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ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2271
आईएसबीएन :0

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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


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विज्ञान में मूल्यांकन

(Evaluation in Science)


प्रश्न 1. मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रविधियों को बताते हुये प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषा देते हुये इसकी प्रमुख प्रविधियों तथा विशेषताओं को विस्तारपूर्वक बताइये।

1. मूल्यांकन किसे कहते हैं?
2. मूल्यांकन की प्रविधियों को बताइये।
3. मूल्यांकन की विशेषताएँ बताइए।
4. पदार्थ विज्ञान शिक्षण में मूल्यांकन का क्या महत्व है? एक अच्छे मूल्यांकन उपकरण की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (कानुपर 2015)
उत्तरृमूल्यांकन का अर्थ
(Meaning of Evaluation)

मूल्यांकन एक सतत एवं विस्तृत प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यावहारिक परिवर्तनों के प्रमाणों का मापन किया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन का अर्थ अधिगम-उद्देश्यों की प्राप्ति से है। प्रत्येक शिक्षक मूल्यांकन के द्वारा यह अनुमान लगाता है कि विद्यार्थियों के ज्ञान में किस सीमा तक परिवर्तन हुआ है तथा शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति में कितने प्रतिशत सफलता अर्जित की गयी है। इस तरह शिक्षण तथा परीक्षण प्रक्रिया का आयोजन मूल्यांकन कहलाता है। कोठारी आयोग ने मूल्यांकन से सम्बन्ध में बताया है कि-

"मूल्यांकन एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है, यह समस्त शिक्षा क्रम का महत्वपूर्ण भाग है इस तरह इसका शैक्षिक उद्देश्यों से घनिष्ठ सम्बन्ध है।"

N.C.E.R.T. द्वारा दी गयी परिभाषा के अनुसार, “मूल्यांकन एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि लक्ष्य किस सीमा तक प्राप्त हुए हैं।"
दाण्डेकर

"मूल्यांकन को एक सुचारु प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसके द्वारा यह निर्धारित किया जाता है कि छात्रों द्वारा किस सीमा तक शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति की गयी है।"
- क्यूलेन व हेन्ना

मूल्यांकन की विशेषताएँ
(Characteristics of Evaluation)

मूल्यांकन, मापन और परीक्षण तीन भिन्न प्रत्यय हैं इनमें मूल्यांकन, मापन और परीक्षण से विस्तृत है मूल्यांकन के अन्तर्गत मापन तथा परीक्षण के मूल्य समाहित होते हैं। मापन किसी वस्तु के गुणों का मात्रात्मक या परिणात्मक विवेचन है, मापन के बिना मूल्यांकन सम्भव नहीं है। मूल्यांकन निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

(1) व्यापक प्रक्रिया (Comprehensive Process),
(2) सतत् प्रक्रिया (Continuous Process),
(3) सामाजिक प्रक्रिया (Social Process),
(4) सहकारी प्रक्रिया (Coperative Process),
(5) विवरणात्मक प्रक्रिया (Descriptive Process),
(6) निर्णयात्मक प्रक्रिया (Decisive Process)।

मूल्यांकन की प्रविधियाँ
(Techniques of Evaluation)

मूल्यांकन की प्रविधियों के अन्तर्गत उन विधियों या साधनों को सम्मिलित किया जाता है जिसके द्वारा छात्रों के तथ्यात्मक ज्ञान और व्यावहारिक परिवर्तनों की जाँच की जाती है। शिक्षण के उद्देश्यों के अनुसार छात्रों के ज्ञानात्मक, भावात्मक और क्रियात्मक पक्षों में आये विभिन्न परिवर्तनों का मूल्यांकन करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है। मूल्यांकन की प्रविधियों का मानदण्ड परीक्षण की विधियों पर आधारित होता है। इसमें से प्रमुख प्रविधियाँ (Techniques) निम्नलिखित हैं-

(1) लिखित परीक्षाएँ (Written Examination)-इसमें निबन्धात्मक तथा वस्तुनिष्ठ दोनों प्रकार के प्रश्नों को सम्मिलित किया जाता है। निबन्धात्मक परीक्षाओं में विस्तृत उत्तर लिखने होते हैं जबकि वस्तुनिष्ठ परीक्षा में उत्तर सरल होते हैं।

(2) मैखिक परीक्षाएँ (Oral Examination)-जिन तथ्यों का मूल्यांकन लिखित परीक्षा के द्वारा सम्भव नहीं होता उनके लिए मौखिक परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इनमें मौखिक प्रश्न, वाद-विवाद, विचार-विमर्श आदि सम्मिलित होते हैं।

(3) प्रयोगात्मक परीक्षाएँ (Practical Examination)-विज्ञान तथा गणित विषय से सम्बन्धित कई ऐसे नियम तथा सिद्धान्त हैं जिनके मूल्यांकन के लिए प्रयोगात्मक कार्य बहुत उपयोगी है।

(4) निरीक्षण (Observation)-छात्रों की मानसिक परिपक्वता, सोचने की शक्ति व्यावहारिक परिवर्तनों का पता निरीक्षण के द्वारा लगाया जा सकता है। इसी तरह से अवलोकन द्वारा बालकों की चिन्तन शक्ति, तर्क शक्ति, सूझ-बूझ, भावात्मक विकास इत्यादि गुणों का मूल्यांकन किया जा सकता है।

(5) साक्षात्कार (Interview)-यह मौखिक परीक्षा के समान होती है। इसके द्वारा छात्रों के व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है।

(6) प्रश्नावली (Questionnaire)-प्रश्नावली एक सूची होती है जिस पर वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न लिखे जाते हैं जिनको घर पर भेजकर या स्वयं साक्षात्कार द्वारा उत्तर प्राप्त किये जाते हैं।

(7) चैकलिस्ट (Checklist)-इनका स्वरूप भी चैकलिस्ट के समान ही होता है इनमें प्रश्नों को अधिक स्पष्ट रूप से दिया जाता है और विद्यार्थी पढ़कर उत्तर पर सही का निशान लगा देते हैं।

(8) छात्रों द्वारा निर्मित सामग्री (Public Products)-इसमें छात्रों के ज्ञान का मूल्यांकन उनके द्वारा तैयार किये गये मॉडल रेखाचित्र आदि के आधार पर किया जाता है।

(9) अभिलेख (Records)-विद्यार्थियों के विज्ञान सम्बन्धी कार्य तथा प्रयोगात्मक परीक्षा सम्बन्धी अभिलेखों के रखरखाव के द्वारा भी उनकी रुचि, दृष्टिकोण व अनुभूति इत्यादि का मूल्यांकन किया जा सकता है।

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