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बी ए - एम ए >> चित्रलेखा

चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- जॉन डी वी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा बताइए।
उत्तर-
जॉन डीवी - "शिक्षा व्यक्ति की उन शक्तियों का विकास है जो उसे अपने वातावरण पर नियंत्रण रखने योग्य बनाती है साथ ही अपनी भावी आशाओं को पूरा करने की क्षमता प्रदान करती है।'
जॉन डी वी ने शिक्षा को त्रिमुखी प्रक्रिया माना है। वे शिक्षा में शिक्षक शिक्षार्थी व समाज को शिक्षा का प्रमुख तत्वमानते हैं। उनके अनुसार शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, ऐसी स्थिति में शिक्षा द्वारा व्यक्ति का सामाजिक विकास होना स्वाभाविक है, और सामाजिक प्रगति तभी सम्भव है जब उचित शिक्षा प्रदान की जाये। जॉन डी वी ने शिक्षा के सामाजिक अंग पर विशेष बल दिया है।
जॉन डीवी के अनुसार समस्त शिक्षा प्रजाति की समस्त चेतना में व्यक्ति के सक्रिय रहने से उत्पन्न होती है। सामाजिक तत्व पर बल देते हुए डीवी ने लिखा है कि बालक को उस समाज में और उस समाज के लिए रहना है, जिसका कि वह सदस्य है। अतः उसका विकास समाज में और समाज द्वारा ही हो सकता है। डीवी ने शिक्षा के सामाजिक तत्व को महत्व दिया है। क्योंकि समाज द्वारा ही बच्चों में सामाजिक कुशलता और समाज स्वीकृत आचरण का विकास होता है। इसी के फलस्वरूप वे सामाजिक प्राणी बनते है। उन्हें ऐसा बनाना ही सच्ची शिक्षा है। अतः सामाजिक तत्व शिक्षा की प्रक्रिया का आवश्यक अंग है।

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