बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- "एक चित्र की कीमत हजारों शब्दों के बराबर होती है।' कथन का परीक्षण कीजिए।
अथवा
संकेत भाषा से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य एवं प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
संकेत भाषा
(Sign Language)
संकेत भाषा का उपयोग प्राचीन समय से ही किया जाता रहा है। इसे ध्वनि-दृश्य उपकरण भी कहते हैं। जब संदेश देने वाला संदेश देने के लिए तथा संदेश पाने वाला संदेश पाने के लिए संकेत, चिन्ह्र आदि का उपयोग करता है, तो इसे संकेत भाषा कहा जाता है।
संकेत या प्रतीक भाषा के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के निर्धारित प्रतीकों, चिन्हों एवं संकेतों आदि को संदेश संवहन हेतु प्रयोग किया जाता है।
प्रकार Types -
इन्हें दो भागों में विभाजित किया जा सकता है -
(a) दृश्य संकेत -

संकेत भाषा में उन रीतियों का प्रयोग किया जाता है जिनसे सूचना प्राप्त होती है। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट के ऊपर 'क्रास' का निशान 'धूम्रपान निषेध' को दर्शाता है। विद्युत केन्द्रों में खतरनाक शब्द ख़तरे की तरफ संकेत करता है। सायरन को प्रतिबन्धित करने के लिए उसके चित्र के ऊपर 'क्रास' का निशान लगाया जाता है।
रंग (Colours) - रंग मनुष्य की भावनाओं, सोचने की शक्ति एवं इन्द्रियों पर प्रभाव डालते हैं। हर देश की संस्कृति में हर रंग का अलग महत्व है। भारत में केसरिया रंग महत्वपूर्ण है, तथा मुस्लिम देशों में हरा रंग। कर्मचारियों के सम्बन्ध में रंग उत्पादकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। रंगों की भाषा संचार का कार्य करते हैं। गुलाबी, पीला, लाल और हरा रंग प्रसन्नता और सुख के साथ जोड़ा जाता है तो काले रंग को शोक की भावना के साथ जोड़ा जाता है। सफेद रंग शांति का प्रतीक है। रंगों का उपयोग परिवहन के संकेतों के रूप में सांकेतिक भाषा के रूप में प्रयोग होता है।
संकेत भाषा में संदेश देने के लिए रंगों का प्रयोग इस प्रकार है -
1. ट्रैफिक की जानकारी रंगों के माध्यम से होती है।
2. वी.आई.पी. की गाड़ी पर लाल बत्ती होती है।
3. अस्पताल की गाड़ियों पर विशेष प्रकार की लाइट लगी होती है।
4. चौराहे पर लाल रंग ट्रैफिक को रुकने का संकेत देता है।
5. हरा रंग चलने का संकेत करता है।
विभिन्न प्रकार के रंगों को भी संकेत के रूप में प्रयोग में लाया जाता है-
रंग | संकेत |
(i) लाल | उत्तेजना, सावधानी |
(ii) हरा | ताजगी, बाधा रहित |
(iii) नीला | ठण्डक |
(iv) नारंगी | गतिमानता |
(v) पीला | प्रसन्नता, धीमी गति |
(b) श्रव्य संकेत (Audio / Sound Signals) : प्राय: कार्यालयों में बजर (Buzzer), दबाकर बजने वाली घंटी (Press button bell ) व विद्युत संचालित घंटी का प्रयोग होता है। वे चपरासी को सावधान करती हैं या बुलाती हैं। ढोल पीटना भी एक संकेत है।
संकेत भाषा के उद्देश्य (Objectives of Sign Language) - संकेत भाषा के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
1. संचार को अति शीघ्र पूर्ण करने के लिए।
2. संचार को रुचिकर एवं प्रभावपूर्ण बनाना।
3. अनपढ़ लोगों को सूचना देना आना।
लाभ : ये इस प्रकार हैं :
1. सरल सम्प्रेषण होना;
2. रुचिकर व प्रेरित करना;
3. विज्ञापन का प्रभावी साधन
4. मिलने की अवधि को नियंत्रित करने में सहायक
5. मानसिक तैयारी का प्रतिबिम्ब
6. सफाई:
7. समय प्रबन्धन में लाभकारी।
दोष: ये निम्नवत हैं :
1. केवल तथ्यात्मक एवं सामान्य विचारों का सम्प्रेषण सम्भव
2. गलत समझने की सम्भावना।
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