बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
अथवा
एक धात्री स्त्री के एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व उपयुक्त आहार आयोजन कीजिए।
उत्तर -
(Nutrition for Lactating Women)
स्तनपान एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, अर्थात् इसमें माता के शरीर में कुछ परिवर्तन आते हैं, जिस कारण उसे अधिक पौष्टिक तत्वों की आवश्यक ता होती है। स्तनपान के लिए शारीरिक विकास गर्भावस्था के बाद के महीनों से ही आरम्भ हो जाता है। इस अवस्था में दुग्ध स्रावित होने से पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है।
स्तनपान चूँकि लगभग एक वर्ष तक कराया जाता है, अतः स्तनपान कराने वाली माता को प्रसव के बाद एक वर्ष तक अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। स्तनपान काल में भी माता के भोजन का उचित ध्यान रखना अति आवश्यक है, अन्यथा उसका प्रभाव दूध के स्रावण पर पड़ता है।
नवजात शिशु के लिए माता का दूध सबसे उत्तम आहार है। इसमें सभी पौष्टिक तत्व इस अनुपात में उपस्थित रहते हैं, जिससे शिशु की आवश्यकता पूर्ण होती है तथा शिशु की वृद्धि एवं विकास उचित रूप से होता है।
माता द्वारा ग्रहण किये गये आहार का प्रभाव दुग्ध की संरचना पर पड़ता है। डीमके अनुसार, आहार में वसा की अधिकता होने से दुग्ध में वसा की मात्रा अधिक हो जाती है। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से दुग्ध स्राव अधिक होता है। आहार में पौष्टिक तत्वों की कमी से दूध की संरचना पर भी प्रभाव पड़ता है।
स्तन्यपायन स्थिति में पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता (Nutrition Requirement During Lactation) - दुग्ध पिलाने वाली स्त्री प्रतिदिन 600-850. मिलीलीटर दूध स्रावित करती है। अतः उसे इस अवस्था में कैलोरीज, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह लवण तथा अन्य जीवन सत्वों (विटामिन) की अधिक मात्रा ग्रहण करनी चाहिए, ताकि दुग्ध की संरचना सामान्य रह सके। इस अवस्था में आधारीय चयापचय दर बढ़ जाती है जिससे भरण कैलोरी की आवश्यकता अधिक हो जाती है।
कैलोरी (Calories or Energy) - भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) के पोषण विशेषज्ञ समूह के अनुसार एक दुग्ध पिलाने वाली स्त्री को शुरू के छः महीने 550 तथा बाद के छः महीने 400 अतिरिक्त कैलोरी लेनी चाहिए।
प्रोटीन (Protein) - स्तन्यपायन स्थिति में गर्भकाल से अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है। आई. सी. एम. आर. के पोषण विशेषज्ञ समूह ने इस अवस्था के लिए प्रतिदिन 25 व 18 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन निर्धारित की है। प्रोटीन अधिक तर प्राणिज स्रोतों से ही लेनी चाहिए, जैसे- दूध, दूध से बने पदार्थ, मांस, मछली, अण्डा आदि।
कैल्शियम (Calcium) - स्तन्यपायन स्थिति में कैल्शियम की आवश्यक ता गर्भवती के ही समान होती है। इस अवस्था में 1.0 ग्राम अतिरिक्त कैल्शियम प्रतिदिन लेना चाहिए।
लौह (Iron) - दुग्ध पिलाने वाली स्त्री को प्रतिदिन 30 मिलीग्राम लौह लवण लेना चाहिए
विटामिन 'ए' तथा कैरोटिन (Vitamin 'A' and Carotene) - दुग्ध स्रावण स्थिति में अधिक विटामिन 'ए' की आवश्यकता होती है। आई. सी. एम. आर. के अनुसार इस अवस्था में प्रतिदिन 950g विटामिन 'ए' अथवा 3800g (माइक्रोग्राम) कैरोटिन की आवश्यकता होती है।
थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन एवं फोलिक अम्ल (Thiamine Niacin, Riboflavin and Folic Acid) - आहार में ऊर्जा का पूर्ण चयापचय होने के लिए इन तीनों विटामिन्स की उपस्थिति अनिवार्य है। इनकी कमी से प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट्स का चयापचय सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। फोलिक अम्ल की न्यूनता से शिशु के शरीर में लाल रक्त कणिकाओंका निर्माण उचित प्रकार से नहीं हो पायेगा। आई. सी. एम. आर. ने इस अवस्था में प्रतिदिन इन विटामिन्स की निम्नलिखित मात्रा निर्धारित की है -
0-6 माह | 6 + 12 माह | |
थायमिन | + 0.3 mg/d | + 0.2 mg/d |
राइबोफ्लेविन | + 0.3 mg/d | + 0.2 mg/d |
नियासिन | + 4.0mg/d | + 3.0 mg/d |
फोलिक अम्ल | + 150 mg/d | + 150 mg/d |
विटामिन 'सी' (Vitamin 'C') - माता के दूध पर निर्भर शिशु को विटामिन 'सी' के वल दूध से प्राप्त होता है। आई. सी. एम. आर. ने स्तन्यापायन स्थिति के लिए प्रतिदिन 80 मिलीग्राम अतिरिक्त विटामिन 'सी' निर्धारित किया है।
एक दुग्धपान कराने वाली मध्यमवर्गीय स्त्री के लिए प्रतिपादन की आहार तालिका -
समय | आहार |
सुबह 6 बजे | बादाम का दूध। |
सुबह 8 बजे नाश्ता | पोहे मूँगफली के साथ, दलिया दूध के साथ, मौसम का फल, चाय या कॉफी। |
दोपहर का खाना 1 बजे | लौकी चने की दाल, रोटी, चावल, हरी पत्तेदार सब्जी, रायता (खीरा, ककड़ी, टमाटर, प्याज) तथा सलाद। |
शाम की चाय 4.30 बजे | मूँग की दाल के चीले या उपमा, मौसम का फल, चाय। रोटी |
रात का खाना 10 बजे | रोटी, साबुत चले की सब्जी, काशीफल की सब्जी, सेम, आलू की सब्जी व सलाद, खीर आदि। |
सोते समय | एक गिलास दूध। |
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- भोजन क्या है?
- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
- प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
- प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
- प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
- प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
- प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
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- प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
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- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
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- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
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- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
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