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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2680
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य

अध्याय - 8

चीफ की दावत - भीष्म साहनी

 

प्रश्न- कहानी के तत्वों के आधार पर चीफ की दावत कहानी की समीक्षा प्रस्तुत कीजिये।

अथवा
'चीफ को दावत' कहानी की कहानी कला की दृष्टि से विशेषताएँ बताइए।

उत्तर -

'भीष्म साहनी' की प्रसिद्ध कहानी 'चीफ की दावत' कहानी कला की दृष्टि से प्रसिद्ध कहानी है। इसकी प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार हैं-

कथानक - कहानी के नायक शामनाथ अपने मध्यवर्गीय परिवार को आधुनिक बोध से जकड़े हुए हैं। नयेपन का ढोंग उन्हें माँ और पत्नी के मध्य चमकीले पर्दे की भाँति लटकाये हुये है। यह आधुनिकता की गन्ध सामान्यतः मध्यम परिवारों में देखी जा सकती है। पुरानी मान्यताओं और परम्पराओं के ढाँचे से निकले माता-पिता जब अपनी सन्तानों को नये रंग में पाते हैं तो उन्हें आश्रय मिश्रित असंतोष के कारण भीतर ही भीतर घुटन का अनुभव होता है।

शामनाथ नौकरी पेशा व्यक्ति हैं इनकी पदोन्नति की सम्भावनाएँ सम्बन्धित चीफ साहब पर निर्भर करती हैं। चीफ साहब हैं कि बड़े ही फैशनेबुल और सम्पन्न व्यक्ति। वह अमेरिकन हैं। शामनाथ अपनी हैसियत और परिस्थिति को ध्यान में रखकर जीना कबूल नहीं करते। वे चीफ साहब को दावत देते हैं कि खुशामद करने से हमारी पदोन्नति में उनका सहयोग मिलेगा। अपनी आय के हिसाब से न रहकर दिखावे की जिन्दगी जीना शामनाथ को बेहतर लगने लगता है। परिणामतः हर प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाएँ जुटाने में आर्थिक टूटन आ जाती है। किन्तु शामनाथ अपनी उन्नति के लिए सब कुछ करने को तैयार हैं।

शामनाथ ने घर को खूब सजाया-संवारा है। कमरे की सफाई घर के सामान की यथास्थान व्यवस्था, भोजन-सामग्री की समय से तैयारी आदि सब कुछ कर ली है। अब समस्या यह है कि मकान में सब नया आधुनिकता से ओत-प्रोत होते हुये भी माँ पुरानी हैं। इस पुरानेपन से छुटकारा पाने का शामनाथ को कोई उपाय नहीं सूझता। कभी वे सोचते हैं कि पड़ोसी के घर भेज दिया जाये और कभी कमरे में बन्द कर दिया जाय वर्ना कहीं चीफ साहब के सामने न पड़ जाए और इनकी शान में धब्बा लग जाय अथव उनके व्यवहार से चीफ साहब अप्रसन्न हो जाय। अन्त में उन्होंने यह निर्णय लिया कि माँ को अच्छे ढंग से पहना ओढा कर रखा जाय कि संयोगवश चीफ साहब की नजर पड़ ही जाय तो उनकी स्थिति बिगड़ने न पावे। माँ को बताया गया कि उनके आने पर वह कैसे रहेंगी और कैसे बोलेंगी माँ असमंजस में एक नयी दुनिया के घेरे में स्वयं को बंधा अनुभव करने लगती है किन्तु इस स्थिति में भी वह अपने पुत्र को पदोन्नति के लिए सब कुछ करने को तैयार हैं।

