भूगोल >> ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्रईजी नोट्स
|
0 |
बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
गैब्रो एवं ग्रेनाइट अंतर्भेदी आग्नेय चट्टानों के उदाहरण है इसके विपरीत
इनके बहिर्भेदी पर्याय बेसाल्ट एवं रायोलाइट हैं। बैथोलिथ ग्रेनाइट चट्टानों
के रूप में विश्व के अधिकांश पर्वतों के कोर (core) में मौजूद हैं। बैथोलिथ
चट्टानें गुम्बद के आकार के होते हैं, जिनके किनारे तीव्र ढाल वाले एवं आधार
तल अधिक गहराई में होता है। बैथोलिथ का ऊपरी भाग अत्यधिक असमान (irregular)
एवं ऊबड़-खाबड़ होता है। लोकोलिथ का निर्माण (पृथ्वी की धरातल के निकट परतदार
चट्टानों के बीच गुम्बदाकार संरचना में मैग्मा के जमने क कारण होता है।) जब
मैग्मा का निक्षेप तरंगों के रुप में होता है तो इसे फैकोलिथ कहा जाता है।
मोड़ों की अपनति (Anticline) एवं अभिनति (syncline) में लावा के जमाव के
फलस्वरूप फैकोलिथ संरचना का विकास होता है। जब लावा का जमाव धरातल के नीचे
अवतल आकार वाली छिछली बेसिन में होता है तो एक तस्तरीनुमा संरचना का निर्माण
होता है, जिसे लोपोलिथ कहा जाता है। जब लावा का जमाव चट्टानों की दो परतों के
बीच होता है तो सिल का निर्माण होता है। यह प्रायः चट्टानों की परतों के
समानांतर होता है। डाइक में मैग्मा का जमाव परतों के लम्बवत् होता है।
रासायनिक संरचना की दृष्टि से आग्नेय चट्टानों को दो वर्गों में विभाजित किया
जाता है: (i) अम्लीय चट्टानें (Acid rocks) (ii) क्षारीय चट्टानें (Basic
rocks) अम्लीय चट्टानों में सिलिका की मात्रा अधिक होती है। ये चट्टानें
अपेक्षाकृत हल्की होती है तथा इनका रंग भी हल्का होता हैं, जैसे-ग्रेनाइट।
क्षारीय चट्टानों में फेश-मैग्नेशियम की प्रधानता होती है। लोहे की अधिकता के
कारण इनका रंग गहरा तथा घनत्व अधिक होता है, जैसे गैब्रो, बेसाल्ट, रायोलाइट
आदि। पूर्व की चट्टानों के ऊपर स्थित बेसाल्ट चट्टान टोप (Caps) के समान
दिखायी पड़ता है। इस प्रकार की स्थलाकृति को ‘मेसा' (Mesa) कहा जाता है। जब
'मेसा' (Mesa) का अधिकांश भाग अपरदन के कारण कट कर छोटा हो जाता है तो उसे
'बुती' (Butte) कहा जाता है। संकरी एवं लंबी कटक वाली स्थलाकृति को ‘होगबैक'
(Hogback) कहा जाता है। होगबैक (Hogback) से मिलती जुलती एक स्थलाकृति जिसका
ढाल एवं डिप. (Dip) झुका हुआ हो 'क्वेस्टा' (Questa) कहलाती है। अवसादी
चट्टानों में विभिन्न परतें पायी जाती है तथा इनमें जीवावशेषों का भी विकास
होता है। धरातल का 75 प्रतिशत भाग अवसादी चट्टानों से ढका हुआ है एवं शेष 25
प्रतिशत भाग आग्नेय एवं रुपांतरित चट्टानों से आवृत्त है। अवसादी चट्टानें
रवेदार नहीं होती हैं तथा इनमें जोड़ों (Joints) का विकास तीव्र होता है।
अवसादी चट्टानें प्रायः मुलायम होती है। अवसादी शैलें अधिकांशतः प्रवेश्य
(porus) होती हैं, परन्तु चीका मिट्टी जैसी परतदार चट्टानें अप्रवेश्य होती
हैं। अवसादी शैलों का निर्माण अधिकांशतः जल में होता है। परन्तु लोएस जैसी
परतदार चट्टानों का निर्माण पवन द्वारा जल के बाहर भी होता है। बोल्डर क्ले
(Boulder Clay) या टिल (Til) हिमानी द्वारा निक्षेपित अवसादी चट्टानों के
उदाहरण हैं। रुपांतरण में तापमान एवं दबाव का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
द्वितीय श्रेणी के उच्चावचनों में मैदान का महत्वपूर्ण स्थान है।
|