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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2680
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य

प्रश्न- नामकरण की सार्थकता की दृष्टि से 'मैला आँचल' उपन्यास की समीक्षा कीजिए।

अथवा
नामकरण की दृष्टि से मैला आँचल की समीक्षा कीजिए।

उत्तर -

उपन्यास की भूमिका में लेखक ने कहा है, "यह है मैला आँचल एक आँचलिक पन्यास। कथानक है पूर्णिया। पूर्णिया बिहार राज्य का एक जिला है, इसके एक ओर है नेपाल दूसरी ओर पाकिस्तान और पश्चिमी बंगाल। विभिन्न सीमा रेखाओं से इसकी बनावट मुकम्मल हो जाती है जब हम दक्खिन में संघात परगना और पश्चिम में मिथिला की सीमा रेखाएं खींच देते हैं। मैंने इसके एक हिस्से के एक ही गाँव को पिछड़े गाँवों का प्रतीक मान कर इस उपन्यास का कथा - क्षेत्र बनाया है।" पूर्णिया का यह एक हिस्सा गाँव है मेरीगंज जिसको उपन्यासकार ने भूमिका 'मैला आँचल' कहा है। मैला आँचल का शाब्दिक अर्थ है - गन्दा आँचल, लाक्षणिक अर्थ- मैला प्रान्त या प्रदेश। मैला इसलिए कि यह प्रांत नेकानेक दृष्टि बिन्दुओं से अन्य प्रांतों की अपेक्षा अधिक पिछड़ा हुआ है, इसी पिछड़ेपन के आधार पर लेखक ने उपन्यास का नामकरण किया है। यह नाम लेखक ने कविवर सुमित्रानंदन पंत की भारत माता कविता की निम्न पंक्तियों से लिया है -

"भारत माता ग्रामवासिनी !
खेतों में फला है श्यामल, धूल भरा मैला सा आँचल सा।'

यहाँ पर एक बात और भी दृष्टव्य है। 'आँचल' शब्द को विद्वानों ने अंचल और 'आँचल' दोनों अर्थों में ग्रहण किया है। इसी के आधार पर यह भी कहा गया है, "वैसे तो आँचल की अपेक्षा 'अंचल' होना चाहिए था क्योंकि 'प्रांत' अर्थ में लक्षणानुसार अंचल शब्द ही रूढ़ हो हैं, आँचल नहीं। इतना ही नहीं अंचल शब्द में ही सम्बन्धार्थी इक तद्धित प्रत्यय लगाकर चलिक' शब्द 'धारा' संज्ञा का विशेषण बनाया गया है। यह विशेषण आँचल से भी बन सकता है किन्तु प्रांत के लिए 'आँचल' की शब्द रूढ़ि नहीं है। यहाँ पर एक महत्वपूर्ण बात की ओर संकेत करना चाहूँगा। रेणुजी ने मैला आँचल को अभिधार्थ के साथ-साथ लाक्षणिक प्रतीकार्थक में भी ग्रहण किया है उदाहरण के लिए कथा की मुख्य नारी पात्र कमली से उसकी माँ कोमार्य या नारीत्व अथवा सतीत्व को बनाये रखने की सलाह देते हुए कहती हैं- "हत भागिन ! आँचल को मैला मत करना, बेटी ! दुहाई ! इसी प्रकार डॉ. प्रशांत का कथन है, "मैं साधना करूँगा, ग्रामवासिनी भारत माता के मैले आँचल तले ! कम से कम एक गाँव के कुछ प्राणियों के मुरझाये होठों पर मुस्कुराहट लौटा सकूँ .....।' इस प्रकार 'मैला आँचल' शब्द बहुअर्थी है और अंचल की अपेक्षा अधिक सटीक तथा सार्थक है।

