बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- उद्देश्य निर्धारित हो जाने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
उत्तर-
भूमिका
(Introduction)
प्रत्येक मानवीय क्रिया एवं गतिविधि का कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है। उद्देश्यरहित कार्य व्यर्थ होता है। इसलिए शिक्षा का उद्देश्यपूर्ण होना नितान्त आवश्यक एवं स्वाभाविक है, क्योंकि शिक्षा एक व्यापक प्रक्रिया है तथा इसका सम्बन्ध मानव जीवन के विभिन्न पक्षों से हैं इसलिए शिक्षा के उद्देश्य भी बहुपक्षीय हैं। विभिन्न शिक्षाशास्त्रियों एवं विद्वानों ने अपने-अपने ढंग एवं दृष्टिकोण से शिक्षा के उद्देश्य का प्रतिपादन किया है। शिक्षा के उद्देश्य के महत्व को प्रत्येक विद्वान समान रूप से स्वीकार करता है। वास्तव में शिक्षा एक अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, अतः उसका उद्देश्यपूर्ण होना नितान्त आवश्यक है।
इस विषय में एक विद्वान डी. टी. लिमये ने इस प्रकार कहा - "उद्देश्यों एवं आदर्शों के बिना शिक्षा पतवार रहित नाव और बिना गन्तव्य स्थान के इधर-उधर भटकने वाले जहाज के समान होगा।' इस तथ्य को प्रो० भाटिया ने इन शब्दों में अभिव्यक्त किया है। "उद्देश्य के ज्ञान के बिना शिक्षक उस नाविक के समान हैं जो समुद्र की लहरों के थपेड़े खाती तट की ओर से बढ़ती जा रही हैं।' शिक्षा के वास्तविक उद्देश्यों के निर्धारण के लिए विशद अध्ययन एवं विवेचन आवश्यक है। वास्तव में किसी भी विषय के व्यवस्थित अध्ययन के लिए उसके उद्देश्य को जानना आवश्यक है।
उद्देश्य निर्धारण के लाभ - किसी भी कार्य को करने से पूर्ण उसके उद्देश्य स्पष्ट रूप से निर्धारित कर लेने चाहिए। उद्देश्य निर्धारित हो जाने से अनेक लाभ होते हैं। सर्वप्रथम कहा जाता है कि कार्य के मुख्य उद्देश्य को निर्धारित कर लेने से कार्य करने वाले व्यक्ति के समय एवं शक्ति की पर्याप्त बचत हो जाती है। कार्य के मुख्य उद्देश्य को निर्धारित कर लेने के पश्चात् हम अपनी समस्त शक्तियों को एक विशिष्ट दिशा में केन्द्रित कर देते है और हमारी शक्तियाँ इधर-उधर वितरित नहीं होती।
इसके अतिरिक्त यह भी सत्य है कि यदि मनुष्य का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट रूप से निर्धारित न हो तो सम्बन्धित गौण उद्देश्य व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं, इससे बाद में काफी निराशा होती है। एक बार उद्देश्य के निर्धारित हो जाने के पश्चात् उद्देश्यों को प्राप्त कर लेने के लिए अभीष्ट साधनों पर विचार किया जा सकता है तथा उन्हें अपनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए शिक्षा का उद्देश्य निर्धारित हो जाने के पश्चात शिक्षा के पाठ्यक्रम, शिक्षण-विधि, अध्यापक पाठशाला की व्यवस्था आदि के स्वरूप को निर्धारित किया जा सकता है?
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