चीफ साहब के आने पर माँ को अंधेरे में बैठाया गया है किन्तु पार्टी का पहला दौर समाप्त होता है और लोग भोजन पर जाने लगते हैं तो चीफ साहब की दृष्टि शमनाथ की माँ पर जाती है। चीफ बड़े प्रेम से मिलकर माँ का आदर करते हैं और उन्हें भारतीय संस्कृति की प्रतीक रूप मानते हैं। उन्होंने माँ से लोककला के बारे में जानने की इच्छा व्यक्त की और फिर एक गीत सुनाने का प्रस्ताव रखा। वह माँ से लोक कला का प्रतीक फुलकारी मांगते हैं और उससे लोकगीत सुनकर बहुत प्रसन्न होते हैं। जबकि पुत्र के संतुष्ट होने पर माँ हरिद्वार जाने की इच्छा प्रकट करती है। पुत्र का पूज्य व्यवहार होने पर भी आज माँ उसके लिये सर्वस्व न्यौछावर करने को तैयार है। नयी पीढ़ी की यह अनैतिक और अव्यावहारिक मान्यताएँ व महत्वाकांक्षाएँ हमारे पारिवारिक तथा सामाजिक जीवन के लिये घातक दिखाई देती हैं। प्रेम के मूल्य को ही नैतिक आधार मिलना चाहिए।

कथोपकथन - कहानी के संवाद चुटीले और व्यंग्यात्मक हैं। कहानीकार ने नयी कहानी की संवाद शैली को मानव मनोविश्लेषण के समायोजन में प्रयुक्त किया है। मन की गहरी चाल मनुष्य की छबि को धूमिल भी कर देती है। पात्रों की स्वाभाविक विकासोन्मुख भावना आधुनिकता की चौखट से टकराकर चोट खा जाती है। संवादों के द्वारा कथानक को खींचने का प्रयास कहीं तो सार्थक है और कहीं मँहगा साबित होने लगता है। छोटे-छोटे वाक्यों द्वारा कथन तो पैनाप सिद्ध होता है। शब्दों और वाक्य विन्यास की ध्वनियों में अर्थ की व्यंजना होती है। मुहावरे आदि प्रयोगों में कहानीकार की कोई विशेष रुचि नहीं है। कथ्य के विकास और चरित्रों के उद्देश्य निर्माण में संवाद योजना उपयुक्त है। यथा - तो इन्हें कह देंगे कि अन्दर से दरवाजा बन्द का लें। मैं बाहर से ताला लगा दूँगा....... और जो सो गई तो? डिनर का क्या मालूम कब तक चले। ग्यारह - ग्यारह बजे तक तो तुम लोग ड्रिंक ही करते रहते हो।

अच्छी भली यह भाई के पास जा रही थीं। तुमने यूँ ही कुछ अच्छा बनने लिये बीच में टाँग अड़ा दी।

वाह तुम माँ और बेटे की बात में मैं क्यों बुरी बनूँ? तुम जानो और वह जानें।

चरित्र-चित्रण - कहानी के पात्र वर्तमान परिस्थितियों के मूर्तरूप हैं। आज का पारिवारिक जीवन इन्हीं यथार्थपरक स्थितियों से ग्रसित है। यह विसंगति अतिशय स्वार्थपरता और अस्थिर बुद्धि का परिणाम है। शामनाथ इस कहानी का केन्द्र बिन्दु है जो अपनी पदोन्नति और भौतिक जीवन के सुख क्षणों की प्राप्ति के स्वप्नों हेतु आर्थिक लाभ देखता है। उसने यह नहीं जाना कि माँ के निःस्वार्थ प्रेम और भारतीय आदर्श को खोकर हम पश्चिमी सभ्यता की होलफांस में फँसने जा रहे हैं। शामनाथ के प्रतिनिधि आज के भारतीय परिवारों में बहुसंख्यक हैं। यह द्विधात्मक स्थिति मनुष्य के चरित्र का खण्डन करती जा रही है। शामनाथ की पत्नी पति के स्वार्थ से गाँठ बाँधे हुये हैं। उनकी मान्यता भी ऐसी ही है जैसी शामनाथ की माँ हैं कि बुढ़ापे में एक युग बिताकर नये युग की धरती को मोह जाल पाले बैठी हैं। पुत्र का व्याहमोह उन्हें यहाँ तक खींच लाया कि घूँघट में जीने वाली भारतीय महिला अमेरिक चीफ के समक्ष लोकगीत सुनाने को बाध्य हो जाती है। चीफ हैं कि भारतीय जीवन दर्शन की पहचान करने में तत्पर हैं।