'मैला आँचल' में किसी एक व्यक्ति या वर्ग की कथा नहीं हैं। वरन् इसमें लेखक ने पूरे अंचल की कथा का अंकन किया है। इस कथा की विविध परतें हैं, विभिन्न स्तर और पहलू हैं। "ये तमाम स्तर और पहलू इस प्रकार कितने ही भिन्न-भिन्न दृष्टि बिन्दुओं से दिखाये गये हैं कि जीवन एक साथ कई-कई सिम्टों में हमारे सामने प्रस्तुत होता है बहुत कुछ चलचित्र की भाँति समग्र होकर भी और अलग-अलग भी दूर से भी और समीप से भी।' लेखक अंचल के समस्त जीवन को गहनता, विस्तार और आत्मीयता से अंकित करता है। इस प्रकार उपन्यास में पूरी कथा में मैला आँचल ही उजागर किया गया मिलता है। जहाँ तक प्रश्न है पात्रों का, ".... मैला  आँचल के सभी पात्र इस मैले-आँचल की गंदगी को दूर करने में प्रयत्नशील हैं ..... पात्र, घटनाएँ तथा समस्त गाँव इस बात के प्रयत्न में पूर्णतया लीन दिखायी देते हैं कि इस गाँव के मैले को दूर कर इसको एक आदर्श गाँव के रूप में प्रदर्शित किया जा सके। परिणामस्वरूप भिन्न-भिन्न सेंटरों का खोलना तथा अस्पताल का बनना और गाँव में युग चेतना का प्रवेश सभी कुछ इस मैल को दूर करने के लिए ही आते हैं।"

लेखक ने जिस ग्राम जीवन का अंकन किया है वह निःसंदेह पूर्णिया जिले का ही ग्राम है। किन्तु इसके साथ ही वह एक सांकेतिक अथवा प्रतीकात्मक अर्थ भी ध्वनित करता है। वह अर्थ है भारत के ग्रामों का विकासशील जीवन। स्थानीय सीमाओं के भीतर राष्ट्रीय प्रगति का निर्देशन।' इस प्रकार कथा, पात्र, वातावरण, उद्देश्य आदि सभी दृष्टियों से 'मैला आँचल' नाम सटीक, सार्थक एवं उचित बन पड़ा है।

मैला आँचल का उद्देश्य मैला आँचल एक उद्देश्यपूर्ण कथावस्तु कला उपन्यास है जिसके माध्यम से लेखक ने पूर्णिया जिले के मेरीगंज नामक स्थान की सभ्यता, संस्कृति वहाँ की राजनीतिक गतिविधियों, अफसरों की धूर्तताएँ और मठ के महंतों के चारित्रिक अधोपतन का बड़ा ही यथार्थ और स्वाभाविक अंकन किया है। विशेषता यह है कि लेखक ने किसी भी उद्देश्य को मुखर करने में न तो लम्बे चौड़े तर्क दिये हैं और न स्वयं पैरवी की है। यहाँ तो सब कुछ स्वयमेव ही प्रकट होता गया है। 'मैला आँचल' के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं -

(1) अंचल विशेष का चित्रण करना,
(2) भारतीय ग्राम्य समाज का अंकन,
(3) सामयिक समस्याओं का प्रस्तुतीकरण समाधान,
(4) स्वतन्त्रता व आन्दोलन और स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रभाव,
(5) नवीन जन चेतना का पक्ष
(6) आदर्शोन्मुख यथार्थ की स्थापना
(7) जन शोषक तत्वों पर व्यंग्य करना।
(8) नूतन शिल्प प्रयोग करना।

