बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन
प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
अथवा
CTBT की सार्थक उपयोगिता की समीक्षा कीजिए।
अथवा
क्या कां. प्रेहेन्सिव टेस्ट बैन ट्रीटी (CTBT) शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों द्वारा अन्य राष्ट्रों पर दबाव बनाने की प्रक्रिया मात्र है? समीक्षा कीजिए।
अथवा
C. T. B.T. में अन्तर्निहित बिन्दुओं पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि ( CTBT) निशस्त्रीकरण की दिशा में NPT परमाणु अप्रसार सन्धि का ही अगला चरण है। पूर्व की तरह इस सन्धि में शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों का वही पुराना नजरिया है कि परमाणु हथियारों के सम्बन्ध में वे अपनी इच्छा से ही निर्णय लेते रहें और विश्व के शेष राष्ट्र उनके निर्णयों पर अपनी मुहर लगाते रहें। प्रस्तावित व्यापक परीक्षण प्रतिबन्ध संधि केवल जल, थल और नभ के ही परीक्षणों के लिये केवल विकासशील राष्ट्रों को ही प्रतिबन्धित करती है। जबकि पाँचों परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र अपनी प्रयोगशाला में नये-नये परीक्षण कर सकते हैं। ये राष्ट्र इस सन्धि से हटने का निर्णय लेने के बाद अपने परमाणुविक हथियारों की संख्या में सरलतापूर्वक बढ़ोत्तरी भी कर सकते हैं। भारत तथा अन्य देशों के मतानुसार सी. टी. बी. टी. से नाभिकीय हथियारों को समाप्त करने में कोई सहायता नहीं मिलेगी। इस सन्धि में सभी प्रकार के परमाणु परीक्षण पर प्रतिबन्ध लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।
परमाणु हथियारों से सम्पन्न पाँचों राष्ट्रों को इनका विस्तार करने तथा गुणवत्ता में सुधार करने हेतु अनुमति दी गयी है जिससे स्पष्ट होता है कि सी. टी. बी. टी. शस्त्रास्त्रों के प्रसार पर नियंत्रण हेतु कोई गम्भीर उपाय नहीं है बल्कि यह धरातलीय प्रसार के विरुद्ध केवल एक साधन ही है। भारत सहित कुछ अन्य देशों ने इस सन्धि को अनुमोदित करने से इसलिए मना कर दिया 'क्योंकि ये CTBT भेदभाव वाले NPT का ही दूसरा रूप है। दूसरा कारण परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को कम करने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किया है, जिससे उनकी परमाणु हथियारों पर एकाधिकार बनाये रखने की स्वतंत्रता एवं अन्य राष्ट्रों को इससे वंचित करने की इच्छा दिखती है।
CTBT व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि में अन्तर्निहित बिन्दु
(1) परमाणु अप्रसार सन्धि का अगला चरण होने के कारण इसका मूल उद्देश्य विश्व को परमाणु हथियारों के विनाश से बचाना है किन्तु इसके अन्तर्गत निशस्त्रीकरण के मुद्दे को नजरअन्दाज कर दिया गया है।
(2) CTBT की सबसे बड़ी कमी यह है कि जिन देशों को परमाणु तकनीक में योग्यता प्राप्त नहीं है उनके पास परमाणु हथियार नहीं रहेंगे लेकिन जिनके पास यह पहले से उपलब्ध है उनके पास ये जैसे थे वैसा ही बने रहेंगे।
(3) यह सन्धि पारम्परिक परमाणु परीक्षणों पर ही रोक लगाती है।
(4) इस सन्धि के अन्तर्गत परमाणु हथियारों की श्रेष्ठता सम्पन्न राष्ट्रों पर कोई रोक लगाने का संकेत नहीं दिखता जिससे उनकी नियत साफ दिखती है जैसाकि परमाणु सम्पन्न राष्ट्रों में कुतर्क देते हुए स्पष्ट किया है कि परमाणु हथियारों में निरन्तर सुधार करते रहने, उन्हें खराब होने से बचाने एवं विस्फोटक सामग्री की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये उन्हें निरन्तर परीक्षण करने होंगे।
(5) भारत, पाकिस्तान और इजराइल तीन देश सी. टी.बी.टी. के विरोध में शामिल हुए। भारत का कहना है कि परमाणु सम्पन्न राष्ट्रों ने इस सन्धि के नाम में 'व्यापक' शब्द जोड़ उसके स्वरूप को नया रूप देना चाहा किन्तु यह किसी भी दृष्टि से व्यापक नहीं है। भारत के विरोध का पहला मुद्दा यही है कि परीक्षणों पर व्यापक प्रतिबन्ध नहीं लगाया जा सकता।
(6) इजराइल इस सन्धि पर कुछ समय के बाद हस्ताक्षर करने को तैयार है जबकि पाकिस्तान का कहना है कि पहले भारत इस सन्धि पर हस्ताक्षर करे तब वह इस सन्धि पर हस्ताक्षर करेगा।
स्पष्ट है कि सी. टी. बी. टी. का सैद्धान्तिक रूप से परमाणु निशस्त्रीकरण, परमाणु हथियारों की होड़ पर रोक, पर्यावरण प्रदूषण और विश्व शान्ति के मसले से भले ही सम्बन्ध हो लेकिन व्यवहारिकता में यह इन विषयों पर महज एक छलावा है। यदि बात करें सिर्फ अमेरिका की तो उसकी मंशा विश्व-शान्ति की होती तो वह अपनी सुरक्षा के नाम पर हथियारों के भण्डारण को बनाये रखने और नये-नये तरीके से परमाणविक परीक्षण करने पर क्यों तत्पर होता?
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- प्रश्न- राष्ट्र-राज्य की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य की शक्ति रचना दृश्य पर एक लेख लिखिये।
- प्रश्न- राष्ट्र राज्य से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्र और राज्य में क्या अन्तर है?
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- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित करते हुए सुरक्षा के निर्धारक तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। राष्ट्रीय हित में सुरक्षा क्यों आवश्यक है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- भारत के प्रमुख असैन्य खतरे कौन से हैं?
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- प्रश्न- राष्ट्रीय रक्षा सुरक्षा नीति से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- भारत की रक्षा नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित करते हुए शक्ति की अवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति की रूपरेखा बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति को परिभाषित कीजिए तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
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- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (CTBT) के सैद्धान्तिक रूप की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- MTCR से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा (NMD) से आप क्या समझते हैं?
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- प्रश्न- FMCT क्या है? इस पर भारत के विचारों की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- छोटे शस्त्रों के प्रसार से आप क्या समझते हैं? इनके लाभ व हानि बताइये।
- प्रश्न- शस्त्र दौड़ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र सहायता तथा व्यापार कूटनीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शस्त्र व्यापार करने वाले मुख्य राष्ट्रों के नाम बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये वाह्य व आन्तरिक चुनौतियाँ क्या हैं? उनसे निपटने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत की सुरक्षा चुनौती को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं तकनीकी प्रगति की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारत में अनुसंधान तथा विकास कार्य (Research and Development) पर प्रकाश डालिए तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय सैन्य क्षमता को शक्तिशाली बनाने में रक्षा उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।' उपरोक्त सन्दर्भ में भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के विकास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाभिकीय और अंतरिक्ष कार्यक्रम के विशेष सन्दर्भ में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- "एक स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए व्यापक वैज्ञानिक तकनीकी एवं औद्योगिक आधार की आवश्यकता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए