बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र
प्रश्न- वस्त्रों के चयन को प्रभावित करने वाला कारक फैशन भी है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
वस्त्र जहाँ एक ओर व्यक्ति के लिए उपयोगी एवं आवश्यक हैं, वही दूसरी ओर इन्हें व्यक्ति के लिए आधुनिक एवं फैशन के मापदण्ड पर अधिक अंक प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण साधन भी माना जाता है। यही कारण है कि कोई भी व्यक्ति अपने लिए वस्त्रों का चयन करते समय फैशन या प्रचलन के कारक को भी अनिवार्य रूप से ध्यान में रखता है। वस्त्रों के क्षेत्र में फैशन या प्रचलन का सदैव ही बोलबाला रहता है। फैशन एक ऐसा प्रबल कारक हैं जो वस्त्र के रंग, नमूने, बनावट तथा प्रकार आदि के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फैशन का एक मौलिक गुण तथा लक्षण है- गतिशीलता अर्थात् शीघ्रता से परिवर्तन होना। वस्त्रों से सम्बन्धित फैशन बहुत ही तीव्रता से परिवर्तित होते हैं। यही नहीं; एक ही समय में समाज के भिन्न वर्गों में भिन्न-भिन्न फैशन देखे जा सकते हैं। सामान्य रूप से फैशन का प्रसार उच्च वर्ग से निम्न वर्ग की ओर चलता है। वर्तमान में फैशन के निर्धारण तथा उसके प्रसार में सर्वाधिक व्यापक भूमिका टेलीविजन द्वारा निभाई जा रही है।
फैशन के आधार पर वस्त्रों के चयन की प्रक्रिया भी बहुपक्षीय है। वास्तव में फैशन के प्रति व्यक्ति का क्या दृष्टिकोण हैं, इस तथ्य को ध्यान में रखकर ही फैशन का अनुकरण करना चाहिए। फैशन की होड़ साधारण व्यक्ति के लिए अच्छी नहीं मानी जाती; क्योंकि इससे धन का का अपव्यय होता है तथा कभी-कभी समाज में उपहास का पात्र भी बनना पड़ता है। वास्तव में व्यक्तिं को अपनी सामाजिक स्थिति, दिनचर्या, जीवन शैली, कार्य-क्षेत्र, पारिवारिक पृष्ठभूमि तथा रूचि एवं पसन्द आदि कारकों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में फैशन का समुचित मूल्यांकन करके ही उसे अपने अनुकूल रूप में अपनाना चाहिए। सामान्य व्यक्ति को मध्यम मार्ग का ही अनुसरण करना चाहिए। उसे न तो आधुनिक फैशन का ही अनुकरण करना चाहिए और न ही ऐसी वेशभूषा को धारण करना चाहिए जो पूर्ण रूप से फैशन से बाहर हो चुकी हो।
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