इस प्रकार मैला आँचल सोद्देश्य रचना हैं जिसके उद्देश्यों में विस्तार है और उनको प्रकट करने में पूर्ण सफलता भी।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- गोदान में उल्लिखित समस्याओं का विवेचना कीजिए।
  2. प्रश्न- 'गोदान' के नामकरण के औचित्य पर विचार प्रकट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्रेमचन्द का आदर्शोन्मुख यथार्थवाद क्या है? गोदान में उसका किस रूप में निर्वाह हुआ है?
  4. प्रश्न- 'मेहता प्रेमचन्द के आदर्शों के प्रतिनिधि हैं।' इस कथन की सार्थकता पर विचार कीजिए।
  5. प्रश्न- "गोदान और कृषक जीवन का जो चित्र अंकित है वह आज भी हमारी समाज-व्यवस्था की एक दारुण सच्चाई है।' प्रमाणित कीजिए।
  6. प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यास-साहित्य का विवेचन कीजिए।
  7. प्रश्न- उपन्यास के तत्वों की दृष्टि से 'गोदान' की संक्षिप्त समालोचना कीजिए।
  8. प्रश्न- 'गोदान' महाकाव्यात्मक उपन्यास है। कथन की समीक्षा कीजिए।
  9. प्रश्न- गोदान उपन्यास में निहित प्रेमचन्द के उद्देश्य और सन्देश को प्रकट कीजिए।
  10. प्रश्न- गोदान की औपन्यासिक विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यासों की संक्षेप में विशेषताएँ बताइये।
  12. प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यासों की कथावस्तु का विश्लेषण कीजिए।
  13. प्रश्न- 'गोदान' की भाषा-शैली के विषय में अपने संक्षिप्त विचार प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- हिन्दी के यथार्थवादी उपन्यासों का विवेचन कीजिए।
  15. प्रश्न- 'गोदान' में प्रेमचन्द ने मेहनत और मुनाफे की दुनिया के बीच की गहराती खाई को बड़ी बारीकी से चित्रित किया है। प्रमाणित कीजिए।
  16. प्रश्न- क्या प्रेमचन्द आदर्शवादी उपन्यासकार थे? संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
  17. प्रश्न- 'गोदान' के माध्यम से ग्रामीण कथा एवं शहरी कथा पर प्रकाश डालिए।
  18. प्रश्न- होरी की चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धनिया यथार्थवादी पात्र है या आदर्शवादी? स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' के निम्न गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- 'मैला आँचल एक सफल आँचलिक उपन्यास है' इस उक्ति पर प्रकाश डालिए।
  22. प्रश्न- उपन्यास में समस्या चित्रण का महत्व बताते हुये 'मैला आँचल' की समीक्षा कीजिए।
  23. प्रश्न- आजादी के फलस्वरूप गाँवों में आये आन्तरिक और परिवेशगत परिवर्तनों का 'मैला आँचल' उपन्यास में सूक्ष्म वर्णन हुआ है, सिद्ध कीजिए।
  24. प्रश्न- 'मैला आँचल' की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
  25. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणुजी ने 'मैला आँचल' उपन्यास में किन-किन समस्याओं का अंकन किया है और उनको कहाँ तक सफलता मिली है? स्पष्ट कीजिए।
  26. प्रश्न- "परम्परागत रूप में आँचलिक उपन्यास में कोई नायक नहीं होता।' इस कथन के आधार पर मैला आँचल के नामक का निर्धारण कीजिए।
  27. प्रश्न- नामकरण की सार्थकता की दृष्टि से 'मैला आँचल' उपन्यास की समीक्षा कीजिए।
  28. प्रश्न- 'मैला आँचल' में ग्राम्य जीवन में चित्रित सामाजिक सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास को आँचलिक उपन्यास की कसौटी पर कसकर सिद्ध कीजिए कि क्या मैला आँचल एक आँचलिक उपन्यास है?
  30. प्रश्न- मैला आँचल में वर्णित पर्व-त्योहारों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- मैला आँचल की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
  32. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास के कथा विकास में प्रयुक्त वर्णनात्मक पद्धति पर प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- कथावस्तु के गुणों की दृष्टि से मैला आँचल उपन्यास की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- 'मैला आँचल' उपन्यास का नायक डॉ. प्रशांत है या मेरीगंज का आँचल? स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास की संवाद योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मैला आँचल)
  37. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी 'उसने कहा था' का सारांश लिखिए।
  39. प्रश्न- कहानी के तत्त्वों के आधार पर 'उसने कहा था' कहानी की समीक्षा कीजिए।
  40. प्रश्न- प्रेम और त्याग के आदर्श के रूप में 'उसने कहा था' कहानी के नायक लहनासिंह की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- सूबेदारनी की चारित्रिक विशेषताओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- अमृतसर के बम्बूकार्ट वालों की बातों और अन्य शहरों के इक्के वालों की बातों में लेखक ने क्या अन्तर बताया है?
  43. प्रश्न- मरते समय लहनासिंह को कौन सी बात याद आई?
  44. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विवेचना कीजिए।
  45. प्रश्न- 'उसने कहा था' नामक कहानी के आधार पर लहना सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  46. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (उसने कहा था)
  47. प्रश्न- प्रेमचन्द की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- कफन कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  49. प्रश्न- कफन कहानी के उद्देश्य की विश्लेषणात्मक विवेचना कीजिए।
  50. प्रश्न- 'कफन' कहानी के आधार पर घीसू का चरित्र चित्रण कीजिए।
  51. प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं, इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
  52. प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं। इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
  53. प्रश्न- घीसू और माधव की प्रवृत्ति के बारे में लिखिए।
  54. प्रश्न- घीसू ने जमींदार साहब के घर जाकर क्या कहा?
  55. प्रश्न- बुधिया के जीवन के मार्मिक पक्ष को उद्घाटित कीजिए।
  56. प्रश्न- कफन लेने के बजाय घीसू और माधव ने उन पाँच रुपयों का क्या किया?
  57. प्रश्न- शराब के नशे में चूर घीसू और माधव बुधिया के बैकुण्ठ जाने के बारे में क्या कहते हैं?
  58. प्रश्न- आलू खाते समय घीसू और माधव की आँखों से आँसू क्यों निकल आये?
  59. प्रश्न- 'कफन' की बुधिया किसकी पत्नी है?
  60. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (कफन)
  61. प्रश्न- कहानी कला के तत्वों के आधार पर प्रसाद की कहांनी मधुआ की समीक्षा कीजिए।
  62. प्रश्न- 'मधुआ' कहानी के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  63. प्रश्न- 'मधुआ' कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
  64. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मधुआ)
  65. प्रश्न- अमरकांत की कहानी कला एवं विशेषता पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- अमरकान्त का जीवन परिचय संक्षेप में लिखिये।
  67. प्रश्न- अमरकान्त जी के कहानी संग्रह तथा उपन्यास एवं बाल साहित्य का नाम बताइये।
  68. प्रश्न- अमरकान्त का समकालीन हिन्दी कहानी पर क्या प्रभाव पडा?
  69. प्रश्न- 'अमरकान्त निम्न मध्यमवर्गीय जीवन के चितेरे हैं। सिद्ध कीजिए।
  70. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (जिन्दगी और जोंक)
  71. प्रश्न- मन्नू भण्डारी की कहानी कला पर समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से मन्नू भण्डारी रचित कहानी 'यही सच है' का मूल्यांकन कीजिए।
  73. प्रश्न- 'यही सच है' कहानी के उद्देश्य और नामकरण पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- 'यही सच है' कहानी की प्रमुख विशेषताओं का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
  75. प्रश्न- कुबरा मौलबी दुलारी को कहाँ ले जाना चाहता था?
  76. प्रश्न- 'निशीथ' किस कहानी का पात्र है?
  77. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (यही सच है)
  78. प्रश्न- कहानी के तत्वों के आधार पर चीफ की दावत कहानी की समीक्षा प्रस्तुत कीजिये।
  79. प्रश्न- 'चीफ की दावत' कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
  80. प्रश्न- चीफ की दावत की केन्द्रीय समस्या क्या है?
  81. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (चीफ की दावत)
  82. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी कला की समीक्षा कीजिए।
  83. प्रश्न- रेणु की 'तीसरी कसम' कहानी के विशेष अपने मन्तव्य प्रकट कीजिए।
  84. प्रश्न- हीरामन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
  85. प्रश्न- हीराबाई का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  86. प्रश्न- 'तीसरी कसम' कहानी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
  87. प्रश्न- 'तीसरी कसम उर्फ मारे गये गुलफाम कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
  88. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन-परिचय लिखिए।
  89. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु जी के रचनाओं का वर्णन कीजिए।
  90. प्रश्न- क्या फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों का मूल स्वर मानवतावाद है? वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- हीराबाई को हीरामन का कौन-सा गीत सबसे अच्छा लगता है?
  92. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (तीसरी कसम)
  93. प्रश्न- 'परिन्दे' कहानी संग्रह और निर्मल वर्मा का परिचय देते हुए, 'परिन्दे' कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  94. प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से 'परिन्दे' कहानी की समीक्षा अपने शब्दों में लिखिए।
  95. प्रश्न- निर्मल वर्मा के व्यक्तित्व और उनके साहित्य एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  96. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (परिन्दे)
  97. प्रश्न- ऊषा प्रियंवदा के कृतित्व का सामान्य परिचय देते हुए कथा-साहित्य में उनके योगदान की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- कहानी कला के तत्त्वों के आधार पर ऊषा प्रियंवदा की 'वापसी' कहानी की समीक्षा कीजिए।
  99. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (वापसी)
  100. प्रश्न- कहानीकार ज्ञान रंजन की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
  101. प्रश्न- कहानी 'पिता' पारिवारिक समस्या प्रधान कहानी है। स्पष्ट कीजिए।
  102. प्रश्न- कहानी 'पिता' में लेखक वातावरण की सृष्टि कैसे करता है?
  103. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (पिता)

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