्रशासन द्वारा प्रसार केन्द्रों तथा कृषि महाविद्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों इत्यादि में आयोजित किए जाते हैं। इनमें विषय विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियाँ कार्यकर्ताओं को प्रदान की जाती है। ऐसी सभाओं में एक लाभ और भी होता है कि विभिन्न क्षेत्रों के कार्यकर्ता आपस में मिलकर विचारों के आदान-प्रदान से एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  2. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  3. प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
  4. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
  5. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  6. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  7. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
  8. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  9. प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
  10. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
  13. प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
  14. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
  15. प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
  16. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
  17. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
  18. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
  19. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
  20. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
  22. प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
  23. प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
  24. प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
  25. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  26. प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
  27. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
  28. प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  33. प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
  35. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
  37. प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
  42. प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
  44. प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
  45. प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  48. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  50. प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
  51. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  52. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
  53. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
  56. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  57. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  58. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
  59. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  60. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
  61. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  62. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  65. प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
  66. प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
  67. प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
  68. प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
  69. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
  70. प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
  71. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
  72. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
  73. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
  74. प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
  75. प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?

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