बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
अथवा
प्रोटीन के जैविक मूल्य की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
(Biological Value of Proteins)
परिभाषा - "अवशोषित नाइट्रोजन का वह प्रतिशत जो शरीर के द्वारा रोक लिया जाता है, प्रोटीन का जैविक मूल्य (Biological value) कहलाता है।"
इसे ज्ञात करने के लिए भोज्य पदार्थ में निम्न बातें देखी जाती हैं-
(1) भोज्य पदार्थ की पचनीयता ज्ञात करना - सबसे पहले चूहों को ऐसा भोजन देते हैं जिसमें प्रोटीन न हो (Protein free diet) और मल एवं मूत्र में उत्सर्जित होने वाली नाइट्रोजन की मात्रा ज्ञात कर लेते हैं। इसके बाद प्रोटीनयुक्त भोजन देते हैं और पुनः मल एवं मूत्र में विसर्जित होने वाली नाइट्रोजन की मात्रा ज्ञात कर लेते हैं।
गणना
(1) प्रोटीन न देने पर उत्सर्जित नाइट्रोजन की मात्रा = N1 gm (2) प्रोटीन देने पर उत्सर्जित नाइट्रोजन की मात्रा = N2gm (3) भोजन में नाइट्रोजन की मात्रा = Ngm,
अनावशोषित नाइट्रोजन = (N2 - N1)
भोजन में नाइट्रोजन की मात्रा - अनावशोषित नाइट्रोजन = अवशोषित नाइट्रोजन
..N - (N 2 – N1) = N - (N2 – N1)gm
इस प्रकार वह भोज्य पदार्थ सबसे उत्तम होता है जिसमें प्राणी शरीर में अवशोषित या पचने वाले नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है।
(2) आवश्यक एमीनो अम्लों की उपस्थिति एवं मात्रा ज्ञात करना - जिस प्रोटीन पर प्रयोग करना हो, उसे चूहों को आहार के रूप में दे देते हैं। कुछ समय बाद चूहों की वृद्धि पर प्रभाव देखा जाता है। चूहों की वृद्धि व समय के बीच ग्राफ खींचा जाता है। यदि उस प्रायोगिक प्रोटीन में सभी आवश्यक एमीनो अम्ल होते हैं तो ग्राफ सामान्य प्राप्त होता है। यदि किसी आवश्यक एमीनो अम्ल की कमी हो तो ऋणात्मक वक्र (Negative curve) प्राप्त होता है। जिस एमीनो अम्ल की कमी हो उसे भोजन में एक निश्चित मात्रा में देने पर ग्राफ सामान्य हो जाता है।
इस प्रकार आवश्यक एमीनो अम्ल की उपस्थिति तथा मात्रा ज्ञात कर ली जाती है। जिस प्रोटीन में सभी आवश्यक एमीनो अम्ल उचित मात्रा में होते हैं उसका जैविक मूल्य अधिक होता है।
प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ
(1) नाइट्रोजन रिटेन्शन विधि (Nitrogen retention method) - यह विधि H. H. Mitchell द्वारा विकसित की गई। इस विधि में सबसे पहले प्राणी को ऐसा भोजन देते हैं जिसमें प्रोटीन न हो, बाकी कार्बोहाइड्रेट और वसा पर्याप्त मात्रा में हो। इस भोजन के देने के बाद मल व मूत्र में उत्सर्जित होने वाली नाइट्रोजन की मात्रा ज्ञात करते हैं। इसे मेटाबॉलिक नाइट्रोजन कहते हैं फिर उस प्राणी को ज्ञात मात्रा का प्रोटीनयुक्त भोजन देते हैं जिससे भोज्य नाइट्रोजन (food nitrogen) ज्ञात कर लेते हैं। इस प्रोटीन के खिलाने पर मल और मूत्र की नाइट्रोजन ज्ञात कर लेते हैं।
गणना (Calculation)
(1) प्रोटीन न देने पर मल तथा मूत्र में उत्सर्जित नाइट्रोजन की मात्रा = N1 ग्राम (2) भोज्य नाइट्रोजन = N ग्राम (3) प्रोटीन देने पर मल तथा मूत्र में उत्सर्जित नाइट्रोजन की मात्रा N2 ग्राम प्रोटीन देने पर उत्सर्जित नाइट्रोजन की मात्रा — प्रोटीन न देने पर उत्सर्जित नाइट्रोजन की मात्रा
N2 – N1 = अनावशोषित नाइट्रोजन (N2 - N1) भोज्य नाइट्रोजन - अनावशोषित नाइट्रोजन = अवशोषित नाइट्रोजन = N- (N2 – N1) जैविक मूल्य = शरीर के द्वारा रोकी गई (अवशोषित) नाइट्रोजन का प्रतिशत = N– (N2 – N1) जब N ग्राम भोज्य नाइट्रोजन में अवशोषित नाइट्रोजन N - (N2 - N1) gm है।
. 100 ग्राम भोज्य नाइट्रोजन में अवशोषित नाइट्रोजन
N - (N 2 – N1) × 100 प्रायोगिक प्रोटीन का जैविक मूल्य =---------------------------------------होगा। N
(2) भार वृद्धि विधि (Weight increase method) - इस विधि का उपयोग आसबोर्न और मैण्डल नामक वैज्ञानिकों ने किया। इस विधि में चूहों को ऐसा भोजन देते हैं जिसमें प्रोटीन न हो (Protein free diet) कुछ समय बाद उनकी भार वृद्धि ज्ञात कर लेते हैं फिर ज्ञात मात्रा का प्रोटीनयुक्त भोजन देकर निश्चित समय के बाद वृद्धि ज्ञात कर लेते हैं।
गणना (1) प्रोटीन-रहित भोजन देने पर भार वृद्धि = W1 ग्राम (2) प्रोटीन युक्त भोजन देने पर वृद्धि = W2 ग्राम जैविक मूल्य = (W 2 - W1) ग्राम
अच्छे जैविक मूल्य वाले प्रोटीन की कम मात्रा लेने पर भी भार वृद्धि अधिक होती है। यह विधि प्रथम विधि से ज्यादा सरल है परन्तु इसमें समय अधिक लगता है।
(3) केमिकल स्कोर विधि - इस विधि के द्वारा भी प्रायोगिक प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात किया जाता है। इसमें अण्डे के प्रोटीन को स्टैण्डर्ड मानते हैं।
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