बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर -
सप्लीमेण्टेशन व सबस्टीट्यूशन वे प्रक्रियायें हैं जिनके द्वारा भोजन के पोषण मूल्य में सुधार लाया जा सकता है। अनुपूरक आधार उन्हें कहते हैं जो सामान्य आहार के साथ देने पर सामान्य आहार की हीनताओं को पूर्ण करते हैं इसमें वे सारे पोषक तत्व अधिक मात्रा में उपस्थित रहते हैं जोकि आहार की हीनताओं को पूर्ण करते हैं। उदाहरणार्थ यदि व्यक्ति शाकाहारी है तथा प्राणिज प्रोटीन का सेवन नहीं करता है तो वनस्पतिज प्रोटीन के उपयुक्त मिश्रण के द्वारा उसके आधार में प्राणिज प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकता है वास्तव में अनुपूरक आहार व विस्थापन खाद्य पदार्थों में कोई विशेष अन्तर नहीं होता है। एक खाद्य पदार्थ के स्थान पर जो दूसरे पदार्थ लिये जाते हैं वे विस्थापक पदार्थ कहलाते हैं जैसे प्राणिज दूध न उपलब्ध होने पर सोयाबीन या मूँगफली का दूध विस्थापक पदार्थ की तरह उपयोग में लाया जा सकता है।
ये वे पदार्थ होते हैं जोकि किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति हेतु तैयार किये जाते हैं। भारत वर्ष व अन्य विकासशील देशों में प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थों की आहार में कमी होने कारण कुपोषण बहुत अधिक दिखायी देती है। दूध व अन्य प्राणिज भोज्य पदार्थ मंहगे होने के कारण उन्हें आहार में सम्मिलित कर पाना हर वर्ग के लोगों के लिए संभव नहीं होता है इसका विशेष प्रभाव बच्चों व शिशुओं पर पड़ता है। उनमें प्रोटीन कैलोरी कुपोषण दिखने लगता है। उच्च मृत्युदर का यह प्रमुख कारण भी है। अतः कम मूल्यों वाले उच्च प्रोटीन की मात्रा युक्त आहार का निर्माण इस दिशा में बहुत आवश्यक व महत्पूर्ण कदम है। तिलहन व गिरियाँ तथा इनसे बने पदार्थ प्रोटीन के सस्ते व अच्छे स्रोत हो सकते हैं। यदि इनका भोजन में उपयोग किया जाय तो लगभग 10 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन अतिरिक्त रूप से प्राप्त किया जा सकता है। शिशुओं, बच्चों, गर्भवती व धात्री स्त्रियों के लिए प्रोटीन व ऊर्जा मुक्त कुछ विशेष पदार्थों का उत्पादन देश के विभिन्न पोषण संस्थानों द्वारा किया गया है और उन पर अभी भी अध्ययन व शोध चल रहा है। कुछ प्रमुख भोज्य पदार्थों का विवरण नीचे दिया जा रहा है।
1. दुग्ध विस्थापक - दूध की उपलब्धता न हो पाने पर कुछ दुग्ध विस्थापकों का उपयोग शिशुओं व बच्चों के वृद्धि व विकास के लिए किया जा सकता है। सोयाबीन से बने ये विस्थापक पदार्थ चीन व दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में कई वर्षों से उपयोग में लाये जा रहे हैं। इन पर तैयार किये गये अध्ययनों से यह स्पष्ट हो चुका है कि ये पदार्थ शिशुओं व पूर्णशाले बालकों की वृद्धि में सहायक होते हैं। सोयाबीन व मूंगफली से बने दूध को यदि पर्याप्त विटामिन व खनिज लवणों से दृढ़ कर दिया जाये तो दूध का स्थान ले सकते हैं। CFTRI मैंसूर ने भैंस के दूध में तरल ग्लूकोज व मूँगफली के प्रोटीन मिलाकर विशेष दूध तैयार किया गया है। विभिन्न दुग्ध विस्थापकों तथा गाय के दूध का तुलनात्मक संगठन तालिका बद्ध रूप में नीचे दिया जा रहा है
पोषक तत्व | सोयाबीन दूध | मूँगफली दूध | टोण्ड बेजीटेबल दूध | गाय का दूध |
आर्द्रता (ग्राम) | 86.2 | 86.1 | 88.0 | 87.4 |
प्रोटीन (ग्राम) | 4.2 | 3.0 | 3.5 | 3.5 |
वसा (ग्राम) | 3.4 | 5.2 | 3.0 | 3.5 |
भस्म (ग्राम) | 0.8 | 0.8 | 0.7 | 0.7 |
कार्बोहाइड्रेट (ग्राम) | 4.8 | 4.9 | 4.8 | 4.9 |
कैल्शियम (मि.ग्रा.) | 108 | 110 | 120 | 118 |