देश, काल एवं वातावरण एक निश्चित समय और सीमा में आधुनिक फैशन परस्त परिवार का वातावरण साहनी जी ने तैयार किया है, जो अपनी संस्कृति और प्रकृति के प्रतिकूल अपना झण्डा ऊँचा करता है। मध्यवर्गीय परिवार का वातावरण अपने आइने के बाहर नए रूप को झाँकने के प्रयास में चूर-चूर होने लगता है। एक तरफ पुरानी पीढ़ी अपनी पुरातन मान्यताओं को लेकर बैठी है और दूसरी ओर नयी पीढ़ी अपने नयेपन के बोध को लेकर क्रांति का उद्घोष करती है।

भाषा-शैली - कहानी में सामान्य भाषा का प्रयोग किया गया है। सरल एवं सुबोध शब्दावली की महत्ता के साथ वाक्यों में सहज ही अर्थवत्ता आ जाती है। हिन्दी, उर्दू, पंजाबी आदि शब्दों के तादात्म्य से आज के पाठक की मनोभूमि तक जाने में कहानी सफल है। शहर का जीवन और उन्नतिशील होने का ढोंग अपनी भाषा शक्ति को जीवनन्तता नहीं प्रदान कर सकती है। इस दृष्टि से भी कहानीकार ने पात्रों की भाषा को उपयुक्त माध्यम बनाया है।

