बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- सोशल नेटवर्किंग क्या होती है? इसके लाभ एवं हानियाँ क्या हैं?
उत्तर -
(Social Networking)
सोशल नेटवर्किंग एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसका लोगों के द्वारा उपयोग सोशल नेटवर्क अथवा सामाजिक सम्बन्ध बनाने के लिए किया जाता है। सोशल नेटवर्क उन अन्य लोगों के साथ बनाया जाता है जो समतुल्य व्यक्तिगत अथवा कैरियर सम्बन्धी रूचियों, पृष्ठभूमि, गतिविधियों अथवा वास्तविक जीवन से जुड़ी बातों का आदान-प्रदान करते हैं।
यह मित्रों, परिवार, सहकर्मियों, ग्राहकों आदि के साथ जुड़े रहने के लिए इन्टरनेट आधारित सोशल मीडिया साइटों का उपयोग होता है। सोशल नेटवर्किंग का फेसबुक, ट्विटर, लिंकडीन एवं इंस्टाग्राम जैसी साइटों के माध्यम से सामाजिक एवं व्यावसायिक उद्देश्य हो सकता है। यह विपणनकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बन चुका है। फेसबुक सबसे बड़ा एवं सर्वाधिक लोकप्रिय सोशल नेटवर्क है। 31 दिसम्बर, 2020 को इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 2.8 बिलियन थी।
सोशल नेटवर्किंग के बारे में कुछ मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
1. सोशल नेटवर्किंग मित्रों, परिवारजनों आदि से जुड़े रहने के लिए इन्टरनेट आधारित मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग है।
2. सर्वाधिक लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइटों में फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं ट्विटर शामिल है।
3. फर्मों द्वारा सोशल नेटवर्किंग का उपयोग ब्राण्ड को मान्यता देने तथा विक्रय को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है।
4. सोशल मीडिया लोगों एवं व्यवसायों से जुड़े रहने में मदद कर सकता है तथा ब्राण्ड के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होता है।
5. सोशल मीडिया की कुछ कमियों में गलत सूचना का प्रसार, सोशल नेटवर्क प्रोफाइल के उपयोग व रखरखाव की ऊँची लागत शामिल है।
सोशल नेटवर्किंग में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक सम्बन्धों का विकास एवं रखरखाव शामिल है। यह कार्य सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से किया जाता है। ये साइटें लोगों एवं संगठनों को एक-दूसरे से जुड़े रहने की अनुमति देती है ताकि वे सम्बन्धों को विकसित कर सकें तथा सूचनाओं व विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।
(Merits of Social Networking)
सोशल नेटवर्किंग लोगों एवं संगठनों को प्रभावित करने की क्षमता देता है। इसके गुण निम्नलिखित हैं-
1. व्यक्तियों को सम्पर्क में रहने की इजाजत देना (Allowing Individuals to keep in Contact ) - सोशल नेटवर्किंग लोगों को अपने परिवारजनों एवं मित्रों के साथ सम्पर्क में रहने की अनुमति देता है। ऐसे परिवारीजन जो दूर होते हैं उनसे पर्सनल सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक के माध्यम से जुड़ा रहा जा सकता है। लोग ऐसे अन्य व्यक्तियों से भी जुड़े रह सकते हैं जो समान रूचि वाले हों इससे नए सम्बन्ध भी विकसित होते हैं।
2. फर्मों को ग्राहकों के साथ सम्पर्क से जुड़े रहने की इजाजत देना (Allowing Firms to Connect with Customers) - सोशल नेटवर्किंग नए एवं विद्यमान ग्राहकों से जुड़े रहने की इजाजत व्यावसायिक संगठनों को देता है। ये संगठन ब्राण्ड जागरूकता उत्पन्न करने, बढ़ाने आदि के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं। इनके द्वारा ग्राहकों की टीका टिप्पणियों पर भी ध्यान दिया जा सकता है। इससे बिक्री बढ़ाने में मदद मिलती है। सोशल नेटवर्किंग से ब्राण्ड की उपयुक्तता, साख व विश्वसनीयता में वृद्धि होती है। सोशल नेटवर्किंग का उपयोग करके ग्राहक सेवा स्तर को बताया जा सकता है तथा ग्राहकों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाए जा सकते हैं। जब कोई ग्राहक वस्तु व सेवा के बारे में ट्विटर पर शिकायत करता है, तो कम्पनी द्वारा शिकायत का शीघ्र समाधान किया जाता है, क्षमा याचना की जा सकती है तथा शिकायत को दूर करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
(Drawbacks of Social Networking)
सोशल नेटवर्किंग की कमियाँ निम्नलिखित हैं-
1. सोशल नेटवर्किंग से गलत सूचनाएँ प्रसारित होने की अधिक सम्भावना रहती है। ऐसी सूचनाएँ जंगल में आग की तरह फैल सकती हैं।
2. सोशल नेटवर्किंग का व्यावसायिक फर्मों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। किसी ब्राण्ड की आलोचना सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से फैलती है। यह फर्म के जनसम्पर्क विभाग के लिए समस्या बन सकता है।
3. सोशल मीडिया पर विज्ञापन करना तथा कार्पोरेट प्रोफाइल का रखरखाव करना व्ययसाध्य हो सकता है।
यद्यपि सोशल नेटवर्किंग मुफ्त उपलब्ध होता है, परन्तु कम्पनी प्रोफाइल को बनाने एवं रखरखाव करने में प्रत्येक सप्ताह में कई घण्टे व्यय करने पड़ सकते हैं। ऐसे समय की लागतें बहुत तेजी से बढ़ती हैं।
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