फॉस्फोरस (मि.ग्रा.) | 98 | 102 | 110 | 93 |
लौह लवण (मि.ग्रा.) विटामिन A (IU) थाप मिन (मि.ग्रा.) | 1.3 140 0.06 |
1.5 140 0.07 | 1.0 150 0.10 | 0.07 140 0.03 |
राइबोफ्लोबिन (मि.ग्रा.) | 0.19 | 0.20 | 0.20 | 0.19 |
नियासिन (मि.ग्रा.) | 4.1 | 2.1 | 1.0 | 0.1 |
विटामिन (मि.ग्रा.) | 1.8 | 1.8 | 3.0 | 1.0 |
अनाजों पर आधारित प्रोटीन सम्पूरित पदार्थ - छोटे शिशुओं तथा बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोटीन सम्पूरित आहार विकसित किये गये हैं। इन्हें विटामिन व खनिज तत्वों से दृढ़ भी किया जाता है। यदि ये पदार्थ शिशुओं व बच्चों को प्रतिदिन इतनी मात्रा में दिये जाये कि उनसे 20 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन प्राप्त हो सके तो ये आहार सम्पूर्ण कमियों को ठीक करने के साथ-साथ वृद्धि में भी सहायक होते हैं।
नीचे अनाजों पर आधारित प्रोटीन सम्पूरित आहारों को तालिकाबद्ध रूप में दिया जा रहा है।
क्र.सं. | पदार्थ |
संगठन | प्रोटीन प्रतिशत |
1. | माल्ट फूड | अनाज का माल्ट, मूँगफली व चने का आटा स्कीम मिल्क पाउडर, कैल्सियम व विटामिन | 31.9% |
2. | सम्पूरित मैकरोनी | गेहूँ, कसावा, मूंगफली व चने का आटा कैल्शियम व विटामिन | 18.0% |
3. | न्यूट्रोमैकरोनी | गेहूँ व मूँगफली का आटा, कैल्शियम व विटामिन | 19.3% |
4. | न्यूट्रोबिस्कुट | गेहूँ का आटा, मूँगफली के प्रोटीन मूँगफली, कैल्शियम व विटामिन। | 16.5% |
5. | बाल आहार | अनाज का आटा, मूँगफली, सोयाबीन, काँटन सीड व चने का आटा कैल्शियम व विटामिन | 22.5% |
शिशुओं के लिए आहार - सोयाबीन पर आधारित शिशुओं के आहार अमेरिका व * इण्डोनेशिया में उत्पादित किये जा रहे हैं। अब भारत में भी शिशुओं के लिए तीन प्रकार के आहार उत्पादित वि ये जा रहे हैं जिनका उपयोग कर शिशुओं में कुपोषण की दर को घटाया जा सकता है। ये आहार निम्नलिखित हैं-
1. पूर्णतः सोयाबीन से निर्मित आहार, 2. सोयाबीन मूँगफली के प्रोटीन पदार्थों से निर्मित आहार, 3. मूँगफली के प्रोटीन स्कीम मिल्क पाउडर से निर्मित आहार।
आहार दूध की कमी को दूर करने में सहायक होते हैं। सस्ते होने के कारण इनका प्रयोग हर आय वर्ग के द्वारा किया जा सकता है। इनका पोषण मूल्य नीचे दी गयी तालिका में दर्शाया जा रहा है-
क्र.सं. | शिशु आहार (100 ग्राम) | प्रोटीन (gm) | कैल्शियम (gm) | राइबोफ्लोबिन (gm) | विटामिन (A LU.) |
1. |
पूर्णतः सोयाबीन से निर्मित आहार | 26.8 | 0.92 | 1.40 | 1450 |
2. |
मूँगफली व स्कीम मिल्क से निर्मित आहार | 35.2 | 1.42 | 1.50 | 1500 |
3. |
मूँगफली व सोयाबीन से निर्मित आहार | 26.4 | 0.95 | 1.50 | 1500 |
उच्च प्रोटीन युक्त आहार - इनके निर्माण के लिए विभिन्न तिलहनों से तेल निकालने के पश्चात् बचे हुए पदार्थ, मछली को सुखाकर तैयार किया गया चूर्ण प्रयोग में लाया जाता है। इन्हें विटामिन व खनिज लवणों से दृढ़ किया जाता है। इनका प्रयोग पूर्ण शालेय बालकों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए किया जाता है। स्कूली बच्चों पर किये गये प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया है कि जब उन्हें ये प्रोटीन पदार्थ 40-50 ग्राम प्रतिदिन दिये गये तो उन्हें प्रतिदिन20 ग्राम प्रोटीन व काफी मात्रा में कैल्शियम, विटामिन A, B, व D प्राप्त हुए जिससे उनकी वृद्धि में सुधार पाया गया।
भारत में विकसित किये गये कुछ अनुपूरक आहार
1. इण्डियन मल्टीपरपस फूड (IMPF) - यह CFTRI मैसूर के द्वारा निर्मित किया गया पदार्थ है। इसमें 75% कम वसा वाला मूँगफली का आटा व 25% चने का आटा मिलाया जाता है तथा इसे विटामिन A, D, B1, B2 तथा कैल्शियम कार्बोनेट से दृढ़ किया जाता है। इसमें 42% प्रोटीन पाया जाता है। 25gm प्रतिदिन डत का प्रयोग करने पर 10 ग्राम प्रोटीन व दैनिक आवश्यकता का आधाविटामिन A कैल्शियम व राइबोफ्लोबिन प्राप्त हो जाता है।
2. माल्टसफूड (Malt Food) - यह भी FTRI मैसूर के द्वारा विकसित किया गया है। इसमें अनाजों का भाग 40 भाग कम वसा वाला मूँगफली का आटा 40 ग्राम चना का आटा 20 भाग मिलाया जाता है। इसे विटामिन व खनिज लवणों से दृढ़ किया जाता है। इसमें 28% प्रोटीन पाया जाता है। 40 ग्राम प्रतिदिन माल्ट फूड देने पर 10 ग्राम प्रोटीन तथा विटामिन A ' कैल्शियम व राइबोफ्लोबिन की आधी आवश्यकता पूर्ण हो जाती है।
3. बाल आहार (Bal Ahar) - इसमें 70% सम्पूर्ण गेहूँ का आटा, 20% मूँगफली का आटा व 10% भुने चने का आटा होता है। इसे कैल्शियम लवणों व विटामिन से दृढ़ किया जाता है। इसमें 20% प्रोटीन पाया जाता है। प्रतिदिन 50 ग्राम बाल आहार देने पर 10 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है तथा विटामिन 'A' राइबोफ्लोबिन व कैल्शियम की दैनिक आवश्यकता का आधा भाग पूर्ण हो जाता है।
4ए सप्लीमेण्टरी फूड (NIN) - यह राष्ट्रीय पोषण संस्थान हैदराबाद (NIN) द्वारा विकसित किया गया है। इसमें गेहूँ का भुना हुआ आटा 30 भाग, मूँग की दाल का आटा 20. भाग, मूंगफली 8 भाग तथा शक्कर या गुड़ 20 भाग मिलाया जाता है। इससे 12.5 ग्राम प्रतिदिन प्रोटीन प्राप्त होती है। प्रतिदिन 80 ग्राम की मात्रा में देने से इससे 10 ग्राम प्रोटीन व 300 कैलोरी की प्राप्ति होती है।
5. सप्लीमेण्टरी फूड (AHSCW) - यह आहार श्री अविनाश लिंगम होमासाइंस कॉलेज फार वूमेन के द्वारा तैयार किया गया पदार्थ है। इसमें 30 भाग भुने हुए मक्के का आटा, 20 भाग मूंगफली की दाल का आटा, 10 भाग भुनी हुई मूंगफली का आटा व 20 भाग गुड़ मिलाया जाता है। इससे 14% प्रोटीन प्राप्त होता है। प्रतिदिन 80 ग्राम देने पर 11.5 ग्राम प्रोटीन तथा 305 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- भोजन क्या है?
- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
- प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
- प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
- प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
- प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
- प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
- प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
- प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
- प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
- प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
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- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
- प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
- प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
- प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
- प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
- प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
- प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
- प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
- प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
- प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
- प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।