बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(Fortification of various food-aterial)
1. आटे का फोर्टिफिकेशन - गेहूँ के पीसने के बाद उसे पैक करने से पहले उसमें विटामिन व खनिज लवण का प्रीमिक्स मिलाया जाता है। 100 पौण्ड आटे में 1 औंस प्री मिक्स मिलाया जाता है। यह प्रीमिक्स, थायमिन, राइबोफ्लोविन नियासिन व कैल्शियम तथा लौह लवण का मिश्रण होता है। रूबिन के अनुसार इस प्रीमिक्स में विटामिन तथा लाइसिन, अमीनो अम्ल भी मिलाया जाना चाहिए।
नीचे विभिन्न देशों में आटे के फोर्टिफि के शनके लिए बनाये गये स्टैण्डर्ड (mg/1b.) दिये गये हैं।
देश | थायमिन | राइबोफ्लोबिन | नियासिन | कैल्सियम | आयरन |
ब्राजील | 2.1 | 1.1 | --- | 1100 | 14 |
कनाडा | 1.9 | 1.1 | 14 | 565 | 12-16 |
चाइल | 2.0 | 0.6 | 6 | --- | 6 |
डेनमार्क | 2.3 | 2.3 | --- | 900 | 14 |
इंग्लैण्ड | 0.9 | --- | 4 | 550 | 3 |
स्वीडन | 1.2-1.8 | 0.5 | 10-18 | --- | 14 |
अमेरिका | 2.0-2.5 | 1.2-1.5 | 16-20 | 500-625 | 13-16.5 |
2. ब्रेड का फोर्टिफिकेशन - पहले जब आटे का फोर्टिफिके शन नहीं किया जाता था इस समय कुछ बेकरी ब्रेड का फोर्टिफिके शनकि या जाता था। यीस्ट, थायमिन व गेहूँ के जर्म को मिलाकर ब्रेड को अधिक पोषक बनाने की कोशिश की जाती थी। 1941 में ब्रेड में प्रीमिक्स टेबलेट के द्वारा फोर्टिफिके शनकि या जाने लगा। 1943 में थायमिन, नियासिन व लौह लवण के अलावा राइबोवलोबिन भी मिलाया जाने लगा है।
3. मैक्रोनी पदार्थों का फोर्टिफिकेशन - मैक्रोनी पदार्थों में अतिरिक्त रूप से विटामिन व खनिज लवण मिलाये जाते हैं क्योंकि मैक्रोनी को ज्यादा पानी में पकाकर उसका पानी फेंक दिया जाता है जिससे करीब 30-50% तक विटामिन व खनिज तत्वों की हानि देखी जाती है। पानी में प्रीमिक्स घोलकर उसे सूजी या आटे के मिश्रण में मिलाकर उससे मैक्रोनी तैयार की. जाती है।
4. चावल का फोर्टिफिकेशन - चावल का फोर्टिफिके शनक ई विधियों से किया जाता है। 1995 में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने प्रीमिक्स का उपयोग कर चावल को दृढ़ किया। इसमें चावल पर थायमिन, नियासिन व लौह लवण के घोल की एक परत चढ़ा दी जाती थी तथा फिर इस पर अन्य परत चढ़ायी जाती थी जोकि पहले वाली परत को पानी के सम्पर्क से बचाये रखती थी। इस तरह के चावल को साधरण चावल में। अनुपात 200 को हिसाब से मिलाया जाता था। दूसरी विधि में चावल पर विटामिन व लौह लवण की परत चढ़ाकर ऊपर से जल प्रतिरोधक व कैल्शियम फॉस्फेटकी दूसरी परत चढ़ा दी जाती थी। तीसरी विधि में प्रीमिक्स के पाउडर से चावल के आकार के दाने ही बना लिये जाते हैं तथा इन्हें चावल में 1: 200 के अनुपात में मिला दिया जाता है। इस विधि में यह लाभ है कि इसमें जल प्रतिरोधक की 'आवश्यकता नहीं होती।
5. दूध तथा दूध से बने खाद्य पदार्थों व वसा का फोर्टिफिकेशन -
(i) दूध व दूध से बने पदार्थ - गाय के दूध में विटामिन डी, विटामिन सी, विटामिन B6, फोलिक एसिड व लौह-लवण की मात्रा कम होती है। अधिक तर देशों में दूध को विटामिन डी से ही फोर्टीफाइड किया जाता है। अमेरिका में विटामिन डी के अतिरिक्त अन्य पोषक पदार्थ भी मिलाये जाते हैं। तैयार किये जाने वाले 'इन्फेन्ट मिल्क फूड में विटामिन A, E, F, B6 तथा लौह लवण मिलाया जाता है।
