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भूगोल >> ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्रईजी नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
महासागरीय निक्षेप के अन्तर्गत केवल उन निक्षेपों का अध्ययन करते हैं जो
असंगठित अवसाद के रूप में होते हैं न कि शैल के रूप में।
* महासागरीय निक्षेपों के विषय में मरे तथा रेनार्ड ने सराहनीय प्रयास किये
हैं।
* महासागरीय निक्षेपों के प्रमुख स्रोत है—(1) स्थलीय या भूमिज स्रोत, (2)
ज्वालामुखी का उद्भेदन तथा (3) सागरीय जीव एवं वनस्पतियाँ
* धरातलीय भाग पर अपक्षय की क्रिया के कारण चट्टानों में विघटन तथा वियोजन
होता है, जिस कारण चट्टानें बारीक से लेकर बड़े-बड़े टुकड़ों में टूटकर बिखर
जाते हैं जिन्हें भूमिज पदार्थ (Terrigenous Materials) कहते हैं।
* भूमिज पदार्थों का सागरों में निक्षेपण के दौरान श्रेणीकरण (Cradation)
पाया जाता है अर्थात् बड़े-बड़े पदार्थ तट के पास जमा होते हैं तथा सागर की
ओर जाने पर इसका आकार क्रमशः घटता जाता है।
* कणों के आकार, उनकी बनावट तथा रासायनिक संगठन के आधार पर भूमिज पदार्थों को
बजरी, रेत तथा पंक तीन प्रकारों में विभक्त किया जा सकता है।
* मृतिका (Clay) एक संयोजक तत्व है। इन पदार्थों का निर्माण धरातल पर विघटन
के कारण होता है तथा नदियाँ इनका परिवहन करके सागर में निक्षेपित करती हैं।
* हरी पंक (Grenn mud) के सागरीय रासायनिक अपक्षय के कारण रंग परिवर्तन के
कारण हरी पंक का निर्माण होता है।
* अकार्बनिक पदार्थों में लाल मृत्तिका (Red Clay) सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण
होती हैं क्योंकि अगाध सागरीय जमावों में यह सबसे अधिक क्षेत्रों में पायी
जाती है।
* लाल मृत्तिका 2700 फैदम से अधिक गहरे भागों में पायी जाती है।
* भूमिज निक्षेप (Terrigenous deposits) महाद्वीपीय ढालों पर पाये जाते हैं
जबकि पैलेजिक निक्षेप (Pelagic deposits) महासागरीय तली में अधिक गहराई में
पाये जाते हैं।
* महासागरों में मिलने वाले जीवों एवं वनस्पतियों के अवशेषों तथा कार्बनिक
तत्वों के निक्षेप को, जो कि महासागरों में अधिक गहराई पर पाये जाते हैं,
'पेलैजिक निक्षेप (Pelagic deposits) कहते हैं।
* जैव रसायन वर्षण द्वारा प्राप्त अवसाद जब सागरीय नितल पर अपने स्थान पर जमा
होते हैं तो उन्हें स्वजनित अवसाद (Autogenic Sediments) कहते हैं।
* अन्तः सागरीय ढालों पर गुरुत्व तंरगों द्वारा सागरीय अवसादों के सामूहिक
परिवहन तथा उनके इन ढालों के आधार पर निक्षेप को थोक अभिस्थापन (Bulk
Emplacements) कहते हैं।
* अन्तः सागरीय कन्दराओं के मुहाने पर श्रेणीकृत (Graded) अवसादों से निर्मित
शंक्वाकार निक्षेप को सागरीय पंख (Deep Fans) कहते हैं।
* डायटम (Diatoms) एक कोशिका वाले सूक्ष्म फाइटो-प्लैंकटन (पादप प्लैंकटन)
होते हैं जो सागरीय पर्यावरण में प्रमुख प्राथमिक उत्पादक हैं।
* फोरामिनीफेरा (Foraminifera) सागरीय प्रोटोजोवा जीव है जिसमें कैल्शियम
कार्बोनेट निर्मित चोल (test) होती है तथा ऊपर छिद्रदार कड़ी खोल रहती है।
* मोटे कणों वाली भूमिज (Terrigenous) पदार्थों को ग्रैवेल कहते हैं।
* घूले पदार्थों के सागरीय जल में अवक्षेप से प्राप्त अवसादों को अवसाद
(Hydrogenous Sediments) कहते हैं।
* स्थल स्थित या सागर स्थित चट्टानों के अपक्षय तथा अपरदन से प्राप्त अवसादों
को शैलजात अवसाद (Lithogenous Sediments) कहते हैं।
* प्लैंकटन एवं बेन्थस समुदाय के एक कोशिका वाले सिलिकायुक्त चोल (Test) धारक
सागरीय जन्तुओं को रेडियोलैरिया (Rediolaria) कहते हैं।
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