बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र
प्रश्न- परिधानों में बल उत्पन्न करने की विधियाँ लिखिए।
उत्तर -
बल - यदि कोई व्यवस्था पूर्णतः सन्तुलित है, उसका अनुपात उत्तम है और उसके प्रत्येक भाग में पूर्णतः एकरूपता है तो वह भी नीरस और अरुचिप्रद दिखाई दे सकता है। इसमें इतनी विशेषताएँ होने पर भी आँखें उसके ऊपर नहीं ठहरेंगी क्योंकि उसमें ऐसा कोई बिन्दु नहीं है जोकि आँखों को केन्द्रित कर सके। दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं इस प्रकार की व्यवस्था में बल का अभाव है और इस अभाव के कारण यह आकर्षित करने में असमर्थ है।
अतः “बल कला का वह सिद्धान्त है जिसमें आँखें सर्वप्रथम किसी व्यवस्था के सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग पर दृष्टिपात करती हैं और इसके पश्चात् महत्व के क्रमानुसार अन्य वस्तुओं पर दृष्टिपात करती है। "
परिधानों में सौन्दर्य को उभारने के लिये परिधान में रंग, रचना, अलंकरण तथा बनाने की विधि का प्रयोग करते हैं।
रंग - रंग ही सर्वप्रथम परिधान में दृष्टि खींचते हैं। वैज्ञानिकों ने रंगों को मनोभावों को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला तत्व माना है। कई रंग ऐसे होते हैं जिसमें मन खुश रहता है तथा कई से उदासी तथा कई रंगों से शक्तिदायक प्रभाव पड़ता है। कई रंग ऐसे भी होते हैं जिनमें मन की घबराहट और बेचैनी बढ़ जाती है। रंग और संवेगों का पारस्परिक घनिष्ठ सम्बन्ध है।
रचना - परिधान में बल डालने वाली विधि रचना भी है। परिधान की रचना में कुछ आधारभूत रेखाएँ होती हैं जोकि पहनने वाले के आकार एवं आकृति को प्रभावित करती हैं। यदि ये रेखाएँ सुन्दर नहीं होती हैं, तो कितने भी सुन्दर रंगों के बहुमूल्य वस्त्रों के प्रयोग क्यों न किये जाएँ परिधान सुन्दर नहीं लगते हैं।
अलंकरण - परिधान में बल उत्पन्न करने की एक विधि अलंकरण भी है। परिधानों को अलंकृत करने वाली काट-छाँट, झालर, गोटा, पाइपिंग, बटन आदि से वस्त्रों की रेखाओं पर बल पड़ता है। कटाई, सिलाई से परिधान सुन्दर और सुविधाजनक बनते हैं।
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- प्रश्न- डिजाइन के तत्वों से आप क्या समझते हैं? ड्रेस डिजाइनिंग में इसका महत्व बताएँ।
- प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्तों से क्या तात्पर्य है? गारमेण्ट निर्माण में ये कैसे सहायक हैं? चित्रों सहित समझाइए।
- प्रश्न- परिधान को डिजाइन करते समय डिजाइन के सिद्धान्तों को किस प्रकार प्रयोग में लाना चाहिए? उदाहरण देकर समझाइए।
- प्रश्न- "वस्त्र तथा वस्त्र-विज्ञान के अध्ययन का दैनिक जीवन में महत्व" इस विषय पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
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- प्रश्न- गृहोपयोगी वस्त्र कौन-कौन से हैं? सभी का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अच्छे डिजायन की विशेषताएँ क्या हैं ?
- प्रश्न- डिजाइन का अर्थ बताते हुए संरचनात्मक, सजावटी और सार डिजाइन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- डिजाइन के तत्व बताइए।
- प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- अनुपात से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आकर्षण का केन्द्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अनुरूपता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परिधान कला में संतुलन क्या हैं?
- प्रश्न- संरचनात्मक और सजावटी डिजाइन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फैशन क्या है? इसकी प्रकृति या विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फैशन के प्रेरक एवं बाधक तत्वों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- फैशन चक्र से आप क्या समझते हैं? फैशन के सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- परिधान सम्बन्धी निर्णयों को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
- प्रश्न- फैशन के परिप्रेक्ष्य में कला के सिद्धान्तों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- ट्रेंड और स्टाइल को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- फैशन शब्दावली को विस्तृत रूप में वर्णित कीजिए।
- प्रश्न- फैशन का अर्थ, विशेषताएँ तथा रीति-रिवाजों के विपरीत आधुनिक समाज में भूमिका बताइए।
- प्रश्न- फैशन अपनाने के सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- फैशन को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?
- प्रश्न- वस्त्रों के चयन को प्रभावित करने वाला कारक फैशन भी है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रोत / सतही प्रभाव का फैशन डिजाइनिंग में क्या महत्व है ?
- प्रश्न- फैशन साइकिल क्या है ?
- प्रश्न- फैड और क्लासिक को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- "भारत में सुन्दर वस्त्रों का निर्माण प्राचीनकाल से होता रहा है। " विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- कश्मीरी शॉल के विभिन्न प्रकार बताइए। इनका क्या उपयोग है?
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- प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
- प्रश्न- बाँधनी के प्रमुख प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए।
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- प्रश्न- पटोला वस्त्र से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बांधनी से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- ढाका की साड़ियों के विषय में आप क्या जानते हैं?
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- प्रश्न- ढाका की मलमल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उड़ीसा के इकत वस्त्र पर टिप्पणी लिखें।
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- प्रश्न- प्रांग रंग चक्र को समझाइए।
- प्रश्न- परिधानों में बल उत्पन्न करने की विधियाँ लिखिए।
- प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए: (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
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- प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
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- प्रश्न- भारतवर्ष की प्रसिद्ध परम्परागत कढ़ाइयाँ कौन-सी हैं?
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- प्रश्न- बिहार की खटवा कढ़ाई पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
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- प्रश्न- कांथा कढ़ाई के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कढ़ाई में प्रयुक्त होने वाले टाँकों का महत्व लिखिए।
- प्रश्न- कढ़ाई हेतु ध्यान रखने योग्य पाँच तथ्य लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जरदोजी पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- बिहार की सुजानी कढ़ाई पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सुजानी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- खटवा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।