शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षणईजी नोट्स
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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
प्रश्न 2. अनुदेशात्मक उद्देश्यों को व्यवहारगत पदों में क्यों लिखना
चाहिये? अपने पसन्द के प्रकरण पर तीन-तीन अनुदेशात्मक उद्देश्यों को ज्ञान,
अवबोध तथा अनुप्रयोग स्तरों पर लिखिए।
उत्तर - अनुदेशात्मक उद्देश्यों को व्यवहारगत पदों में लिखने की आवश्यकता अधिगत
उद्देश्यों का निर्धारण, शिक्षण की विभिन्न, क्रियाओं को विशिष्ट रूप में
प्रस्तुत नहीं करता। इसीलिए इनको व्यावहारिक रूप में लिखना आवश्यक हो जाता है।
उद्देश्यों को व्यावहारिक रूप में लिखने की आवश्ययकता एवं महत्व निम्न है-
(1) शिक्षण क्रियाओं को सुनिश्चित (Certain) तथा विशिष्ट बनाने में सहायता
मिलती है।
(2) अध्यापक के लिए शिक्षण व्यूह रचना (Teaching strategies) के चयन में सहायक
है।
(3) लिखित व्यवहार उद्देश्यों की सहायता से अधिगम अनुभवों की विशेषताओं को
निर्धारित किया जाता है।
(4) इनकी सहायता से मूल्यांकन एवं मापन सम्भव होता है।
(5) यह परीक्षण के लिए प्रश्नों के चयन में सहायक है।
(6) शिक्षण एवं अधिगम इनकी सहायता से संतुलित रहता है।
(7) श्रव्य-दृश्य सामग्री के चयन में सहायता प्रदान करता है।
(8) व्यवहार के सभी पक्षों से सम्बन्धित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए परीक्षा
(परीक्षण) की व्यवस्था करने में सहायक है।
कक्षा 8 की भौतिकी से 'कार्बन और उसके यौगिक' प्रकरण के लिए अनुदेशात्मक
उद्देश्यों को ज्ञान, अवबोध तथा अनुप्रयोग स्तरों पर निम्न प्रकार लिख सकते
हैं-
(1) ज्ञानात्मक उद्देश्य (Knowledge objectives)
(1) छात्र कार्बन के यौगिकों का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे।
(2) छात्र कार्बन व उसके यौगिकों को परिभाषित कर सकेंगे।
(3) छात्र कार्बन के यौगिकों की सूची बना सकेंगे।
(2) बोधात्मक (Comprehension)-
(1) छात्र कार्बन के यौगिकों के उदाहरण दे सकेंगे।
(2) छात्र कार्बन उसके यौगिकों की संरचना की व्याख्या कर सकेंगे।
(3) छात्र कार्बन के यौगिकों को उनकी संरचना के आधार पर वर्गीकृत कर सकेंगे।
(3) अनुप्रयोग (Application)
(1) छात्र कार्बन के विभिन्न यौगिकों को प्रदर्शित कर सकेंगे।
(2) छात्र कार्बन के यौगिकों की जाँच कर सकेंगे।
(3) छात्र कार्बन के यौगिकों की प्रकृति का पता लगा सकेंगे।
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