उद्देश्य - मध्यवर्ग की आर्थिक टूटन कुण्ठाग्रस्त जीवन शैली, भोग विलास की तृष्णा और अंतर्विरोधों से उत्पन्न तनाव ही कहानी में समाजिक विसंगतियों के परिणाम हैं। भारतीय संस्कृति और आदर्शों को तोड़कर पाश्चात्य मान्यताओं की ललक व्यक्ति की मानसिक पीड़ा को बढ़ावा ही देगी। माँ के अस्तित्व पर खतरे की घण्टी बजने ही लगी है और पुत्र के प्रति समर्पण का भाव भी मिथ्या होने की आशंका है। इन तथ्यों की खोज और समाधान के लिये इस कहानी को हम सफलतम कह सकते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- गोदान में उल्लिखित समस्याओं का विवेचना कीजिए।
  2. प्रश्न- 'गोदान' के नामकरण के औचित्य पर विचार प्रकट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्रेमचन्द का आदर्शोन्मुख यथार्थवाद क्या है? गोदान में उसका किस रूप में निर्वाह हुआ है?
  4. प्रश्न- 'मेहता प्रेमचन्द के आदर्शों के प्रतिनिधि हैं।' इस कथन की सार्थकता पर विचार कीजिए।
  5. प्रश्न- "गोदान और कृषक जीवन का जो चित्र अंकित है वह आज भी हमारी समाज-व्यवस्था की एक दारुण सच्चाई है।' प्रमाणित कीजिए।
  6. प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यास-साहित्य का विवेचन कीजिए।
  7. प्रश्न- उपन्यास के तत्वों की दृष्टि से 'गोदान' की संक्षिप्त समालोचना कीजिए।
  8. प्रश्न- 'गोदान' महाकाव्यात्मक उपन्यास है। कथन की समीक्षा कीजिए।
  9. प्रश्न- गोदान उपन्यास में निहित प्रेमचन्द के उद्देश्य और सन्देश को प्रकट कीजिए।
  10. प्रश्न- गोदान की औपन्यासिक विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यासों की संक्षेप में विशेषताएँ बताइये।
  12. प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यासों की कथावस्तु का विश्लेषण कीजिए।
  13. प्रश्न- 'गोदान' की भाषा-शैली के विषय में अपने संक्षिप्त विचार प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- हिन्दी के यथार्थवादी उपन्यासों का विवेचन कीजिए।
  15. प्रश्न- 'गोदान' में प्रेमचन्द ने मेहनत और मुनाफे की दुनिया के बीच की गहराती खाई को बड़ी बारीकी से चित्रित किया है। प्रमाणित कीजिए।
  16. प्रश्न- क्या प्रेमचन्द आदर्शवादी उपन्यासकार थे? संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
  17. प्रश्न- 'गोदान' के माध्यम से ग्रामीण कथा एवं शहरी कथा पर प्रकाश डालिए।
  18. प्रश्न- होरी की चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धनिया यथार्थवादी पात्र है या आदर्शवादी? स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' के निम्न गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- 'मैला आँचल एक सफल आँचलिक उपन्यास है' इस उक्ति पर प्रकाश डालिए।
  22. प्रश्न- उपन्यास में समस्या चित्रण का महत्व बताते हुये 'मैला आँचल' की समीक्षा कीजिए।
  23. प्रश्न- आजादी के फलस्वरूप गाँवों में आये आन्तरिक और परिवेशगत परिवर्तनों का 'मैला आँचल' उपन्यास में सूक्ष्म वर्णन हुआ है, सिद्ध कीजिए।
  24. प्रश्न- 'मैला आँचल' की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
  25. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणुजी ने 'मैला आँचल' उपन्यास में किन-किन समस्याओं का अंकन किया है और उनको कहाँ तक सफलता मिली है? स्पष्ट कीजिए।
  26. प्रश्न- "परम्परागत रूप में आँचलिक उपन्यास में कोई नायक नहीं होता।' इस कथन के आधार पर मैला आँचल के नामक का निर्धारण कीजिए।
  27. प्रश्न- नामकरण की सार्थकता की दृष्टि से 'मैला आँचल' उपन्यास की समीक्षा कीजिए।
  28. प्रश्न- 'मैला आँचल' में ग्राम्य जीवन में चित्रित सामाजिक सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास को आँचलिक उपन्यास की कसौटी पर कसकर सिद्ध कीजिए कि क्या मैला आँचल एक आँचलिक उपन्यास है?
  30. प्रश्न- मैला आँचल में वर्णित पर्व-त्योहारों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- मैला आँचल की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
  32. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास के कथा विकास में प्रयुक्त वर्णनात्मक पद्धति पर प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- कथावस्तु के गुणों की दृष्टि से मैला आँचल उपन्यास की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- 'मैला आँचल' उपन्यास का नायक डॉ. प्रशांत है या मेरीगंज का आँचल? स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास की संवाद योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मैला आँचल)
  37. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी 'उसने कहा था' का सारांश लिखिए।
  39. प्रश्न- कहानी के तत्त्वों के आधार पर 'उसने कहा था' कहानी की समीक्षा कीजिए।
  40. प्रश्न- प्रेम और त्याग के आदर्श के रूप में 'उसने कहा था' कहानी के नायक लहनासिंह की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- सूबेदारनी की चारित्रिक विशेषताओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- अमृतसर के बम्बूकार्ट वालों की बातों और अन्य शहरों के इक्के वालों की बातों में लेखक ने क्या अन्तर बताया है?
  43. प्रश्न- मरते समय लहनासिंह को कौन सी बात याद आई?
  44. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विवेचना कीजिए।
  45. प्रश्न- 'उसने कहा था' नामक कहानी के आधार पर लहना सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  46. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (उसने कहा था)