(ii) मार्गरिन व हाइड्रोजिनेटेड फैट - मार्गरिन का उपयोग मक्खन के स्थान पर किया जाता है तथा इसे अक्सर विटामिन ए व डी से फोर्टिफाइड किया जाता है। हाइड्रोजिनेटेड फैट को वनस्पति के नाम पर उपयोग में लाया जाता है। इसे विटामिन ए से फोर्टिफायक रना भारत में आवश्यक कर दिया गया है। वनस्पति घी के एक पौण्ड में 11,200 IU विटामिन ए मिलाया जाता है।
6. फल व शक्कर से निर्मित पदार्थों का फोर्टिफिकेशन - शक्कर की अधिक ता अर्थात् कार्बोहाइड्रेट की अधिकता वाले पदार्थों का शरीर में समुचित उपयोग करने हेतु थायमिन व नियासिन से बने हुए को एन्जाइम की आवश्यकता होती है। शरीर में 1000 कैलोरी के पीछे 0.mg थायमिन व 6.6mg नियासिन की आवश्यकता होती है। अतः शक्कर युक्त पदार्थों को थायमिन व नियासिन से सुदृढ़ किया जाए तो शरीर में उनका समुचित उपयोग ऊर्जा देने के लिए हो सकता है। अतः 100 ग्राम शक्कर या कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों की 0.2mg थायमिन व 3.3 mg नियासिन से सुदृढ़ किया जाता है। फलों के रस व डिब्बा बन्द फलों को विटामिन सी से दृढ़ किया जाता है। 4-6 औंस रस को कम से कम 30 mg व अधिक से अधिक 60 amg विटामिन सी दृढ़ किया जाता है ताकि उनमें ब्राउनिंग की क्रिया न होने पाये। अंगूर के रस, हिमीकृत फलों का रस तथा फ्रूट जूस पाउडर को विटामिन बी के द्वारा सम्पन्न बनाया जाता है।
7. नमक का आयोडीन द्वारा फोर्टिफिकेशन - एनीमिक गायटर से बचाव के लिए नमक का आयोडीन के द्वारा फोर्टिफिके शनआवश्यक हो गया है टेबलसाल्ट को आयोडीन से दृढ़ किया जाता है। WHO ने क्रूड साल्ट के फोर्टिफिके शनहेतु आयोडेट्स के उपयोग को सही बताया है तथा इस कार्यक्रमके लिए आर्थिक सहायता भी भारत को उपलब्ध कराई है। प्रतिकिलोग्राम नमक में 80 mg आयोडीन मिलाया जाता है। इस प्रकार के नमक को "आयोडाइज्ड साल्ट" के नाम से जाना जाता है।
8. एमिनो एसिड द्वारा फोर्टिफिकेशन - विभिन्न भोज्य पदार्थों में जो एमिनो एसिड कम मात्रा में होते हैं उनकी मात्रा में वृद्धि करने के लिए एमिनो एसिड के द्वारा फोर्टिफिके शनकि या जाता है। इससे विकासशील देशों में प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों से बचाव किया जा सकता है। अनाजों का प्रोटीन दक्षता अनुपात (PER) लाइसिन व थिओनीन अमीनो एसिड के फोर्टिफिके शनसे 25 से 50% तक बढ़ाया जा सकता है। दालों व फलियों में मिथियोनीन मिलाने पर उनका प्रोटीन दक्षता अनुपात 50-100% तक बढ़ाया जा सकता है। मिथियोनीन से सोयाबीन का प्रोटीन दक्षता अनुपात 30%, लाइसिन से तिल का प्रोटीन दक्षता अनुपात 80% तथा लाइसिन, थ्रिओनीन, मिथिओनीन के मिश्रण से मूंगफली का प्रोटीन दक्षता अनुपात 80% तक बढ़ जाती है। इसी प्रकार मिथिओनीन से गाय की दक्षता माँ के दूध के समान हो जाती है।
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- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
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- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
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- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
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