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ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2271
आईएसबीएन :0

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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।

प्रश्न 7. परीक्षण प्रशासन से आप क्या समझते हैं? इनके कार्यों को बताइये। उत्तर-परीक्षण प्रशासन एवं आख्या
(Test Administration and Report)

परीक्षणों का प्रशासन (Administration of Test) - परीक्षणों की सफलता परीक्षाओं में सुव्यवस्थित एवं सुदृढ़ प्रशासन पर आधारित हैं। प्रशासन की उत्तम व्यवस्था से परीक्षणों की वैधता एवं विश्वसनीयता सुरक्षित रहती है। इसके लिए स्पष्ट एवं सुनिश्चित निर्देश दिये जाने चाहिए। परीक्षा के पूर्व कौन-कौन सी तैयारियाँ करनी हैं? उसके लिए क्या-क्या व्यवस्था करनी है? उपर्युक्त व्यवस्था के सन्दर्भ में निम्नलिखित कार्य हो सकते हैं -

1. परीक्षा से पहले कार्यों का प्रबन्ध (Management of Pre-Examination Functions)-

(i) प्रशिक्षित अनुभवी शिक्षकों को ही परीक्षण निर्माण के लिए चुनना चाहिए।
(ii) सुयोग्य, अनुभवी एवं पक्षपात रहित परीक्षकों का ही चयन करना चाहिए।
(iii) परीक्षण के मुद्रण एवं छपाई में विशेष नियन्त्रण एवं सुरक्षा का प्रबन्ध करना चाहिए।

(iv) परीक्षा हेतु कक्ष निरीक्षकों का चयन भी विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए।
(v) परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा समय से पूर्व विधिवत् कर देनी चाहिए।

2. परीक्षा के समय कार्यों का प्रबन्ध (Management of Functions during the Examination) -

(i) सभी परीक्षार्थियों के बैठने के लिए समुचित फर्नीचर, पेशाब घर एवं पानी आदि की समुचित व्यवस्था कर लेनी चाहिए।
(ii) परीक्षार्थी को परीक्षा-कक्ष में आने, परीक्षा देने एवं परीक्षा की समाप्ति तक से सम्बन्धित निर्देश अवश्य देने चाहिए।
(iii) परीक्षा निर्धारित समय पर प्रारम्भ एवं समाप्त होने की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।
(iv) परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग को बचाने के लिए परीक्षा संचालन में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
(v) परीक्षा की समाप्ति पर समस्त उत्तर-पुस्तिकाओं को क्रमानुसार संग्रहीत करके परीक्षा अधीक्षक को सौंप दना चाहिए।

3. परीक्षोपरान्त कार्यों का प्रबन्ध (Management of Post-examination Functions),

(i) उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन हेतु स्पष्ट निर्देश प्रारम्भ में ही दिये जाने चाहिए।
(ii) श्रेणियों और क्रमाकों को देने के मानदण्ड पहले ही निर्धारित कर लेने चाहिए। (iii) आवश्यकता पड़ने पर मूल्यांकन कुँजी तथा कम्प्यूटर का भी प्रयोग कराया जा सकता है।
(iv) परीक्षाफल की गोपनीयता एवं वस्तुनिष्ठता के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए।
(v) अनुचित साधनों के प्रयोग के मामलों को शीघ्रता से निपटाने का प्रयास करना चाहिए।
(vi) मूल्यांकन का अभिलेख भी स्पष्ट एवं स्वच्छ ढंग से तैयार किया जाना चाहिए।
(vii) परीक्षाफल की घोषणा करने में विलम्ब नहीं होना चाहिए।

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