बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान
प्रश्न- फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्व बताइये।
उत्तर -
फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्त्व फ्रॉयड के सिद्धान्त के कुछ अन्य मुख्य तत्त्व इस प्रकार हैं -
लिबिडो - फ्रॉयड काम शक्ति को 'लिबिडो' कहता है। इसका सम्बन्ध व्यक्ति की कामुकता से होता है। लिबिडो के अन्तर्गत केवल काम-वासना की सन्तुष्टि को ही नहीं रखा जा सकता बल्कि इसके अन्तर्गत वे सभी व्यवहार आते हैं जिनका सम्बन्ध प्रेम, स्नेह, लगाव आदि से होता है। व्यक्ति के वे सभी कार्य जिनसे उसे सुख मिलता है, लिबिडो से सम्बन्धित होते हैं। यह एक ऐसी शक्ति है जो हमारे सम्पूर्ण व्यक्तित्व को प्रभावित करती है जब लिबिडो का प्रभाव स्वयं से हटकर अन्य व्यक्तियों में प्रवाहित होने लगता है और व्यक्ति प्रेम का प्रदर्शन करने लगता है तो उसे विषय प्रेम कहते हैं।
शैशव: - कामुकता - फ्रॉयड के अनुसार, छोटे शिशुओं में भी काम वासना होती है लेकिन यह काम-वासना किशोरावस्था की काम-वासना से भिन्न होती है। शिशु अपनी काम वासना की पूर्ति स्वयं से ही करता है तथा इन क्रियाओं में बच्चे की पेशाब व शौच क्रिया, माँ से चिपटना, अगूठा चूसना आदि सम्मिलित हैं। इस प्रकार, शैशव कामकुता तीन चरणों में अपना क्रम पूरा करती है - चूषण अवस्था, गुदा अवस्था तथा जननेन्द्रिय अवस्था। चूषण अवस्था में बच्चा काम-वासना का सुख माँ का स्तनपान करके लेता है। गुदा अवस्था में बालक देर से शौच जाकर गुदा सुख प्राप्त करता है। तथा जननेन्द्रिय अवस्था में बालक अपनी जननेन्द्रियों को स्पर्श करने में अधिक रुचि लेता है।
ऑडिपस ग्रन्थि - ऑडिपस ग्रन्थि के अनुसार, चार-पाँच साल का बच्चा अपनी माँ से शादी की इच्छा करता है तथा पिता से घृणा करता है लेकिन क्योंकि पिता उसका पालन-पोषण करता है इसलिये वह उसे प्रेम करने लगता है जिस प्रकार लड़के की कामवासना माँ की ओर होती है उसी प्रकार लड़की की कामवासना पिता की ओर मुड़ जाती है। लड़की के अन्दर यह ग्रन्थि बन जाती है कि उसमें पिता के समान शिश्न क्यों नहीं है। इस प्रकार की ग्रन्थि को इलेक्ट्रा ग्रन्थि कहा जाता है। फ्रायड स्वयं इस ग्रन्थि का शिकार था। उसका पिता अत्यन्त बूढ़ा और माँ जवान थी।
स्व-मोह - कभी-कभी बच्चा अपने ही रूप पर मोहित होकर अपने आप से ही प्रेम करने लगता है। कुछ व्यक्ति इस प्रकार के होते हैं जिन्हें अपने शारीरिक अंगों पर गर्व होता है। वे शीशे में बार-बार अपना प्रतिबम्ब देखते हैं तथा इतने कामुक होते हैं कि अपने ही शारीरिक अंगों को ऐसे चूमने लगते हैं जैसे वह किसी और का शरीर हो! फ्रॉयड ने ऐसे लोगों को नार्सिसस कहा है।
मूल प्रवृत्तियाँ - फ्रॉयड ने दो प्रकार की मूल प्रवृत्ति मानी हैं, जीवन मूल प्रवृत्ति तथा मृत्यु मूल प्रवृत्ति | फ्रॉयड ने जीवन मूल प्रवृत्ति को प्रेम मूल प्रवृत्ति भी कहा है। यह मूल प्रवृत्ति वासनामयी आवेगों को जन्म देती है तथा व्यक्ति को रोटी, कपड़ा, मकान व अन्य रचनात्मक कार्य करने के लिये प्रेरित करती है। बौद्धिक विकास भी इसी मूल प्रवृत्ति से होता है।
मृत्यु मूल प्रवृत्ति के अन्तर्गत व्यक्ति केवल निर्माण, प्रेम की ही बातें नहीं सोचता बल्कि वह विध्वंस, आक्रमण और घृणा की भावना से भी भरा होता है। यह मूल प्रवृत्ति मानव जीवन को तहस-नहस करने के लिये विवश करती है। ये दोनों मूल प्रवृत्तियाँ एक-दूसरे की विरोधी नहीं है। बल्कि जुड़ी हुई हैं।
उदाहरणार्थ - कुछ प्रेमियों में अपनी प्रेमिका के प्रति घृणा व सताने की भावना पाई जाती है। ठीक इसी प्रकार कुछ डाकुओं में भी प्रेम, सहानुभूति व गरीबों के प्रति दया भाव पाया जाता है।
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- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये !
- प्रश्न- मनोविज्ञान और शिक्षा के सम्बन्ध का विवेचन कीजिये और बताइये कि मनोविज्ञान ने शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार में किस प्रकार की क्रान्ति की है?
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- 'शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की विकासात्मक विधि को समझाइये तथा इस विधि की विशेषताओं एवं सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- व्यवहारवाद की प्रमुख विशेषताएँ बताइए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारवाद सम्प्रदाय का क्या योगदान है?
- प्रश्न- व्यवहारवाद तथा शिक्षा के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- गैस्टाल्ट मनोविज्ञान का शैक्षिक महत्व बताते गेस्टाल्टवाद का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रकार्यवाद क्या है? उल्लेख कीजिए। प्रकार्यवाद का सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- अवयवीवाद (गेस्टाल्टवाद) की मुख्य विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- फ्रायड के मनोविश्लेषणवाद को समझाइये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करता है कैसे?
- प्रश्न- मनोविज्ञान में व्यवहारवाद की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवाद क्या है? इसका शैक्षिक महत्व बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के सम्प्रदाय का अर्थ तथा प्रकार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संरचनावाद का शिक्षा में क्या योगदान है?
- प्रश्न- अधिगम के अर्थ एवं प्रकृति की विवेचना कीजिए। अधिगम एवं परिपक्वता के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- अधिगम की प्रकृति समझाइये।
- प्रश्न- परिपक्वता और सीखने में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं? उन्हें स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले अध्यापक से सम्बन्धित कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- विषय से सम्बन्धित अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम के वातावरण सम्बन्धी कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव और स्किनर के सीखने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- प्रानुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- स्किनर द्वारा सीखने के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के विभिन्न नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक के उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गेस्टाल्ट का समग्राकृति अथवा अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त के शिक्षा में प्रयोग को समझाइये |
- प्रश्न- थार्नडाइक के सम्बन्धवाद अथवा प्रयास व त्रुटि के सिद्धान्त के द्वारा अधिगम को समझाइये |
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- 'प्रेरणा' के सम्प्रत्यय का वर्णन कीजिए। छात्रों को अभिप्रेरित करने के लिए आप किन तकनीकों या विधियों का प्रयोग करेंगे?
- प्रश्न- अभिप्रेरणा क्या है? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि का अर्थ स्पष्ट करते हुये बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप तथा उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि की प्रकृति एवं स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये |
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शाब्दिक व अशाब्दिक तथा उपलब्धि परीक्षण को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- स्टैनफोर्ड बिने मानदण्ड क्या है?
- प्रश्न- बर्ट द्वारा संशोधित बुद्धि परीक्षण को बताइये।
- प्रश्न- अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षण कौन से हैं?
- प्रश्न- अवाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण के विभिन्न उपयोगों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- आई. क्यू. (I.Q.) से क्या तात्पर्य है? यह कैसे नापा जाता है? क्या आई. क्यू. स्थायी होता है? बुद्धि कहाँ तक पितृगत होती है? अपने उत्तर के समर्थन में प्रयोगात्मक प्रमाणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- क्या आई. क्यू. (बुद्धिलब्धि) स्थायी होती है?
- प्रश्न- बुद्धि कहाँ तक पितृगत (वंशानुगत) होती है?
- प्रश्न- बुद्धि के स्वरूप व प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि-लब्धि क्या है?
- प्रश्न- बुद्धि की पहचान किन तथ्यों के माध्यम से की जा सकती है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों एवं प्रकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता होने के क्या-क्या कारण हैं?
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता मापने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता और शिक्षा में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- व्यक्तिगत विभिन्नता का शिक्षा में क्या महत्व है?
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता से आप क्या समझते है? शिक्षा में इसके महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नताओं के मापन पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता का मापन व्यक्तित्व परीक्षा द्वारा कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- परीक्षण के बाद व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइये।
- प्रश्न- वैयक्तिक भिन्नता पर आधारित शिक्षण प्रविधियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- डेक्रोली शिक्षण योजना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कॉन्ट्रेक्ट शिक्षण योजना तथा प्रोजेक्ट शिक्षण योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डाल्टन योजना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निष्पत्ति लब्धि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा-लब्धि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निष्पत्ति परीक्षण की शैक्षिक उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख प्रकारों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- थार्नडाइक ने व्यक्तित्व को कितने भागों में विभाजित किया है?
- प्रश्न- स्प्रैगर के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- युंग द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व का निर्धारण करने वाले जैविक एवं वातावरणजन्य कारकों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख गुणों (विशेषताओं) या शीलगुण सिद्धान्त का विस्तार का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के निर्धारण में वंशानुक्रम तथा पर्यावरण की भूमिका बताइए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व निर्धारण में विद्यालय कैसे प्रभाव डालता है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्व बताइये।
- प्रश्न- फ्रायड द्वारा बताई गई रक्षा युक्तियों को समझाइये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित युंग के सिद्धान्त को बताइये।
- प्रश्न- युंग के अनुसार व्यक्तित्त्व का वर्गीकरण कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व मापन के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति की किशोरावस्था या प्रौढ़ावस्था में उसके मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकता है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था में मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से संरक्षित किया जायेगा?
- प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा नामे रखने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व से आप क्या समझते हैं? इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व के स्रोत बताइए।
- प्रश्न- समायोजन से क्या आशय है? विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के कारण बताइये।
- प्रश्न- समायोजन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बचाव (समायोजन) क्या है? प्रमुख बचाव (समायोजन) यंत्रीकरणों को उदाहरण सहित प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- 'संघर्ष' को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भग्नाशा (कुंठा) को परिभाषित कीजिए। भग्नाशा के प्रमुख कारणों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- दुश्चिंता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- समायोजन स्थापित करने की विभिन्न तकनीकों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तनाव प्रबन्धन क्या है?
- प्रश्न- समायोजन विधि को संक्षेप में समझाइये।