  47. प्रश्न- प्रेमचन्द की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- कफन कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  49. प्रश्न- कफन कहानी के उद्देश्य की विश्लेषणात्मक विवेचना कीजिए।
  50. प्रश्न- 'कफन' कहानी के आधार पर घीसू का चरित्र चित्रण कीजिए।
  51. प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं, इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
  52. प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं। इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
  53. प्रश्न- घीसू और माधव की प्रवृत्ति के बारे में लिखिए।
  54. प्रश्न- घीसू ने जमींदार साहब के घर जाकर क्या कहा?
  55. प्रश्न- बुधिया के जीवन के मार्मिक पक्ष को उद्घाटित कीजिए।
  56. प्रश्न- कफन लेने के बजाय घीसू और माधव ने उन पाँच रुपयों का क्या किया?
  57. प्रश्न- शराब के नशे में चूर घीसू और माधव बुधिया के बैकुण्ठ जाने के बारे में क्या कहते हैं?
  58. प्रश्न- आलू खाते समय घीसू और माधव की आँखों से आँसू क्यों निकल आये?
  59. प्रश्न- 'कफन' की बुधिया किसकी पत्नी है?
  60. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (कफन)
  61. प्रश्न- कहानी कला के तत्वों के आधार पर प्रसाद की कहांनी मधुआ की समीक्षा कीजिए।
  62. प्रश्न- 'मधुआ' कहानी के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  63. प्रश्न- 'मधुआ' कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
  64. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मधुआ)
  65. प्रश्न- अमरकांत की कहानी कला एवं विशेषता पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- अमरकान्त का जीवन परिचय संक्षेप में लिखिये।
  67. प्रश्न- अमरकान्त जी के कहानी संग्रह तथा उपन्यास एवं बाल साहित्य का नाम बताइये।
  68. प्रश्न- अमरकान्त का समकालीन हिन्दी कहानी पर क्या प्रभाव पडा?
  69. प्रश्न- 'अमरकान्त निम्न मध्यमवर्गीय जीवन के चितेरे हैं। सिद्ध कीजिए।
  70. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (जिन्दगी और जोंक)
  71. प्रश्न- मन्नू भण्डारी की कहानी कला पर समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से मन्नू भण्डारी रचित कहानी 'यही सच है' का मूल्यांकन कीजिए।
  73. प्रश्न- 'यही सच है' कहानी के उद्देश्य और नामकरण पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- 'यही सच है' कहानी की प्रमुख विशेषताओं का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
  75. प्रश्न- कुबरा मौलबी दुलारी को कहाँ ले जाना चाहता था?
  76. प्रश्न- 'निशीथ' किस कहानी का पात्र है?
  77. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (यही सच है)
  78. प्रश्न- कहानी के तत्वों के आधार पर चीफ की दावत कहानी की समीक्षा प्रस्तुत कीजिये।
  79. प्रश्न- 'चीफ की दावत' कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
  80. प्रश्न- चीफ की दावत की केन्द्रीय समस्या क्या है?
  81. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (चीफ की दावत)
  82. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी कला की समीक्षा कीजिए।
  83. प्रश्न- रेणु की 'तीसरी कसम' कहानी के विशेष अपने मन्तव्य प्रकट कीजिए।
  84. प्रश्न- हीरामन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
  85. प्रश्न- हीराबाई का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  86. प्रश्न- 'तीसरी कसम' कहानी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
  87. प्रश्न- 'तीसरी कसम उर्फ मारे गये गुलफाम कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
  88. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन-परिचय लिखिए।
  89. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु जी के रचनाओं का वर्णन कीजिए।
  90. प्रश्न- क्या फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों का मूल स्वर मानवतावाद है? वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- हीराबाई को हीरामन का कौन-सा गीत सबसे अच्छा लगता है?
  92. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (तीसरी कसम)
  93. प्रश्न- 'परिन्दे' कहानी संग्रह और निर्मल वर्मा का परिचय देते हुए, 'परिन्दे' कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  94. प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से 'परिन्दे' कहानी की समीक्षा अपने शब्दों में लिखिए।
  95. प्रश्न- निर्मल वर्मा के व्यक्तित्व और उनके साहित्य एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  96. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (परिन्दे)
  97. प्रश्न- ऊषा प्रियंवदा के कृतित्व का सामान्य परिचय देते हुए कथा-साहित्य में उनके योगदान की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- कहानी कला के तत्त्वों के आधार पर ऊषा प्रियंवदा की 'वापसी' कहानी की समीक्षा कीजिए।
  99. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (वापसी)
  100. प्रश्न- कहानीकार ज्ञान रंजन की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
  101. प्रश्न- कहानी 'पिता' पारिवारिक समस्या प्रधान कहानी है। स्पष्ट कीजिए।
  102. प्रश्न- कहानी 'पिता' में लेखक वातावरण की सृष्टि कैसे करता है?
  103. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (पिता)

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