बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के लिए संवैधानिक व्यवस्था क्या है?
उत्तर-
स्वतंत्रता के बाद अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा हेतु प्रयास
इस शीर्षक के लिए लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 देखें। निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार 2009 - 4 अगस्त 2009 को देश में 6-14 वर्ष के बालकों के लिए मुफ्त व अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार प्रदान किए जाने सम्बंधी विधेयक लोकसभा में पारित किया गया। राज्य सभा ने इस विधेयक को पहले से ही पारित कर दिया था।
शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने के सर्वोच्च न्यायालय के 1993 के ऐतिहासिक फैसले के 17 वर्ष बाद और संसद में इस सम्बन्ध में 2002 में 86वाँ संशोधन होने के सात साल बाद यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो सका। इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 है। इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत पर होगा। इसके अन्तर्गत प्रमुख प्रावधान निम्नवत् हैं -
1. नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार [धारा (3)] के अनुसार छः से चौदह वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बालक को प्रारम्भिक शिक्षा पूरी होने तक किसी आस-पास के विद्यालय में निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होगा।
2. कोई बालक किसी प्रकार के शुल्क या प्रभार या व्यय का संदाय करने के लिए दायी नहीं होगा, जो प्रारम्भिक शिक्षा लेने व पूरी करने से उसे वंचित करे।
3. छ: वर्ष व इससे अधिक की आयु के बालक को किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया है या प्रवेश तो दिया गया किन्तु प्रारम्भिक शिक्षा पूरी नहीं कर सका, तो उसे उसकी आयु के अनुसार समुचित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
4. अधिनियम की धारा (5) के अन्तर्गत यदि किसी बालक की किसी विद्यालय में प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने की व्यवस्था नहीं होने पर बालक को अन्य विद्यालय में स्थानान्तरण का अधिकार होगा।
5. अधिनियम की धारा (6) के अनुसार इस अधिनियम के लागू होने के तीन वर्षों के अन्तर्गत निर्धारित क्षेत्र या सीमा के भीतर विद्यालय स्थापित करना अनिवार्य होगा। साथ ही स्कूलों का बुनियादी ढांचा भी इस विधि में सुधारा जाएगा।
6. धारा (15) के अनुसार बालक के प्रवेश के समय जन्म प्रमाण-पत्र या अन्य कोई निर्धारित आयु प्रमाण-पत्र न होने पर उसे प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा।
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